Jamshedpur Holika: मारवाड़ी समाज ने निभाई 100 साल पुरानी परंपरा, जानें खासियत
जमशेदपुर में मारवाड़ी समाज ने 100 साल पुरानी परंपरा के तहत गोबर के कंडों से होलिका दहन किया। जानें क्यों खास है यह परंपरा और इसके पीछे की पूरी कहानी!

जमशेदपुर – पूरे देश में होलिका दहन की धूम मची हुई है, लेकिन जमशेदपुर के मारवाड़ी समाज ने इस साल भी अपनी अनूठी परंपरा को कायम रखा। जहां आमतौर पर लोग लकड़ियों से होलिका जलाते हैं, वहीं यह समाज गोबर के कंडों से होलिका दहन करता है। यह परंपरा 100 साल से भी अधिक समय से चली आ रही है।
डांडा रोपण से हुई शुरुआत, मंत्रोच्चार से गूंजा माहौल
मारवाड़ी सम्मेलन साकची शाखा द्वारा आमबगान मैदान में भव्य होलिका दहन का आयोजन किया गया। बुधवार को डांडा रोपण के साथ पूजन कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। मुख्य यजमान शंकर सिंघल रहे, जबकि पूजन विधि का संचालन पंडित बसंत जोशी, पुरषोत्तम जोशी, दीपक जोशी और रवि जोशी के मार्गदर्शन में हुआ।
पूजा स्थल पर सैकड़ों की संख्या में मारवाड़ी परिवार जुटे, जिन्होंने पारंपरिक रीति-रिवाजों के अनुसार पूजा-अर्चना की। महिलाओं ने मंगलगीत गाए और सुख-समृद्धि की कामना की।
क्यों खास है मारवाड़ी समाज का होलिका दहन?
- लकड़ी की जगह गोबर के कंडे – पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए मारवाड़ी समाज लकड़ी जलाने की बजाय कंडों से होलिका दहन करता है।
- 100 साल पुरानी परंपरा – जमशेदपुर में मारवाड़ी समाज बीते सौ वर्षों से भी अधिक समय से इसी तरह होलिका दहन कर रहा है।
- सामूहिक पूजा – शहर के विभिन्न हिस्सों से आए सैकड़ों परिवार एक साथ पूजा-अर्चना करते हैं, जिससे सामाजिक एकता का संदेश जाता है।
इतिहास में झांकें तो...
होलिका दहन की परंपरा का उल्लेख पुराणों में भी मिलता है। भगवान विष्णु के भक्त प्रह्लाद को जब उसकी बुआ होलिका ने जलाने की कोशिश की, तो खुद होलिका जल गई और प्रह्लाद बच गए। तभी से यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है।
मारवाड़ी समाज का गोबर के कंडों से होलिका दहन करने का तरीका भी प्रकृति प्रेम और सतर्कता को दर्शाता है। वर्षों पहले राजस्थान और अन्य शुष्क क्षेत्रों में लकड़ी की कमी के कारण कंडों से होलिका दहन की परंपरा शुरू हुई थी, जो आज भी कायम है।
बड़े स्तर पर हुआ आयोजन, कौन-कौन रहे शामिल?
इस भव्य आयोजन में समाज के प्रतिष्ठित लोग भी मौजूद रहे, जिनमें प्रमुख रूप से –
बजरंग अग्रवाल, बबलु अग्रवाल, सन्नी संघी, संतोष अग्रवाल, ओमप्रकाश रिंगासिया, कमल अग्रवाल, पवन सिंघानिया, अमित अग्रवाल, विमल रिंगासिया, रमेश मुनका, अभिषेक अग्रवाल गोलडी, पंकज संघी, सुभाष शाह, अमर अग्रवाल, मनोज मुनका, निर्मल पटवारी, नरेश सिंघानिया आदि शामिल रहे।
आज होगा रंगों का धमाल!
पूजन कार्यक्रम के बाद सभी ने एक-दूसरे को गुलाल लगाकर होली की अग्रिम शुभकामनाएं दीं। गुरुवार को जमशेदपुर समेत पूरे देश में रंगों का पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा।
What's Your Reaction?






