Jamshedpur: स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 के लिए प्रशासन ने उठाए महत्वपूर्ण कदम, जानिए कैसे होगा सुधार!
जमशेदपुर में स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 को लेकर प्रशासन ने अहम निर्देश दिए हैं। बैठक में कचरा प्रबंधन से लेकर सीवेज श्रमिकों की सुरक्षा तक, सभी पहलुओं पर चर्चा की गई।
जमशेदपुर: इस वर्ष स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 के मद्देनजर उपायुक्त श्री अनन्य मित्तल की अध्यक्षता में जमशेदपुर में एक अहम समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिले के सभी निकायों के अधिकारियों ने भाग लिया, और स्वच्छता को लेकर आने वाली चुनौतियों और समाधान पर चर्चा की गई। प्रशासन ने स्वच्छ सर्वेक्षण में बेहतर रैंकिंग हासिल करने के लिए कई नई पहलें शुरू की हैं, जिनका उद्देश्य केवल शहर की साफ-सफाई को बेहतर बनाना नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय और श्रमिकों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करना है।
स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए प्रशासन की नई रणनीतियां
बैठक में श्री कृष्ण कुमार, उप नगर आयुक्त, जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति ने स्वच्छ सर्वेक्षण के लिए विभिन्न बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा की। प्रशासन ने door to door कचरा संग्रहण, सोर्स सेग्रेगेशन, सिंगल यूज्ड प्लास्टिक बैन, और ऑन साईट कंपोस्टिंग जैसे कदमों को प्राथमिकता देने का निर्णय लिया है। इस बार प्रशासन का उद्देश्य व्यावसायिक क्षेत्रों में सफाई को लेकर नए नियम लागू करना और खुले शौच पर प्रतिबंध लगाना है। इन सभी पहलुओं के बारे में उपायुक्त महोदय ने निकायों को चरणबद्ध तरीके से कार्य करने के निर्देश दिए हैं।
जमशेदपुर होटल एसोसिएशन, RWA, बिल्डर्स एसोसिएशन और चैम्बर ऑफ कॉमर्स के सहयोग से स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 को एक जन आंदोलन बनाने की योजना है। प्रशासन की मंशा है कि शहर के हर नागरिक को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया जाए, ताकि स्वच्छ सर्वेक्षण में बेहतर रैंकिंग हासिल हो सके।
सीवेज और सेप्टिक श्रमिकों के लिए सुरक्षा की नई पहल
बैठक में एक और महत्वपूर्ण पहल का जिक्र किया गया, जो सीवेज और सेप्टिक टैंक श्रमिकों की सुरक्षा से जुड़ी हुई है। नमस्ते योजना के तहत, जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति ने इन श्रमिकों को पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट्स (PPE) किट प्रदान की है। इस किट में सुरक्षा हेलमेट, गैस डिटेक्टर, एयरलाइन श्वसन इकाई, और बॉडी वेडर सूट जैसे जरूरी उपकरण शामिल हैं, जिनका उद्देश्य श्रमिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देना है।
यह पहल उप नगर आयुक्त अपूर्वा तोमर, सिटी मैनेजर ज्योति पुंज, और अन्य अधिकारियों के मार्गदर्शन में की गई है। नमस्ते योजना का उद्देश्य खतरनाक सफाई प्रथाओं को खत्म करना और स्वच्छता पारिस्थितिकी तंत्र को सुधारना है। इस योजना के तहत, श्रमिकों को न केवल सुरक्षा उपकरण दिए जा रहे हैं, बल्कि उन्हें स्वास्थ्य बीमा और आजीविका सहायता भी प्रदान की जा रही है।
स्वच्छता के लिए प्रशासन की प्रतिबद्धता
इस बैठक में यह साफ तौर पर कहा गया कि स्वच्छता सर्वेक्षण केवल कचरे का निपटान या साफ-सफाई तक सीमित नहीं है, बल्कि यह श्रमिकों की सुरक्षा, व्यावसायिक प्रशिक्षण, और स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करने का भी एक बड़ा अभियान है। इससे न केवल पर्यावरण में सुधार होगा, बल्कि समाज के उन वर्गों की भी सुरक्षा होगी, जो स्वच्छता कार्यों से जुड़े हुए हैं।
श्री अनन्य मित्तल ने इस अभियान को जन आंदोलन का रूप देने की बात कही है, ताकि शहरवासी इस अभियान में सक्रिय रूप से भाग लें और स्वच्छता सर्वेक्षण में अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकें।
जमशेदपुर के प्रशासन की यह पहल न केवल शहर की स्वच्छता को बेहतर बनाएगी, बल्कि सामाजिक न्याय को भी सुनिश्चित करेगी। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 में इन पहलुओं का कितना असर पड़ता है, और क्या जमशेदपुर स्वच्छता के क्षेत्र में देशभर में एक नई मिसाल कायम कर पाएगा।
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