Jamshedpur Bodybuilding Silver medal : प्रशांत नेशनल बॉडीबिल्डिंग में झारखंड का बढ़ाया मान
जमशेदपुर के प्रशांत सिंह ने नेशनल बॉडीबिल्डिंग चैंपियनशिप में सिल्वर जीतकर झारखंड का नाम रोशन किया। जानें उनकी प्रेरणादायक कहानी और नेताओं ने कैसे किया सम्मानित।
जमशेदपुर, झारखंड। लौहनगरी जमशेदपुर के प्रशांत कुमार सिंह उर्फ़ गोलू ने कर्नाटक के बेलगावी में 14-16 जनवरी 2025 को आयोजित 16वीं सीनियर नेशनल बॉडीबिल्डिंग चैंपियनशिप में 100 किलोग्राम वर्ग में सिल्वर मेडल जीतकर राज्य का नाम गौरवान्वित किया। टाटा मोटर्स के टाउन विभाग में कार्यरत प्रशांत ने कठिन परिस्थितियों में भी अपने जज्बे को बनाए रखा और राष्ट्रीय स्तर पर झारखंड को नई पहचान दिलाई।
प्रशांत की सफलता की कहानी: संघर्ष और मेहनत की मिसाल
प्रशांत का कहना है कि उनके कोच के असामयिक निधन ने उनकी तैयारियों को झटका दिया, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने कहा, "मेरे कोच का सपना था कि मैं अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश और राज्य का नाम रोशन करूं। अब मेरा लक्ष्य ऐशियन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतना है।" प्रशांत की यह कहानी उन युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो मुश्किलों से लड़कर अपने सपनों को साकार करना चाहते हैं।
इतिहास में झारखंड के खिलाड़ी और बॉडीबिल्डिंग का सफर
झारखंड ने हमेशा खेलों में अपनी पहचान बनाई है, फिर चाहे वह क्रिकेट हो, हॉकी, या अब बॉडीबिल्डिंग। प्रशांत की इस उपलब्धि ने राज्य के खिलाड़ियों की संघर्षशीलता और क्षमता को फिर से सिद्ध कर दिया है। 2000 में झारखंड के गठन के बाद, राज्य ने कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को तैयार किया। प्रशांत जैसे प्रतिभाशाली खिलाड़ी इन प्रयासों का जीता-जागता उदाहरण हैं।
विधायक और नेताओं ने की प्रशांत की सराहना
जमशेदपुर पूर्वी की विधायक पूर्णिमा दास साहू ने प्रशांत को अपने आवासीय कार्यालय में सम्मानित किया। उन्होंने शॉल ओढ़ाकर और मिठाई खिलाकर प्रशांत को बधाई दी। उन्होंने कहा, "झारखंड के युवाओं को सरकार की ओर से हरसंभव सहयोग मिलना चाहिए। प्रशांत हमारे राज्य के युवाओं के लिए प्रेरणा हैं।"
भाजपा नेता दिनेश कुमार ने भी प्रशांत को अंगवस्त्र और पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया। उन्होंने कहा, "प्रशांत की यह सफलता दिखाती है कि युवाओं को नशा और अन्य बुरी आदतों से दूर रहकर अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। प्रशांत ने यह साबित कर दिया है कि कड़ी मेहनत और अनुशासन से सबकुछ संभव है।" दिनेश कुमार ने जिला खेल पदाधिकारी से प्रशांत को और अधिक सम्मान दिलाने की अपील भी की।
युवाओं के लिए संदेश: प्रेरणा और उत्साह का स्रोत
प्रशांत की उपलब्धि सिर्फ एक पदक जीतने की कहानी नहीं है, बल्कि यह संघर्ष, मेहनत, और दृढ़ संकल्प का प्रमाण है। प्रशांत ने यह साबित किया कि जब हौसला बुलंद हो तो कोई भी मुश्किल रास्ता पार किया जा सकता है।
झारखंड के युवा प्रशांत की इस सफलता से प्रेरणा लेकर अपने भविष्य को संवार सकते हैं। जरूरत है बस अपने सपनों को पूरा करने के लिए पूरी लगन और मेहनत के साथ कदम बढ़ाने की।
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