जंगल के रास्ते से घर लौटते समय अचानक दो हाथियों के हमले से खैरबनी के मजदूरों पर संकट टूट पड़ा। चाकुलिया प्रखंड के शाकाभांगा गांव के पास हुई इस घटना में बरियाल टुडू (31) घायल हो गए, जबकि अभी महाकुड़ (40) बाल-बाल बच गए।
बरियाल टुडू और अभी महाकुड़ खैरबनी से मजदूरी कर सोमवार शाम को साइकिल से घर लौट रहे थे। जैसे ही वे शाकाभांगा गांव के स्कूल टोला के पास पहुंचे, दो हाथियों ने अचानक उन्हें घेर लिया। बरियाल टुडू आगे चल रहे थे और अभी महाकुड़ पीछे। आगे चल रहे बरियाल टुडू को हाथियों ने खदेड़ कर पैर से धकेल दिया, जिससे वह पास के गड्ढे में गिर गए और घायल हो गए।
अभी महाकुड़ ने हाथियों को देख भागने की कोशिश की और किसी तरह अपनी जान बचाई। हाथियों के हमले से बरियाल टुडू का पैर फ्रैक्चर हो गया। दोनों ने जैसे-तैसे भाग कर अपनी जान बचाई और ग्रामीणों को घटना की सूचना दी।
बरियाल टुडू का प्रारंभिक इलाज पिताजुड़ी में हुआ और मंगलवार सुबह उन्हें चाकुलिया के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया। यहां प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. रंजीत कुमार मुर्मू ने उनका इलाज किया और बेहतर इलाज के लिए उन्हें झाड़ग्राम रेफर कर दिया।
वन विभाग के वनरक्षी विप्लव कुमार और भादूराम सोरेन भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे और सरकारी प्रावधान के तहत घायल के इलाज के लिए तत्काल 5000 रुपए की सहायता राशि दी।
इस घटना ने एक बार फिर जंगल के किनारे बसे ग्रामीणों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। वन विभाग के अधिकारी ग्रामीणों को सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं और हाथियों की गतिविधियों पर नजर रखने की बात कह रहे हैं।
ग्रामीणों ने इस हमले के बाद वन विभाग से अपील की है कि वे हाथियों की गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखें और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाएं।