Jharkhand Arrested: दोस्त महाकुंभ में और ये दे रहा था बोर्ड एग्जाम, फिर हुआ ऐसा खुलासा कि पुलिस भी रह गई दंग!
Jharkhand के चतरा में JAC Board Exam 2025 में एक बड़ा खुलासा! महाकुंभ स्नान करने गया दोस्त और उसकी जगह परीक्षा दे रहा था दूसरा युवक, फिर पुलिस ने पकड़ लिया! जानिए पूरा मामला।

JAC Board Exam 2025 झारखंड में इंटरमीडिएट परीक्षा के दौरान एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। एक युवक अपने दोस्त की जगह परीक्षा देते पकड़ा गया, और वजह जानकर आप भी चौंक जाएंगे! असली परीक्षार्थी महाकुंभ स्नान करने प्रयागराज चला गया था, और उसकी जगह दूसरा शख्स आंसर शीट भर रहा था! लेकिन परीक्षा निरीक्षकों ने इस नकलची को रंगे हाथ पकड़ लिया, और फिर जो हुआ वो किसी फिल्मी सीन से कम नहीं!
ऐसे हुआ फर्जी परीक्षार्थी का खुलासा!
Jharkhand के चतरा जिले के टंडवा स्थित राज्य संपोषित प्लस टू उच्च विद्यालय परीक्षा केंद्र में यह मामला सामने आया। 22 साल का प्रिंस कुमार, जो हजारीबाग के केरेडारी थाना क्षेत्र के जोको गांव का रहने वाला है, वनांचल इंटर कॉलेज, टंडवा के स्टूडेंट रोहित कुमार साव की जगह इंटरमीडिएट परीक्षा दे रहा था।
सबकुछ सही चल रहा था, लेकिन वीक्षकों (परीक्षा निरीक्षकों) को शक हुआ। जब उसकी पहचान पत्र और हॉल टिकट की जांच की गई तो मामला पकड़ में आ गया। देखते ही देखते सेंटर पर हड़कंप मच गया और तुरंत पुलिस को बुलाया गया।
पुलिस की एंट्री और फिर बड़ा एक्शन!
जैसे ही पुलिस को सूचना मिली, वो मौके पर पहुंच गई और फर्जी परीक्षार्थी को गिरफ्तार कर लिया। केंद्राधीक्षक नीरज कुमार ने खुद शिकायत दर्ज कराई और आरोपी को टंडवा पुलिस के हवाले कर दिया गया। पुलिस ने कदाचार और परीक्षा में धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर आरोपी को जेल भेज दिया।
थाना प्रभारी उमेश राम ने बताया कि रोहित कुमार साव, जो असली परीक्षार्थी था, वो इस वक्त प्रयागराज में महाकुंभ स्नान कर रहा था। मतलब, परीक्षा छोड़कर धर्म-कर्म में व्यस्त था, और उसकी जगह उसका दोस्त परीक्षा देने पहुंच गया!
परीक्षा में नकल और फर्जीवाड़ा: कितनी पुरानी है ये परंपरा?
भारत में परीक्षा में नकल और फर्जी परीक्षार्थियों का खेल कोई नई बात नहीं है। बिहार और झारखंड जैसे राज्यों में इस तरह की घटनाएं पहले भी देखी गई हैं।
1970 और 1980 के दशक में बिहार बोर्ड की परीक्षाओं में खुलेआम नकल हुआ करती थी, और कई बार तो पूरे परिवार मिलकर स्टूडेंट को परीक्षा दिलवाते थे!
2015 में बिहार टॉपर स्कैम भी याद होगा, जहां एक लड़की टॉप आई थी, लेकिन उसे बेसिक सवालों के जवाब तक नहीं पता थे!
2022 में उत्तर प्रदेश में भी 250 से ज्यादा फर्जी परीक्षार्थी पकड़े गए थे, जो दूसरों की जगह परीक्षा देने पहुंचे थे।
मतलब नकल की इस परंपरा ने समय के साथ नए रूप ले लिए हैं, लेकिन बंद नहीं हुई!
झारखंड बोर्ड को उठाने होंगे सख्त कदम!
JAC Board को अब इस मामले को गंभीरता से लेना होगा, क्योंकि अगर ऐसे ही चलता रहा, तो ईमानदारी से पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स के साथ नाइंसाफी होगी।
परीक्षा केंद्रों पर बायोमेट्रिक सिस्टम लगाना चाहिए, ताकि असली और नकली स्टूडेंट्स की पहचान तुरंत हो सके।
CCTV कैमरे और निगरानी बढ़ाई जाए, ताकि कोई फर्जी कैंडिडेट परीक्षा में घुस ही न सके।
सख्त सजा का प्रावधान किया जाए, ताकि कोई इस तरह की हरकत करने की हिम्मत न करे।
निष्कर्ष: महाकुंभ गया दोस्त, जेल गया फर्जी परीक्षार्थी!
झारखंड में परीक्षा को लेकर एक बड़ा फर्जीवाड़ा पकड़ा गया है।
एक युवक ने अपने दोस्त की जगह परीक्षा दी, लेकिन इंस्पेक्टर की नजरों से बच नहीं पाया।
पुलिस ने उसे पकड़कर जेल भेज दिया, जबकि असली परीक्षार्थी महाकुंभ में स्नान कर रहा था!
अब देखना यह होगा कि झारखंड सरकार और JAC बोर्ड इस पर क्या बड़ा कदम उठाते हैं! क्या परीक्षा में फर्जीवाड़ा रुक पाएगा या फिर हर साल ऐसे ही नकल माफिया हावी रहेंगे?
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