ट्रेन की चपेट में आने से हाथी के बच्चे की मौत, मां ने 5 घंटे तक किया विलाप – क्या इंसानों से ज्यादा भावुक होते हैं जानवर?
ओडिशा के सुंदरवन जिले में ट्रेन की चपेट में आकर एक हाथी के बच्चे की दर्दनाक मौत हो गई। मां हथिनी 5 घंटे तक ट्रैक पर विलाप करती रही।
हाथी के बच्चे की मौत पर मां का दिल दहला देने वाला विलाप
जानवरों में भी ममता का ऐसा दृश्य कम ही देखने को मिलता है जैसा ओडिशा के सुंदरवन जिले में देखने को मिला। बलांग पुलिस थाना के अंतर्गत बरसुआ वन रेंज के चोरधारा सेक्शन के पास एक दर्दनाक हादसा हुआ, जहां ट्रेन की चपेट में आने से एक हाथी के नन्हें बच्चे की जान चली गई। इस हादसे के बाद उसकी मां ने अपने मृत बच्चे के पास पांच घंटे तक विलाप किया, जो वहां मौजूद सभी लोगों के दिल को छू गया।
ट्रेन की चपेट में आकर गई जान, मां हथिनी ने नहीं छोड़ा साथ
रविवार की सुबह एक मालगाड़ी की टक्कर से हाथी के बच्चे की मौत हो गई। इस हादसे के बाद आसपास के जंगल से कुल छह हाथियों का झुंड मौके पर पहुंचा, जिनमें बच्चे की मां भी शामिल थी। बाकी हाथी थोड़ी देर बाद जंगल में लौट गए, लेकिन मां हथिनी ने बच्चे का साथ नहीं छोड़ा। वो लगभग पांच घंटे तक अपने साथी के साथ ट्रैक पर ही खड़ी रही, मानो यह उम्मीद कर रही हो कि उसका बच्चा फिर से उठ खड़ा होगा।
पांच घंटे तक ठप रही मालगाड़ियों की आवाजाही
घटना की जानकारी मिलते ही रेलवे के अधिकारी और पुलिस मौके पर पहुंचे, लेकिन हाथियों के झुंड को देखते हुए वे ट्रैक पर आगे बढ़ने का साहस नहीं जुटा पाए। इस कारण पांच घंटे तक रेलवे ट्रैफिक बंद रहा। जब हाथियों का झुंड वहां से हटा, तब जाकर बच्चे के शव को ट्रैक से हटाया गया और ट्रेनों की आवाजाही फिर से शुरू की जा सकी।
क्या जानवरों में इंसानों से ज्यादा होते हैं भावनाएं?
इस घटना ने सबको यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या जानवरों के दिल में इंसानों से ज्यादा गहरे भावनात्मक संबंध होते हैं? मां हथिनी का पांच घंटे तक अपने बच्चे के पास रहकर विलाप करना यह साबित करता है कि जानवर भी दर्द और दुःख को बखूबी महसूस करते हैं।
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