Prakash Parv : श्री गुरु नानक देव जी के 555वें प्रकाश पर्व पर चमकी जमशेदपुर: पूर्णिमा साहू ने सेवा और समर्पण का दिया संदेश
श्री गुरु नानक देव जी की 555वीं जयंती पर जमशेदपुर में भाजपा प्रत्याशी पूर्णिमा साहू ने कीर्तन दरबार में मत्था टेक आशीर्वाद लिया। जानें कैसे प्रकाश पर्व बना सिख समाज के सेवा और समर्पण का प्रतीक।"
जमशेदपुर में धूमधाम से मनाया गया श्री गुरु नानक देव जी का 555वां प्रकाश पर्व
जमशेदपुर का सिख समुदाय इस वर्ष एक ऐतिहासिक आयोजन का साक्षी बना। सिख धर्म के प्रथम गुरु और संस्थापक श्री गुरु नानक देव जी की 555वीं जयंती पर आयोजित प्रकाश पर्व में सिख समाज के साथ-साथ शहर के कई प्रतिष्ठित लोग शामिल हुए। इस भव्य आयोजन में भाजपा प्रत्याशी पूर्णिमा साहू ने भी भाग लेकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
गुरु नानक देव जी: प्रेरणा का अनमोल स्रोत
गुरु नानक देव जी का जीवन सिख धर्म के इतिहास में एक अहम स्थान रखता है। उनका संदेश मानवता, समानता, सेवा और भक्ति पर आधारित था। 15 अप्रैल 1469 को तलवंडी (वर्तमान में ननकाना साहिब, पाकिस्तान) में जन्मे गुरु नानक देव जी ने "एक ओंकार" और "सर्व मानव एक समान" के संदेश से समाज को नई दिशा दी।
सिख धर्म के पहले गुरु ने न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक बदलावों का मार्ग प्रशस्त किया। उन्होंने जाति-पांति और ऊंच-नीच की दीवारों को तोड़कर समाज को एकजुटता का पाठ पढ़ाया।
कीर्तन दरबार में पूर्णिमा साहू का संदेश
प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में आयोजित कीर्तन दरबार में भाजपा की जमशेदपुर पूर्वी प्रत्याशी पूर्णिमा साहू ने गुरु नानक देव जी के चरणों में मत्था टेका और आशीर्वाद लिया। साहू ने कहा:
"गुरु नानक देव जी का जीवन संपूर्ण मानवता के लिए प्रेरणादायी है। उनका त्याग, सेवा और समर्पण का भाव आज भी हमारे लिए अनुकरणीय है।"
उन्होंने नगरवासियों की खुशहाली और समृद्धि की प्रार्थना की और सिख समाज के त्याग और सेवा भाव की सराहना करते हुए कहा कि यह समाज पूरी दुनिया में भारत की संस्कृति और परंपराओं का गौरव बढ़ा रहा है।
प्रकाश पर्व का भव्य आयोजन
इस अवसर पर नगर कीर्तन का आयोजन किया गया, जिसमें पूरे शहर में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। नगर कीर्तन में सिख समाज के लोगों ने गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं को जन-जन तक पहुंचाने का काम किया। आयोजन के दौरान गुरु का प्रसाद, लंगर और सेवा कार्य प्रमुख आकर्षण रहे।
सिख समाज के त्याग और सेवा के प्रतीक इस आयोजन में शहरवासियों ने भी बढ़-चढ़कर भाग लिया। भाजपा प्रत्याशी पूर्णिमा साहू ने नगर कीर्तन में हिस्सा लेते हुए खुद भी सेवा कार्य में हाथ बंटाया।
सिख समाज का गौरवशाली इतिहास
सिख समाज का इतिहास त्याग, बलिदान और वीरता से भरा हुआ है। गुरु नानक देव जी ने जो संदेश दिए, वे केवल सिख धर्म तक सीमित नहीं हैं, बल्कि पूरे विश्व के लिए मार्गदर्शक हैं। उनकी शिक्षाएं धर्म, जाति, लिंग और वर्ग से परे जाकर एकता और मानवता की बात करती हैं।
सिख समुदाय ने भारत के इतिहास में कई अहम योगदान दिए हैं, चाहे वह स्वतंत्रता संग्राम हो या समाज सेवा। प्रकाश पर्व इसी इतिहास और संस्कृति का प्रतीक है।
सिख समाज का अभिनंदन
इस आयोजन में पूर्णिमा साहू को सिख समाज द्वारा सम्मानित किया गया। उनकी उपस्थिति को समाज ने खुले दिल से स्वीकार किया और उनके योगदान की सराहना की। इस दौरान साहू ने लंगर सेवा में भी भाग लिया और समाज के प्रति अपना आभार व्यक्त किया।
दीप और मानवता का संगम
प्रकाश पर्व न केवल सिख समाज के लिए बल्कि पूरे भारत के लिए एक प्रेरणा का त्योहार है। यह त्योहार हमें बताता है कि सच्चाई, सेवा और भक्ति से जीवन को कैसे बेहतर बनाया जा सकता है। जमशेदपुर में आयोजित यह प्रकाश पर्व न केवल एक धार्मिक आयोजन था बल्कि मानवता और भाईचारे का प्रतीक भी।
क्या आप भी इस आयोजन का हिस्सा बने? या क्या आप इससे प्रेरित हुए? अपने विचार कमेंट में जरूर बताएं!
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