Gumla Bridge: करोड़ों की लागत से बना पुल 10 साल में टेढ़ा, 15 हजार लोग परेशान
झारखंड के गुमला में करोड़ों की लागत से बना शंख नदी का पुल 10 साल में ही टेढ़ा हो गया। जानें, क्यों है 15 हजार की आबादी के लिए यह पुल परेशानी का कारण।
झारखंड के गुमला जिले में रायडीह प्रखंड के मरियम टोली शंख नदी पर बना 234 मीटर लंबा पुल आज अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। 2015 में करीब तीन करोड़ की लागत से तैयार हुआ यह पुल महज 10 साल में टेढ़ा हो गया। पुल का एक पिलर धंसने से यातायात बाधित होने का खतरा बढ़ गया है।
निर्माण के बाद से ही शुरुआत खराब
गुमला विशेष प्रमंडल ने इस पुल का निर्माण वित्तीय वर्ष 2011-12 में शुरू कराया था।
- निर्माण कार्य 2015 में पूरा हुआ।
- पहली ही बारिश में पुल का एक पिलर क्षतिग्रस्त हो गया।
- इसके बाद मरम्मत की योजनाएं बनती रहीं लेकिन काम शुरू नहीं हुआ।
15 हजार की आबादी के लिए परेशानी
अगर यह पुल बंद होता है, तो रायडीह और जारी ब्लॉक की 15 हजार की आबादी को भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
- रायडीह की केमटे पंचायत के लोगों को छत्तीसगढ़ जाने के लिए लंबा रास्ता तय करना पड़ेगा।
- आसपास के गांवों के निवासियों का संपर्क बाधित हो जाएगा।
क्या कहता है प्रशासन?
विशेष प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता महादेव उरांव ने बताया:
- क्षतिग्रस्त हिस्से के पुनर्निर्माण के लिए डीपीआर तैयार कर भेजा गया है।
- स्वीकृति मिलने के बाद मरम्मत कार्य शुरू होगा।
- मरम्मत में देरी से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
इतिहास के आइने में झारखंड का पुल निर्माण
झारखंड में पुल निर्माण की गुणवत्ता पर हमेशा सवाल उठते रहे हैं।
- 2008: पलामू जिले में एक पुल उद्घाटन से पहले ही ध्वस्त हो गया था।
- 2011: हजारीबाग के बड़कागांव में बारिश के कारण नया पुल बह गया।
ऐसी घटनाएं झारखंड में निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और निगरानी पर गंभीर सवाल खड़े करती हैं।
क्षेत्र में ट्रेनों का भी हाल बेहाल
गुमला के पुल की तरह झारखंड के रेल यातायात में भी बदलाव और रद्द ट्रेनों की वजह से लोग परेशान हैं।
- हटिया-टाटानगर एक्सप्रेस: 7 से 16 जनवरी तक रद्द।
- रांची-हावड़ा एक्सप्रेस: 7 और 12 जनवरी को रद्द।
- कई ट्रेनों के मार्ग में बदलाव किया गया है।
रेलवे ने सिरमटोली फ्लाईओवर के निर्माण के लिए ब्लॉक लिया है, जिसके कारण ट्रेनों का परिचालन प्रभावित हो रहा है।
भविष्य में क्या उम्मीद?
पुल के पुनर्निर्माण और ट्रेनों की बहाली के लिए प्रशासनिक प्रयास जारी हैं।
- डीपीआर स्वीकृति: मरम्मत के लिए सरकार की हरी झंडी का इंतजार।
- यातायात बहाली: मरम्मत के बाद पुल को सुरक्षित घोषित किया जाएगा।
What's Your Reaction?