Govindpur Controversy: वीर कुमार सिंह ने गोबिंदपुर विवाद पर उठाए सवाल, क्या समाज की गरिमा के खिलाफ था वनभोज?
गोबिंदपुर के क्षत्रिय समाज का वनभोज और कार्यक्रम पर क्या बोले वीर कुमार सिंह? जानें इस विवाद के पीछे की पूरी कहानी।
गोबिंदपुर: गोबिंदपुर क्षत्रिय संघ इकाई के परिवारिक मिलन समारोह ने समाज के अंदर एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। इस कार्यक्रम में विधायक को मुख्य अतिथि बनाए जाने के खिलाफ क्षत्रिय समाज के अग्रज कन्हैया सिंह ने आवाज उठाई और उनके समर्थन में वीर कुमार सिंह ने कई तीखे सवाल किए हैं। क्या यह समारोह समाज की गरिमा को बनाए रखने के बजाय, व्यक्तिगत और राजनीतिक लाभ की ओर इशारा करता है? आइए जानते हैं इस विवाद के पीछे की पूरी कहानी।
गोबिंदपुर के 19 वर्षीय युवक की सड़क दुर्घटना में मृत्यु: समाज की चुप्पी
31 दिसंबर को गोबिंदपुर के एक 19 वर्षीय युवक की सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी, और इस घटना के बाद गोबिंदपुर क्षत्रिय संघ ने वनभोज आयोजित किया। वीर कुमार सिंह ने इस पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब एक परिवार को इस तरह के दुख का सामना करना पड़ा हो, तो समाज के बड़े पदाधिकारी को उन्हें सांत्वना देने के लिए क्यों नहीं भेजा गया? उन्होंने इसे गोबिंदपुर क्षत्रिय इकाई की मानसिकता की एक झलक बताया, जो केवल अपने राजनीतिक आकाओं को खुश करने के लिए इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करती है।
अपमानित हुए अशोक सिंह, राष्ट्रपति पुरस्कार विजेता
वीर कुमार सिंह ने कहा कि गोबिंदपुर क्षत्रिय संघ की ओर से इस बार अपने समाज के एक गौरवमयी सदस्य, अशोक सिंह को सम्मानित नहीं किया गया, जो राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित हो चुके हैं। उनका कहना था कि यदि अशोक सिंह को सम्मानित किया जाता, तो यह समाज के लिए गर्व की बात होती, लेकिन उन्हें कार्यक्रम में न बुलाकर अपमानित किया गया। यह समाज के लिए एक बड़ा आघात था, क्योंकि अशोक सिंह जैसे व्यक्तित्व को नजरअंदाज करना समाज के भविष्य के लिए चिंता का विषय है।
कन्हैया सिंह पर निंदा प्रस्ताव लाना हास्यास्पद
वहीं, कन्हैया सिंह जैसे समाज के वरिष्ठ और राजनीतिक व्यक्तित्व के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाने को वीर कुमार सिंह ने हास्यास्पद करार दिया। उनका कहना था कि कन्हैया सिंह ने हमेशा समाज की भलाई के लिए काम किया है और उनका परिवार भारतीय इतिहास में योगदान देने वाले परिवारों में शामिल है। इस तरह के प्रस्ताव से समाज को कोई फायदा नहीं होने वाला, बल्कि यह समाज में दरार डालने का काम करेगा।
श्याम किशोर सिंह पर गंभीर सवाल
वीर कुमार सिंह ने गोबिंदपुर क्षत्रिय संघ के अध्यक्ष श्याम किशोर सिंह से कुछ गंभीर सवाल पूछे। उन्होंने कहा, "आप जब से अध्यक्ष बने हैं, तब से समाज के लिए कितना कार्य किया है? कितनी बार रक्तदान शिविर लगाए हैं? गोविंदपुर के कितने क्षत्रीय परिवारों के दुख-दर्द में आप खड़े हुए हैं?" उनका कहना था कि साल में एक बार वनभोज करना समाज की असली समस्याओं से आंखें मूंदने जैसा है।
राजनीतिक और व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाएं समाज को कमजोर करती हैं
वीर कुमार सिंह ने इस पर भी प्रतिक्रिया दी कि कुछ लोग समाज की एकता को कमजोर करते हैं, जो केवल राजनीतिक या व्यक्तिगत महत्वकांक्षाओं को पूरा करने के लिए ऐसे कार्यक्रम आयोजित करते हैं। उन्होंने कहा, "ऐसे लोग समाज के लिए नहीं, बल्कि अपने स्वार्थ के लिए काम करते हैं और समाज को पीछे खींचते हैं।"
गोबिंदपुर के क्षत्रिय समाज के लिए क्या करना चाहिए?
वीर कुमार सिंह ने केंद्रीय अध्यक्ष शंभु सिंह और संरक्षक चंद्रगुप्त सिंह से आग्रह किया है कि गोबिंदपुर क्षत्रिय समाज के वरिष्ठ लोगों की आम सहमति से एक ऐसा अध्यक्ष चुना जाए जो समाज को आगे बढ़ाने का कार्य करे और अपने व्यक्तिगत स्वार्थ से ऊपर उठकर समाज के कल्याण के लिए काम करे। उनका मानना है कि समाज को सशक्त बनाने के लिए केवल सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है, न कि व्यक्तिगत और राजनीतिक स्वार्थों के लिए आयोजनों की।
गोबिंदपुर के इस परिवारिक मिलन समारोह और वनभोज के बाद की यह विवादित स्थिति समाज के अंदर एक गहरी चिंता का विषय बन चुकी है। क्या यह कार्यक्रम सच में समाज की एकता और गरिमा को बनाए रखने के लिए था, या फिर यह किसी और उद्देश्य के लिए आयोजित किया गया था? समय बताएगा कि गोबिंदपुर के क्षत्रिय समाज में इस विवाद के बाद कौन सा नया मोड़ आता है।
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