Gonda Raid: रेलवे इंजीनियर रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार, CBI की दबिश से रेलवे महकमे में मचा हड़कंप
गोंडा रेलवे सेक्शन में CBI की छापेमारी, 50,000 रुपये रिश्वत लेते हुए सीनियर इंजीनियर गिरफ्तार। रेलवे में मचा हड़कंप, ट्रैक जांच मशीन और खरीद संबंधित दस्तावेज जब्त।
गोंडा, 13 नवंबर: पूर्वोत्तर रेलवे के गोंडा सेक्शन में बुधवार को सीबीआई की एंटी करप्शन टीम ने भ्रष्टाचार की शिकायत पर बड़ा कदम उठाते हुए इंजीनियरिंग विभाग में छापेमारी की। इस दौरान गोंडा में तैनात सीनियर सेक्शन इंजीनियर (रेल पथ) अरुण कुमार मिश्रा को 50 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया। रेलवे विभाग में घूसखोरी के इस मामले ने हड़कंप मचा दिया है, और सभी अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं।
सीबीआई टीम की रणनीति और छापे की घटना
बुधवार को लगभग 11:45 बजे, सीबीआई की लखनऊ एंटी करप्शन विंग की टीम ने गोंडा रेलवे स्टेशन के पास स्थित उपमंडलीय रेलवे अस्पताल के पास पहुंचकर अपनी योजना को अंजाम दिया। टीम ने रेलवे इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के ट्रैक डिपो में पहुंचकर जाल बिछाया। इस दौरान, सीनियर सेक्शन इंजीनियर अरुण कुमार मिश्रा को एक ठेकेदार से लोडिंग और अनलोडिंग के नाम पर रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया।
रेलवे में खलबली, अधिकारियों की खामोशी
सीबीआई की इस कार्रवाई से पूरे रेलवे विभाग में हड़कंप मच गया। सीबीआई टीम ने रेलवे ट्रैक से जुड़ी सामग्री खरीद प्रक्रिया के सभी दस्तावेजों को भी खंगाला और संबंधित कागजात को जब्त कर लिया। इसके साथ ही, ट्रैक जांच मशीन को भी कब्जे में ले लिया गया है, जो इस खरीद प्रक्रिया में कथित गड़बड़ी का एक अहम हिस्सा थी।
सवालों से बचते रेलवे अधिकारी और सीबीआई की पूछताछ
सीनियर सेक्शन इंजीनियर अरुण कुमार मिश्रा से सीबीआई टीम ने गहन पूछताछ की, लेकिन उनके गोलमोल जवाबों ने उनकी मुश्किलें और बढ़ा दीं। मामले से जुड़े अन्य दस्तावेजों को जब्त करते हुए सीबीआई टीम ने करीब दो घंटे तक इंजीनियरिंग विभाग की गहराई से छानबीन की। रेल प्रशासन के कई अधिकारी इस बारे में कुछ भी कहने से कतरा रहे हैं, जबकि पूरी कार्रवाई के दौरान रेलवे स्टेशन पर खलबली का माहौल बना रहा।
क्या है गोंडा रेलवे का रिश्वत कांड?
पूर्वोत्तर रेलवे के इंजीनियरिंग विभाग में भ्रष्टाचार के आरोप पिछले कुछ समय से चर्चा में थे, जिसमें बड़े पैमाने पर खरीद प्रक्रियाओं में गड़बड़ी के आरोप लगे थे। ऐसा माना जा रहा है कि ट्रैक से जुड़ी सामग्रियों की खरीद और ठेकेदारों से मिलीभगत का एक संगठित ढांचा विकसित हो चुका था, जिसमें रिश्वत के तौर पर मोटी रकम ली जाती थी। सीबीआई को लंबे समय से इस मामले में जानकारी मिल रही थी, और बुधवार की छापेमारी इसी कड़ी का हिस्सा थी।
रेलवे की छवि पर असर और सीबीआई की अगली योजना
रेलवे जैसे महत्वपूर्ण विभाग में इस तरह के भ्रष्टाचार के मामले ने जनता का विश्वास हिला दिया है। सीबीआई ने इस घटना के साथ ही गोंडा रेलवे सेक्शन के अन्य मामलों की जांच का संकेत दिया है, जो कि विभाग के अन्य कर्मियों और अधिकारियों के लिए एक चेतावनी के तौर पर देखा जा रहा है।
गोंडा रेलवे सेक्शन में रिश्वत के इस खुलासे ने एक बार फिर से सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार की गहरी जड़ें उजागर कर दी हैं। सीबीआई की सख्ती और कार्रवाई से यह साफ है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान तेजी से आगे बढ़ रहा है।
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