Bihar Entry Drama: परीक्षा छूटने का डर या जुनून? दीवार कूदती छात्रा का वीडियो वायरल

बिहार के एक परीक्षा केंद्र का वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक छात्रा दीवार फांदकर परीक्षा में पहुंचने की कोशिश करती दिख रही है। इस वीडियो ने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी है।

Apr 21, 2025 - 19:13
 0
Bihar Entry Drama: परीक्षा छूटने का डर या जुनून? दीवार कूदती छात्रा का वीडियो वायरल
Bihar Entry Drama: परीक्षा छूटने का डर या जुनून? दीवार कूदती छात्रा का वीडियो वायरल

"जब हौसला बना हो लोहे का...तो 10 फीट की दीवार भी रुकावट नहीं बनती!"
इन दिनों सोशल मीडिया पर एक ऐसा ही हैरान कर देने वाला वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसने न केवल परीक्षा प्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं बल्कि छात्रों के मानसिक दबाव और पारिवारिक समर्थन की एक नई तस्वीर पेश की है।

क्या है वायरल वीडियो का मामला?

वीडियो में देखा जा सकता है कि एक लड़की करीब 10 फीट ऊंची दीवार पर चढ़ती है, हाथ-पैर से ईंटों को पकड़ती है और कूदकर परीक्षा केंद्र के अंदर प्रवेश करती है।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि उसके माता-पिता ही उसे इस स्टंट के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।
यह वीडियो इंस्टाग्राम पर @bihari_yoddha नाम के अकाउंट से शेयर किया गया है, जिसे अब तक 7 लाख से ज्यादा लोग देख चुके हैं।

छात्रा को क्यों करनी पड़ी यह हरकत?

बताया जा रहा है कि छात्रा निर्धारित समय के बाद परीक्षा केंद्र पहुंची थी।
जैसा कि परीक्षा नियमों में होता है, गेट समय पर बंद हो जाता है और देर से आने वाले छात्रों को प्रवेश नहीं दिया जाता।
इसी वजह से छात्रा ने दीवार कूदने का रास्ता चुना।

यह कोई पहला मामला नहीं है—बीते कुछ हफ्तों में ऐसे कई वीडियो सामने आए हैं जिनमें छात्र देर होने के कारण दीवारें फांदते, खिड़कियों से घुसते या गेट पर बहस करते नजर आ रहे हैं।

इतिहास क्या कहता है?

भारत में परीक्षाओं को लेकर सामाजिक और पारिवारिक दबाव बीते कई दशकों से एक गंभीर विषय रहा है।
1980 के दशक में जब पहली बार प्रतियोगी परीक्षाओं की होड़ शुरू हुई, तभी से समय की पाबंदी को सबसे बड़ा अनुशासन माना गया।
लेकिन पिछले कुछ वर्षों में परीक्षा के दिन तनाव और व्यवस्था की कठोरता के चलते छात्र इस तरह के कदम उठाने लगे हैं।

2006 में यूपी के एक बोर्ड परीक्षा केंद्र में भी ऐसा ही मामला सामने आया था, जब एक छात्रा खिड़की तोड़कर अंदर घुसी थी।
उस समय भी मीडिया में यह बहस छिड़ी थी कि "क्या परीक्षा नियम इंसानियत से ऊपर हैं?"

क्या ये जुनून है या शिक्षा व्यवस्था की विफलता?

एक ओर जहां छात्रा का यह कदम उसके जुनून और परीक्षा को लेकर गंभीरता को दिखाता है, वहीं दूसरी ओर यह शिक्षा व्यवस्था की संवेदनहीनता पर सवाल भी खड़े करता है।

सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने कहा—

"समय पर आना जरूरी है, लेकिन क्या इंसान गलती नहीं कर सकता?"

वहीं कुछ ने लिखा—

"परीक्षा तो जीवन का एक हिस्सा है, लेकिन जान जोखिम में डालना समझदारी नहीं।"

माता-पिता की भूमिका पर सवाल

वीडियो में लड़की के माता-पिता उसे दीवार कूदने के लिए कह रहे हैं।
यह दृश्य लोगों को सोचने पर मजबूर करता है कि क्या अब अभिभावक भी अंकों की दौड़ में मानवीय मूल्य भूल चुके हैं?
क्या परीक्षा के लिए यह अतिउत्साह बच्चों पर अनजाने में दबाव नहीं बना रहा?

सोशल मीडिया का असर और वायरल संस्कृति

इस वीडियो को 7 लाख से अधिक लोग देख चुके हैं और हजारों लोगों ने इसे शेयर किया है।
कुछ लोग इसे “बिहारी जुगाड़” कहकर सराह रहे हैं, तो कुछ इसे अनुशासनहीनता का नाम दे रहे हैं।

लेकिन यह साफ है कि वायरल हो जाने की संस्कृति में अब हर चीज मनोरंजन बनती जा रही है, चाहे वो परीक्षा केंद्र हो या इंसानी जान का जोखिम।

यह वीडियो केवल एक लड़की के दीवार कूदने की कहानी नहीं है।
यह उन हजारों छात्रों की कहानी है जो हर परीक्षा को 'सब कुछ या कुछ भी नहीं' की भावना से देते हैं।
यह एक ऐसा सवाल भी है जिसे आज की शिक्षा व्यवस्था और समाज को खुद से पूछना चाहिए—क्या हम परीक्षा को एक अनुभव बना पाए हैं या केवल एक डर?

और सबसे बड़ा सवाल—क्या समय पर बंद होने वाले गेट, देर से आए एक बच्चे के भविष्य से ज्यादा अहम हैं?

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।