Ghatshila Death: फंदे से लटकता मिला रमेश सबर, आत्महत्या या हत्या का राज़?

घाटशिला के सिमलडांगा गांव में रमेश सबर की संदिग्ध मौत। पत्नी ने बताया घरेलू विवाद के बाद फंदे से लटकता मिला शव। पुलिस जांच में जुटी, आत्महत्या या हत्या पर सस्पेंस बरकरार।

Sep 26, 2025 - 15:25
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Ghatshila Death: फंदे से लटकता मिला रमेश सबर, आत्महत्या या हत्या का राज़?
Ghatshila Death: फंदे से लटकता मिला रमेश सबर, आत्महत्या या हत्या का राज़?

घाटशिला के चाकुलिया थाना क्षेत्र के सिमलडांगा गांव से एक ऐसी खबर आई है जिसने पूरे इलाके को सकते में डाल दिया है। गांव निवासी रमेश सबर अपने ही घर की कुंडी में चादर के सहारे फंदे से लटकता मिला। सवाल उठ रहा है कि यह मौत आत्महत्या है या फिर किसी साजिश का नतीजा?

घटना का पूरा सिलसिला

गुरुवार की दोपहर रमेश सबर और उनकी पत्नी शिवानी सबर के बीच जोरदार विवाद हुआ। पत्नी के मुताबिक, झगड़े के दौरान रमेश ने उसकी पिटाई भी कर दी थी। गुस्से में शिवानी अपने दो बेटों को सास-ससुर के पास छोड़कर खेत में मजदूरी करने चली गई।

जब वह देर शाम घर लौटी तो सामने का नज़ारा देखकर उसके होश उड़ गए। उसका पति रमेश, दरवाजे की कुंडी में चादर के सहारे फंदे से झूल रहा था।

पत्नी का दर्द और आर्थिक तंगी

शिवानी ने बताया कि घर की हालत इतनी खराब है कि खाने तक का पैसा मुश्किल से जुटता है। ऐसे में जब चिकित्सकों ने पोस्टमार्टम को विशेषज्ञ डॉक्टरों से कराने की बात कही और शव को जमशेदपुर भेजने की सलाह दी, तो उसने साफ कहा –
मेरे पास पोस्टमार्टम के लिए खर्च उठाने की क्षमता नहीं है। अगर यहां जांच नहीं होगी तो मैं पति का शव वापस घर ले जाऊंगी।

शिवानी के साथ उसकी मां जोबा सबर भी अस्पताल में बैठी पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है।

चिकित्सकों की भूमिका और संदेह

घाटशिला अनुमंडल अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि मौत संदिग्ध परिस्थितियों में हुई है। इसलिए पोस्टमार्टम विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम से होना चाहिए। यह सुझाव ही इस मामले को और पेचीदा बना देता है।

पुलिस की जांच और बड़ा सवाल

चाकुलिया पुलिस फिलहाल जांच में जुटी है। पुलिस यह जानने की कोशिश कर रही है कि मामला वास्तव में आत्महत्या का है या फिर हत्या का। असली सच पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही सामने आ पाएगा।

गांव के लोग क्या कह रहे हैं?

गांव में चर्चा तेज है। कुछ लोग इसे गरीबी और घरेलू कलह का नतीजा मान रहे हैं, जबकि कुछ का मानना है कि मामला उतना सीधा नहीं है जितना दिख रहा है। गांव वालों का कहना है कि रमेश अक्सर काम नहीं करता था और शराब पीकर विवाद करता था, जिससे घर में कलह होती रहती थी।

इतिहास गवाह है – आर्थिक तंगी और आत्महत्याएं

झारखंड के आदिवासी इलाकों में गरीबी, बेरोजगारी और घरेलू विवाद की वजह से आत्महत्याओं के मामले पहले भी सामने आते रहे हैं।

  • 2018 में चाकुलिया क्षेत्र में एक किसान ने कर्ज और गरीबी से तंग आकर आत्महत्या कर ली थी।

  • कई मामलों में मजदूरी से घर चलाने वाली पत्नियां ही परिवार की रीढ़ साबित होती रही हैं।

  • विशेषज्ञों का कहना है कि जब सामाजिक और आर्थिक दबाव बढ़ता है तो लोग अक्सर खुदकुशी का कदम उठा लेते हैं।

रमेश सबर का केस भी कहीं इसी कड़ी की एक और मिसाल तो नहीं?

सवालों में उलझी मौत

सिमलडांगा गांव में हुई इस मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

  • क्या रमेश सबर ने वाकई आत्महत्या की?

  • या फिर यह सब किसी साजिश का हिस्सा है?

  • पोस्टमार्टम रिपोर्ट क्या राज़ खोलेगी?

जब तक पुलिस जांच पूरी नहीं करती और मेडिकल रिपोर्ट नहीं आती, तब तक यह मौत रहस्य बनी रहेगी। लेकिन इतना तय है कि रमेश की मौत ने गरीबी, घरेलू कलह और सामाजिक दबाव की हकीकत को एक बार फिर सामने ला दिया है।

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।