Garhwa Tiger Attack: बाघ की दहशत, मवेशी को मार डाला, वन विभाग ने जारी किया अलर्ट

गढ़वा जिले में बाघ की दहशत, मवेशी पर हमला, वन विभाग ने इलाके में अलर्ट जारी किया। पढ़ें पूरी खबर।

Jan 4, 2025 - 11:03
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Garhwa Tiger Attack: बाघ की दहशत, मवेशी को मार डाला, वन विभाग ने जारी किया अलर्ट
Garhwa Tiger Attack: बाघ की दहशत, मवेशी को मार डाला, वन विभाग ने जारी किया अलर्ट

गढ़वा, 4 जनवरी 2025: गढ़वा जिले के दक्षिणी वन क्षेत्र में एक बाघ की दहशत फैल गई है, जिससे स्थानीय लोग चिंतित हैं। नए साल की शुरुआत में, बाघ ने पहली बार एक भैंस को शिकार बनाने की कोशिश की, हालांकि वह इस प्रयास में नाकाम रहा। लेकिन, घायल भैंस की बाद में मौत हो गई। इस घटना के बाद वन विभाग ने रमकंडा और भंडरिया क्षेत्रों में अलर्ट जारी करते हुए लोगों से जंगलों में न जाने की अपील की है। इस मामले में वन विभाग की टीम ने बाघ की तलाश शुरू कर दी है, हालांकि अब तक ट्रैपिंग कैमरे से बाघ का कोई निशान या तस्वीर नहीं मिली है। लेकिन शिकार के तरीके से विभाग को बाघ के होने का संकेत मिल रहा है।

क्या है घटना?

जानकारी के मुताबिक, इंद्रदेव यादव, जो रोदो गांव के ठेकही टोला के निवासी हैं, अपनी भैंस को जंगल में चराने के लिए लेकर गए थे। इसी दौरान बाघ ने उस पर हमला किया। हालांकि, बाघ का शिकार करने का प्रयास नाकाम रहा। अगले दिन सुबह, इंद्रदेव ने अपनी भैंस का इलाज शुरू किया, लेकिन घायल भैंस की मौत हो गई। यह घटना भंडरिया वन क्षेत्र में हुई और इससे पूरे इलाके में दहशत फैल गई है।

भंडरिया के ग्रामीणों ने किया दावा, बाघ की मौजूदगी की पुष्टि

कुछ दिनों पहले, भंडरिया के संगाली गांव के ग्रामीणों ने भी दावा किया था कि उन्होंने जंगल में बाघ देखा है। वन विभाग ने इस जानकारी की पुष्टि करते हुए इलाके में टीम भेजी थी। इससे पहले, 13 नवंबर की रात को बड़गड़ थाना क्षेत्र के बहेराखांड़ में बाघ ने पालतू जानवरों पर हमला किया था, और फिर वह भंडरिया क्षेत्र के जंगलों से होते हुए कोयल नदी पार कर पलामू टाइगर रिजर्व एरिया में चला गया था। इस घटना को लेकर वन विभाग और पीटीआर के अधिकारियों ने पुष्टि की थी कि बाघ पलामू टाइगर रिजर्व में पहुंच चुका है।

क्या है बाघ की उपस्थिति की संभावना?

वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बाघ ने मवेशियों को शिकार बनाने की कोशिश की है, लेकिन वह आदमखोर नहीं है। इसका मतलब यह है कि बाघ इंसानों पर हमला करने का इरादा नहीं रखता, जिससे थोड़ी राहत की बात है। फिर भी, बाघ के दिखने और शिकार के प्रयास के बाद विभाग ने इलाके में एहतियातन अलर्ट जारी किया है।

बाघ की उपस्थिति से जुड़े सवालों के बीच, विभाग ने यह भी बताया कि ट्रैपिंग कैमरे से अभी तक बाघ का कोई फुटमार्क या तस्वीर नहीं मिली है। फिर भी, शिकार के तरीके और घटनाओं के आधार पर बाघ के होने की संभावना व्यक्त की जा रही है।

वन विभाग ने क्या कदम उठाए हैं?

घटना के बाद वन विभाग ने इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी है और लोगों को जंगलों में न जाने की चेतावनी दी है। वन रक्षक और पार्क गार्ड्स लगातार बाघ का ट्रैकिंग कर रहे हैं। साथ ही, बाघ के शिकार करने के तरीकों का अध्ययन कर विभाग इसे जल्द ही पकड़ने की योजना बना रहा है।

इतिहास: जब बाघों ने जमकर मचाई थी तबाही

यह पहली बार नहीं है जब गढ़वा और उसके आसपास के क्षेत्रों में बाघ की दहशत फैल रही है। इस इलाके का इतिहास भी बाघों और अन्य वन्य जीवों से जुड़े कई संघर्षों का गवाह है। खासकर, जब से पलामू टाइगर रिजर्व को टाइगर रिजर्व का दर्जा मिला है, तब से यहां बाघों की संख्या और उनकी सक्रियता में इजाफा हुआ है। बाघों के शिकार के प्रयासों के बावजूद, यह क्षेत्र बाघों का घर बना हुआ है।

बाघ की मौजूदगी, लेकिन घबराने की नहीं जरूरत

गढ़वा में बाघ की सक्रियता एक चिंता का विषय बन सकती है, लेकिन वन विभाग का कहना है कि बाघ आदमखोर नहीं है, और लोगों को घबराने की आवश्यकता नहीं है। हालांकि, यह वन्य जीवों के संरक्षण के लिए गंभीर सवाल भी खड़ा करता है। यह घटना एक और संकेत है कि जंगल और मानव बस्तियों के बीच की दूरी और संचार को मजबूत करने की जरूरत है, ताकि भविष्य में ऐसे हिंसक मुठभेड़ों से बचा जा सके।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।