Garhwa Accident: झामुमो विधायक के काफिले की 6 गाड़ियां टकराईं, मची अफरा-तफरी
गढ़वा में झामुमो विधायक अनंत प्रताप देव के काफिले की 6 गाड़ियां आपस में टकराईं। जानें कैसे हुआ हादसा और क्यों राहत की सांस ली सभी ने।
गढ़वा, झारखंड: झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नवनिर्वाचित विधायक अनंत प्रताप देव के काफिले में रविवार को उस समय हड़कंप मच गया, जब उनकी गाड़ियों की लंबी कतार में शामिल 6 वाहन आपस में टकरा गए। हादसा भवनाथपुर-श्रीबंशीधरनगर मुख्य पथ पर वन डिपो के पास हुआ।
गनीमत यह रही कि किसी को चोट नहीं आई, लेकिन 3 गाड़ियां बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं।
कैसे हुआ हादसा?
विधायक अपने केतार मंदिर दर्शन के लिए एक दर्जन से अधिक गाड़ियों के काफिले के साथ रवाना हुए थे।
- काफिला भवनाथपुर वन डिपो के पास पहुंचा।
- अचानक एक कार काफिले में शामिल होने के लिए सामने आई।
- ड्राइवर ने तेजी से ब्रेक लगाया, जिससे पीछे की गाड़ियां एक के बाद एक टकरा गईं।
कौन-कौन सी गाड़ियां हुईं क्षतिग्रस्त?
इस हादसे में झामुमो के कई वरिष्ठ नेताओं की गाड़ियां क्षतिग्रस्त हुईं।
- श्रीबंशीधरनगर अनुमंडल अध्यक्ष ग्यासुद्दीन अंसारी की स्कॉर्पियो (JH03 AN 3525)
- प्रखंड उपाध्यक्ष मिथिलेश सिंह उर्फ बंटू सिंह की कार (JH 01EN 5249)
- यदपुरा निवासी रामनाथ राम की कार (JH01 EN 7531)
इसके अलावा, अन्य 3 वाहन भी दुर्घटना का शिकार हो गए।
क्या बोले विधायक और नेता?
प्रखंड उपाध्यक्ष मिथिलेश सिंह ने हादसे की जानकारी देते हुए बताया:
- "काफिले में शामिल एक नई कार के अचानक आ जाने से ड्राइवर को तेजी से ब्रेक लगाना पड़ा।"
- "सौभाग्य से कोई घायल नहीं हुआ। सभी ने राहत की सांस ली।"
विधायक अनंत प्रताप देव ने सभी को सुरक्षित देखकर अपनी यात्रा जारी रखी।
झारखंड में सड़क सुरक्षा की चुनौतियां
झारखंड की सड़कों पर इस तरह के हादसे आम हो चले हैं।
- 2019: एक बड़े नेता के काफिले की गाड़ियां भी इसी तरह टकरा चुकी थीं।
- 2022: गढ़वा में ही एक धार्मिक यात्रा के दौरान बस दुर्घटना में 10 लोग घायल हुए थे।
काफिलों के साथ यात्रा के दौरान अक्सर सड़क पर भारी भीड़ और अचानक ब्रेक लगने जैसे कारणों से ऐसी घटनाएं होती हैं।
केतार मंदिर का ऐतिहासिक महत्व
झारखंड का केतार मंदिर एक प्राचीन स्थल है, जिसे पवित्र पूजा-पाठ और धार्मिक कार्यक्रमों के लिए जाना जाता है।
- झारखंड के नेताओं और बड़े अधिकारियों के लिए यह धार्मिक स्थल आस्था का केंद्र है।
- हर साल हजारों श्रद्धालु इस मंदिर में दर्शन करने आते हैं।
सड़क सुरक्षा पर क्या करें?
काफिले के साथ यात्रा के दौरान:
- गाड़ियों के बीच उचित दूरी रखें।
- ड्राइवरों को प्रशिक्षित और सतर्क रखें।
- सड़क पर किसी भी वाहन के शामिल होने पर धीमी गति से चलें।
झारखंड सरकार और पुलिस प्रशासन को इस तरह के हादसों को रोकने के लिए सड़क सुरक्षा पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।
क्या झामुमो विधायक ने ली सबक?
इस घटना के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और विधायक अनंत प्रताप देव से यह उम्मीद है कि वे काफिलों के लिए सख्त नियम बनाएं।
क्या यह हादसा प्रशासन को सबक सिखाएगा? जनता को इसका इंतजार रहेगा।
क्या आपने कभी ऐसे काफिले देखे हैं? नीचे कमेंट में अपनी राय दें।
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