Makar Parv Shopping: मकर पर्व से पहले साप्ताहिक हाट में उमड़ी भीड़, खरीदारी में दिखा जोश

मकर पर्व से पहले गालूडीह के साप्ताहिक हाट में खरीदारों का सैलाब। मिट्टी के बर्तन, कपड़े, जूते-चप्पल और मुर्गा-बत्तख की जमकर खरीदारी। बाजार में मेले जैसा नजारा।

Dec 23, 2024 - 19:19
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Makar Parv Shopping: मकर पर्व से पहले साप्ताहिक हाट में उमड़ी भीड़, खरीदारी में दिखा जोश
Makar Parv Shopping: मकर पर्व से पहले साप्ताहिक हाट में उमड़ी भीड़, खरीदारी में दिखा जोश

गालूडीह (झारखंड): मकर पर्व की तैयारी में गालूडीह का साप्ताहिक हाट सोमवार को खरीदारों से खचाखच भरा रहा। हर कोने में मेले जैसा माहौल देखने को मिला। लोग दूर-दूर से यहां खरीदारी करने पहुंचे और अपनी जरूरत का हर सामान खरीदा। कपड़े, जूते-चप्पल, मिट्टी के बर्तन, साग-सब्जी से लेकर मुर्गा और बत्तख तक की जमकर खरीदारी हुई।

हर कोने में खरीदारी का उत्साह

साप्ताहिक हाट में रेडीमेड कपड़ों, जूते-चप्पलों और शृंगार सामग्री की दुकानों पर भारी भीड़ देखी गई। किराना की दुकानों में भी ग्राहकों की भारी चहल-पहल रही।
"मकर पर्व हमारे लिए विशेष है, और यहां से खरीदारी करना परंपरा का हिस्सा बन गया है," एक स्थानीय महिला ने उत्साह से कहा।

महिलाओं की पसंद बने मिट्टी के बर्तन

महिलाओं ने बाजार में मिट्टी के बर्तनों की जमकर खरीदारी की। ये बर्तन न केवल उनकी परंपराओं को संजोए रखते हैं, बल्कि त्योहार के पकवान बनाने के लिए भी उपयोगी होते हैं।
"मिट्टी के बर्तन हमारे त्योहार का हिस्सा हैं। इनमें बना खाना अधिक स्वादिष्ट लगता है," एक ग्राहक ने बताया।

मकर पर्व और हाट का ऐतिहासिक महत्व

मकर पर्व झारखंड और पूर्वी भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह त्योहार सूर्य के उत्तरायण में प्रवेश करने की खुशी में मनाया जाता है। इस दिन विशेष रूप से नदियों में स्नान और पूजा का महत्व है।
गालूडीह का साप्ताहिक हाट स्थानीय संस्कृति और परंपरा का प्रतीक है। वर्षों से यह बाजार मकर पर्व से पहले ग्रामीणों के लिए खरीदारी का प्रमुख केंद्र रहा है।

मुर्गा और बत्तख की मांग सबसे अधिक

बाजार में मुर्गा, मुर्गी और बत्तख की दुकानों पर भीड़ उमड़ पड़ी। स्थानीय लोगों ने त्योहार के पकवानों के लिए इनकी खूब खरीदारी की।
"मकर पर्व पर घर में मुर्गा बनाना परंपरा है। इसलिए हमने बाजार से ताजे मुर्गे खरीदे," एक ग्राहक ने साझा किया।

दूरदराज से पहुंचे लोग

साप्ताहिक हाट की खासियत यह रही कि इसमें सिर्फ स्थानीय लोग ही नहीं, बल्कि दूरदराज के गांवों से भी लोग खरीदारी के लिए पहुंचे। बाजार का यह उत्साह क्षेत्र के आर्थिक और सांस्कृतिक जुड़ाव को दर्शाता है।

बाजार में दिखा मेलों का माहौल

गालूडीह के साप्ताहिक हाट में न केवल खरीदारी, बल्कि त्योहार से पहले के उल्लास और परंपरा का अद्भुत संगम देखने को मिला। यह बाजार क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर का जीवंत उदाहरण है।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।