Dhanbad Tragedy: हीरापुर में 13 वर्षीय किशोरी ने किया आत्मघात, पूरा इलाका स्तब्ध
धनबाद के हीरापुर में 13 साल की असमी साहा ने आत्महत्या कर ली। घटना ने परिवार और मोहल्ले को गहरे सदमे में डाल दिया है। पुलिस कारणों की जांच में जुटी है।
धनबाद: झारखंड के धनबाद जिले के हीरापुर इलाके में एक दुखद घटना ने पूरे मोहल्ले को झकझोर कर रख दिया। दुर्गा अपार्टमेंट में रहने वाली 13 वर्षीय असमी साहा ने गुरुवार दोपहर अपने कमरे में फंदे से लटककर आत्महत्या कर ली। इस घटना ने परिवार और पड़ोसियों को गहरे सदमे में डाल दिया है।
घटना का विवरण
दुर्गा अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर जी-1 में रहने वाली असमी साहा, सातवीं कक्षा की छात्रा थी। गुरुवार को दोपहर करीब 1:45 बजे उसकी मां और दादा ने उसे कमरे में पंखे से लटका पाया। परिवार उसे तुरंत एसएनएमएमसीएच अस्पताल ले गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
असमी के पिता सोमनाथ साहा ने पुलिस को बताया कि वह सुबह 11 बजे घर से किसी काम के लिए बाहर गए थे। उन्हें 1:45 बजे अपने पिता काशीनाथ साहा से फोन पर बेटी की मौत की खबर मिली। घटना के वक्त मां और दादा घर पर मौजूद थे।
पुलिस जांच में जुटी
सरायढेला पुलिस आत्महत्या के कारणों का पता लगाने में जुट गई है। अब तक कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है। पुलिस ने परिवार और पड़ोसियों से पूछताछ शुरू कर दी है।
आत्महत्या की घटनाओं पर चिंतन
असमी की आत्महत्या ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। इतनी कम उम्र में ऐसा आत्मघाती कदम उठाने के पीछे क्या कारण हो सकता है? किशोरावस्था में तनाव और मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता की कमी अक्सर इस तरह की दुखद घटनाओं का कारण बनती है।
2019 में नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में किशोर आत्महत्या के मामलों में चिंताजनक वृद्धि देखी गई थी। पारिवारिक दबाव, पढ़ाई का तनाव, और मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं इस आयु वर्ग में आत्महत्या के प्रमुख कारण रहे हैं।
पड़ोस और स्कूल का बयान
मोहल्ले के लोग असमी को खुशमिजाज और चंचल लड़की के रूप में याद करते हैं। पड़ोसियों के अनुसार, वह पढ़ाई में अच्छी थी और अक्सर अपने दोस्तों के साथ खेलती दिखती थी।
असमी के स्कूल प्रशासन ने भी इस घटना पर दुख जताया है। उन्होंने कहा कि किशोर मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना जरूरी है।
परिवार की चुप्पी और समाज की जिम्मेदारी
सोमनाथ साहा और उनका परिवार इस घटना से गहरे सदमे में है। वे अभी तक आत्महत्या के कारण का अंदाजा नहीं लगा पा रहे हैं। यह घटना पूरे समाज के लिए एक चेतावनी है कि हमें बच्चों और किशोरों के मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
आगे का रास्ता
इस दुखद घटना ने एक बार फिर किशोरों के मानसिक स्वास्थ्य पर संवाद की जरूरत को उजागर किया है। सरकार और समाज को मिलकर इस दिशा में काम करने की जरूरत है, ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
क्या असमी की मौत समाज को जागरूक करेगी, या यह भी बाकी घटनाओं की तरह भुला दी जाएगी?
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