Delhi Pollution: सभी प्राइमरी स्कूल बंद, ऑनलाइन क्लासेस का ऐलान
दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण के गंभीर स्तर को देखते हुए प्राइमरी स्कूल बंद कर दिए गए हैं। बच्चों की सुरक्षा के लिए ऑनलाइन कक्षाओं का फैसला। जानें GRAP के दिशानिर्देश।
दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण ने एक बार फिर खतरनाक रूप ले लिया है। बच्चों की सेहत को ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार ने सभी प्राइमरी स्कूलों को अगले आदेश तक बंद रखने का निर्णय लिया है। इन स्कूलों की कक्षाएं अब ऑनलाइन संचालित की जा सकती हैं। यह निर्णय राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में लगातार गिरती वायु गुणवत्ता और गंभीर प्रदूषण स्तर को देखते हुए लिया गया है।
प्रदूषण ने बढ़ाई मुश्किलें, गंभीर श्रेणी में AQI
14 नवंबर की सुबह दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 428 के स्तर पर पहुंच गया, जो इस सीजन का सबसे खराब आंकड़ा है। यह पहली बार है जब AQI गंभीर श्रेणी में पहुंचा है। विशेषज्ञों के अनुसार, दिल्ली में यह स्थिति धुंध, पराली जलाने और वाहनों से निकलने वाले प्रदूषकों की वजह से हुई है। ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तहत चरण 3 के दिशानिर्देश शुक्रवार, 15 नवंबर से लागू कर दिए जाएंगे।
क्या है GRAP और इसके चरण?
GRAP यानी ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान, वायु प्रदूषण की तीव्रता के आधार पर उठाए जाने वाले कदमों का एक ढांचा है। इसे चार चरणों में बांटा गया है:
- चरण I - 'खराब' (AQI 201-300): सामान्य प्रदूषण नियंत्रण उपाय।
- चरण II - 'बहुत खराब' (AQI 301-400): सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा और निजी वाहनों की सीमित आवाजाही।
- चरण III - 'गंभीर' (AQI 401-450): निर्माण कार्यों पर रोक और स्कूलों को ऑनलाइन कक्षाओं में स्थानांतरित करना।
- चरण IV - 'अत्यधिक गंभीर' (AQI >450): सभी गैर-जरूरी गतिविधियों पर पूर्ण रोक।
इस बार GRAP के चरण 3 के तहत प्राथमिक स्कूलों को फिजिकल कक्षाएं स्थगित कर ऑनलाइन मोड में बदलने की सिफारिश की गई है।
सरकार ने क्या कदम उठाए?
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट कर कहा, “बढ़ते प्रदूषण स्तर के कारण, सभी प्राइमरी स्कूल ऑनलाइन कक्षाएं शुरू करेंगे।” इसके अलावा, सड़कों पर पानी का छिड़काव बढ़ाने और निर्माण कार्यों पर रोक लगाने के निर्देश दिए गए हैं। गैर-जरूरी खनन गतिविधियों को भी निलंबित कर दिया गया है।
बच्चों की सुरक्षा क्यों है महत्वपूर्ण?
डॉक्टरों के अनुसार, छोटे बच्चों का फेफड़ा वायु प्रदूषण से ज्यादा प्रभावित होता है। लंबे समय तक प्रदूषण के संपर्क में रहने से सांस संबंधी बीमारियां, अस्थमा और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ सकती हैं। स्कूल बंद करने का निर्णय बच्चों को इस खतरे से बचाने का प्रयास है।
इतिहास में दिल्ली का प्रदूषण संकट
दिल्ली में वायु प्रदूषण का संकट नया नहीं है। हर साल सर्दियों में धुंध और पराली जलाने के कारण यहां की वायु गुणवत्ता खराब हो जाती है। 2016 में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर GRAP लागू किया गया था। इसके बावजूद प्रदूषण पर पूरी तरह से नियंत्रण नहीं पाया जा सका है।
दिल्ली-NCR में प्रदूषण की यह गंभीर स्थिति एक बार फिर से चेतावनी है कि पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता देना आवश्यक है। सरकार के ये त्वरित कदम बच्चों और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सराहनीय हैं। लेकिन दीर्घकालिक समाधान के लिए ठोस नीतियां और सामूहिक प्रयास जरूरी हैं।
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