पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के भाजपा में शामिल होने का भाजपा जमशेदपुर महानगर के पूर्व जिलाध्यक्ष गुंजन यादव ने किया स्वागत, कहा- झारखंड में चल रही है बदलाव की बयार।
पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन भाजपा में शामिल! भाजपा जमशेदपुर के पूर्व जिलाध्यक्ष गुंजन यादव ने किया स्वागत। जानें, झारखंड की राजनीति में क्या बदल रहा है?
जमशेदपुर, 30 अगस्त 2024: झारखंड की राजनीति में एक बड़ा बदलाव आया है। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और 'कोल्हान टाइगर' के नाम से मशहूर चंपाई सोरेन ने भाजपा का दामन थाम लिया है। शुक्रवार को रांची के धुर्वा स्थित गोलचक्कर मैदान में आयोजित एक बड़े कार्यक्रम में उन्होंने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। इस मौके पर भाजपा के शीर्ष नेता भी मौजूद थे, जिन्होंने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।
चंपाई सोरेन का यह निर्णय कई मायनों में महत्वपूर्ण है। उन्होंने झारखंड आंदोलन में अहम भूमिका निभाई है और राज्य के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उनके भाजपा में शामिल होने से पार्टी को कोल्हान समेत पूरे झारखंड में मजबूत आधार मिलेगा। भाजपा जमशेदपुर महानगर के पूर्व जिलाध्यक्ष गुंजन यादव ने इस फैसले का खुले दिल से स्वागत किया है। उन्होंने कहा, "चंपाई सोरेन के लंबे राजनीतिक और सार्वजनिक जीवन का लाभ भाजपा को निश्चित रूप से मिलेगा।"
गुंजन यादव ने चंपाई सोरेन के भाजपा में शामिल होने को परिवारवाद और भ्रष्ट राजनीति के खिलाफ एक सशक्त कदम बताया। उन्होंने कहा, "चंपाई सोरेन का भाजपा में आना झारखंड की राजनीति में बदलाव की बयार का संकेत है। यह निर्णय परिवारवादी और भ्रष्ट ताकतों के खिलाफ लड़ाई में एक मजबूत संदेश देता है।"
भाजपा नेताओं का मानना है कि चंपाई सोरेन के पार्टी में शामिल होने से झारखंड में भाजपा की स्थिति और भी मजबूत होगी। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में झारखंड में भाजपा की सरकार बनेगी जो जनसेवा और सुशासन के लिए समर्पित होगी।
चंपाई सोरेन के इस फैसले के बाद झारखंड की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि उनका भाजपा में शामिल होना राज्य की राजनीति में एक नए युग की शुरुआत हो सकती है। अब देखना होगा कि इस फैसले का आने वाले विधानसभा चुनावों पर क्या असर पड़ता है।
झारखंड की राजनीति में लगातार बदलाव देखने को मिल रहे हैं, और चंपाई सोरेन का भाजपा में शामिल होना इसी बदलाव का हिस्सा है। जनता की नजरें अब आने वाले दिनों पर टिकी हैं, जब झारखंड में राजनीतिक समीकरणों में और भी बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
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