तेज रफ्तार 407 वाहन की चपेट में आई नर्स शशिकला सिंह, दर्दनाक मौत से अस्पताल का काम ठप!
जमशेदपुर के सदर अस्पताल के बाहर 407 वाहन की चपेट में आने से नर्स शशिकला सिंह की दर्दनाक मौत। अस्पताल के कर्मचारियों ने मुआवजे की मांग को लेकर किया काम बंद। जानें पूरी घटना।
जमशेदपुर, 30 अगस्त 2024: जमशेदपुर के परसुडीह थाना अंतर्गत खास महल सदर अस्पताल के बाहर शुक्रवार को एक दर्दनाक घटना घटी। तेज रफ्तार 407 वाहन की चपेट में आने से 38 वर्षीय नर्स शशिकला सिंह की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। इस हादसे के बाद अस्पताल के डॉक्टरों और नर्सों ने मुआवजे की मांग को लेकर अस्पताल का कामकाज पूरी तरह ठप कर दिया है।
नर्स शशिकला सिंह अपने पति शैलेंद्र प्रसाद के साथ बाइक पर सवार होकर नाइट शिफ्ट में काम करने के लिए सदर अस्पताल आ रही थीं। तभी तेज गति से आ रहे 407 वाहन ने उन्हें टक्कर मार दी। इस दुर्घटना में शशिकला सिंह की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई, जबकि उनके पति शैलेंद्र प्रसाद गंभीर रूप से घायल हो गए।
घटना की जानकारी मिलते ही अस्पताल के सारे कर्मचारी और पुलिस घटनास्थल पर पहुंचे। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। साथ ही, 407 वाहन और उसके चालक को हिरासत में ले लिया गया है।
इस दुखद घटना से आक्रोशित अस्पताल के डॉक्टरों, नर्सों और अन्य कर्मचारियों ने मुआवजे की मांग को लेकर काम बंद कर दिया है। उन्होंने शशिकला सिंह के परिवार के लिए 50 लाख रुपये का मुआवजा और एक सरकारी नौकरी की मांग की है।
अस्पताल की नर्स रानी कुमारी सिंह ने बताया, "यह एक दर्दनाक घटना है, जो अस्पताल के बाहर घटी है। जब तक मृतका के परिजनों को मुआवजा और सरकारी नौकरी नहीं मिल जाती, हम अपना काम बंद रखेंगे।"
घटना के बाद से अस्पताल का माहौल गमगीन है। कर्मचारी शशिकला सिंह के परिवार के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं। स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है। अस्पताल प्रशासन ने भी कर्मचारियों की मांगों को गंभीरता से लेने का आश्वासन दिया है।
इस दुर्घटना ने जमशेदपुर के लोगों को झकझोर कर रख दिया है। लोग शशिकला सिंह के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त कर रहे हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द ही इस मामले में उचित कार्रवाई होगी। सड़क हादसे और तेज रफ्तार वाहन चलाने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की भी मांग की जा रही है।
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