Chakulia Fire: जंगलों में आग का कहर, काजू के पेड़ झुलसे, बढ़ सकता है नुकसान

चाकुलिया के बड़ामारा जंगल में अज्ञात तत्वों द्वारा आग लगाने से काजू के कई पेड़ झुलसे। गर्मी में बढ़ती आग की घटनाओं से वन और किसान परेशान।

Feb 10, 2025 - 15:51
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Chakulia Fire: जंगलों में आग का कहर, काजू के पेड़ झुलसे, बढ़ सकता है नुकसान
Chakulia Fire: जंगलों में आग का कहर, काजू के पेड़ झुलसे, बढ़ सकता है नुकसान

चाकुलिया: झारखंड के चाकुलिया प्रखंड के जंगलों में आग लगने की घटनाएं गर्मी शुरू होते ही बढ़ने लगी हैं। ताजा मामला बड़ामारा जंगल का है, जहां अज्ञात शरारती तत्वों द्वारा जंगल में आग लगा दी गई। इस आग ने कई काजू के पेड़ों को अपनी चपेट में ले लिया, जिससे किसानों और वन विभाग को भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है।

जंगल में क्यों लग रही आग?

गर्मी के मौसम में सूखी घास, पत्तियां और लकड़ियां तेजी से आग पकड़ लेती हैं। स्थानीय लोग अनुमान लगा रहे हैं कि या तो किसी ने जानबूझकर आग लगाई या फिर किसी की लापरवाही के कारण जंगल जल उठा। इससे वन्यजीवों के लिए भी संकट बढ़ गया है

काजू किसानों पर सीधा असर

इस समय काजू के पेड़ों पर फूल और फल लगने का मौसम होता है, लेकिन आग लगने से ये पेड़ झुलस रहे हैं। इससे काजू किसानों को इस साल उत्पादन में भारी गिरावट का सामना करना पड़ सकता है। जंगल में लगी आग न केवल वनस्पतियों को नष्ट कर रही है, बल्कि स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र को भी नुकसान पहुंचा रही है

हर साल दोहराई जाती है यही समस्या

गर्मी के दिनों में इस क्षेत्र में जंगलों में आग लगने की घटनाएं आम हो गई हैं। हर साल हजारों पेड़-पौधे जलकर राख हो जाते हैं, जिससे वन विभाग और किसानों को भारी नुकसान होता है। लेकिन प्रशासन की ओर से इस समस्या को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं

आगे क्या किया जा सकता है?

  • वन विभाग को नियमित निगरानी रखनी होगी, ताकि आग लगने की घटनाओं को समय रहते रोका जा सके।
  • स्थानीय ग्रामीणों और किसानों को जागरूक किया जाए, ताकि वे जंगलों में आग लगने से बचाव कर सकें।
  • अग्निशमन विभाग को जंगलों में आग बुझाने की प्रभावी व्यवस्था करनी होगी, जिससे नुकसान को कम किया जा सके।

अगर हर साल जंगलों में आग लगती रही, तो आने वाले समय में क्षेत्र की जैव विविधता और कृषि पर बड़ा असर पड़ सकता है। प्रशासन और वन विभाग को मिलकर इस गंभीर समस्या का स्थायी समाधान निकालना होगा, ताकि जंगलों और किसानों को होने वाले नुकसान से बचाया जा सके

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।