Chaibasa Kidnapping : अपहरण से बाल-बाल बचीं दो नाबालिग लड़कियां, चलती गाड़ी से कूदकर बचाई जान
पश्चिम सिंहभूम के चाईबासा से दो नाबालिग लड़कियों के अपहरण की सनसनीखेज घटना। चलती गाड़ी से कूदकर दोनों ने अपनी जान बचाई। जानिए पूरी खबर।

चाईबासा (पश्चिम सिंहभूम) : झारखंड के पश्चिम सिंहभूम जिले से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। चाईबासा के सोनुआ थाना क्षेत्र में बीती रात दो नाबालिग लड़कियों का अपहरण कर लिया गया। लेकिन गनीमत रही कि दोनों लड़कियों ने अपहरणकर्ताओं की गाड़ी से कूदकर अपनी जान बचा ली। यह पूरा मामला न केवल इलाके में दहशत फैलाने वाला है, बल्कि ग्रामीण सुरक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़ा करता है।
घटना कैसे हुई?
जानकारी के अनुसार, बीती रात दोनों नाबालिग लड़कियां शौच के लिए घर से बाहर निकली थीं। उसी दौरान बदमाशों ने पहले से रची साजिश के तहत उन्हें दबोच लिया। दोनों लड़कियों को जबरन एक छोटा हाथी वाहन (मिनी ट्रक) में बैठाया गया। बताया जाता है कि अपहरणकर्ताओं का एक और वाहन भी उनके साथ था, जिसमें बाकी आरोपी बैठे थे।
गाड़ी तेज रफ्तार में थी और अंधेरे का फायदा उठाकर बदमाश बच्चियों को लेकर निकल पड़े। लेकिन रास्ते में जैसे ही वाहन की गति धीमी हुई, दोनों लड़कियों ने साहस दिखाते हुए चलती गाड़ी से छलांग लगा दी और जंगल की ओर भाग निकलीं।
रातभर छिपीं सहिया के घर
कूदने के बाद दोनों लड़कियां किसी तरह भागकर गोईलकेरा थाना क्षेत्र के गोटम्बा गांव पहुंचीं। वहां उन्होंने एक सहिया (आशा कार्यकर्ता) के घर में शरण ली। सहिया ने बच्चियों की सुरक्षा सुनिश्चित की और रातभर उन्हें अपने पास रखा।
सुबह होते ही गांव के मुखिया को मामले की जानकारी दी गई। मुखिया खुद मौके पर पहुंचे और दोनों बच्चियों को सुरक्षित सोनुआ थाना ले गए।
पुलिस की जांच तेज
पुलिस ने घटना की गंभीरता को देखते हुए मामले की छानबीन शुरू कर दी है। अपहरणकर्ताओं की तलाश के लिए आसपास के क्षेत्रों में दबिश दी जा रही है। पुलिस का मानना है कि आरोपी स्थानीय क्षेत्र से परिचित थे और पहले से योजनाबद्ध तरीके से इस वारदात को अंजाम देने आए थे।
फिलहाल पुलिस अपहरण में इस्तेमाल किए गए वाहन और आरोपियों के बारे में सुराग जुटा रही है।
ग्रामीणों में दहशत और आक्रोश
इस घटना के बाद गांव और आसपास के इलाके में दहशत का माहौल है। ग्रामीणों ने कहा कि यदि बच्चियां हिम्मत न दिखातीं, तो न जाने उनके साथ क्या अनहोनी हो सकती थी।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि रात के समय पुलिस गश्ती नहीं होने के कारण इस तरह की घटनाएं बढ़ रही हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि गांव-गांव में सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा किया जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
बच्चियों की बहादुरी की चर्चा
दोनों नाबालिग लड़कियों ने जिस साहस के साथ चलती गाड़ी से कूदकर अपनी जान बचाई, उसकी सराहना हर कोई कर रहा है। लोग कह रहे हैं कि इतनी कम उम्र में इतना बड़ा साहस दिखाना वाकई काबिले तारीफ है।
पुलिस का बयान
सोनुआ थाना प्रभारी ने बताया कि, “दोनों बच्चियों को सुरक्षित थाने लाया गया है। उनके बयान दर्ज किए जा रहे हैं। अपहरण में शामिल आरोपियों की पहचान की जा रही है और जल्द ही उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।”
चाईबासा की यह घटना झारखंड की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल तो खड़ा करती ही है, लेकिन साथ ही यह भी दिखाती है कि हिम्मत और सूझबूझ से इंसान कैसे मुश्किल हालात से बाहर निकल सकता है। अब देखना होगा कि पुलिस इस मामले में कितनी जल्दी अपहरणकर्ताओं को पकड़ पाती है।
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