रांची में कांग्रेस नेता इरफान अंसारी के खिलाफ बीजेपी महिला मोर्चा का हंगामा, इस्तीफे की मांग पर अड़ीं सैकड़ों महिलाएं!
कांग्रेस नेता इरफान अंसारी द्वारा बीजेपी की महिला नेता सीता सोरेन पर टिप्पणी को लेकर रांची में बीजेपी महिला मोर्चा ने उनके आवास पर उग्र प्रदर्शन किया। महिला मोर्चा ने इसे झारखंड की मां-बहनों का अपमान बताते हुए अंसारी के इस्तीफे की मांग की। जानें इस हंगामेदार प्रदर्शन की पूरी कहानी!
झारखंड की राजनीति में शनिवार का दिन उबाल से भरा रहा जब बीजेपी महिला मोर्चा ने कांग्रेस नेता और मंत्री इरफान अंसारी के खिलाफ रांची में जमकर विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस नेता इरफान अंसारी द्वारा बीजेपी नेता और पूर्व विधायक सीता सोरेन पर की गई कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के कारण बीजेपी महिला मोर्चा ने आक्रोश में सैकड़ों की संख्या में उनके आवास का घेराव किया। यह हंगामेदार विरोध-प्रदर्शन राजनीति के गलियारों में चर्चा का विषय बन गया, जहां महिलाओं ने इस बयान को झारखंड की सभी मां-बहनों का अपमान बताया और अंसारी से तुरंत इस्तीफे की मांग की।
प्रदर्शन में उग्र नारों से गूंजा रांची
बीजेपी महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष आरती सिंह और रांची महानगर की अध्यक्ष पायल सोनी के नेतृत्व में महिलाओं की एक बड़ी भीड़ इरफान अंसारी के आवास के बाहर जुटी। जोरदार बारिश के बीच नारेबाजी करते हुए महिलाओं ने कांग्रेस सरकार और इरफान अंसारी के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की। विरोध में शामिल महिलाओं का कहना था कि यह सिर्फ सीता सोरेन का अपमान नहीं है, बल्कि झारखंड की हर महिला का अपमान है और इस अपमान का करारा जवाब दिया जाएगा।
आरती सिंह ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर भी तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि जो मुख्यमंत्री महिलाओं के सम्मान की बात करते हैं, उनकी सरकार में ही महिलाएं अपमानित हो रही हैं। आरती सिंह ने हेमंत सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा कि महिलाओं के सम्मान को लेकर सरकार की प्राथमिकता सिर्फ सत्ता बचाने तक सीमित रह गई है।
कांग्रेस से साफ रुख की मांग
बीजेपी महिला मोर्चा का आक्रोश कांग्रेस पार्टी के प्रति भी था। पायल सोनी ने कहा कि कांग्रेस को ऐसे बयानों पर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। उन्होंने कांग्रेस से अंसारी का टिकट रद्द करने और पार्टी की ओर से माफी मांगने की मांग की। बीजेपी महिला मोर्चा का मानना है कि अगर कांग्रेस और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस बयान पर मौन रहते हैं, तो यह पूरे राज्य की महिलाओं के मनोबल पर असर डाल सकता है।
प्रदर्शन के दौरान मौजूद महिलाओं ने कहा कि यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक कि इरफान अंसारी को उनके पद से नहीं हटाया जाता और हेमंत सोरेन इस मुद्दे पर अपनी चुप्पी नहीं तोड़ते।
राजनीति में महिलाओं का सम्मान – कितनी दूर, कितनी पास?
झारखंड की राजनीति में महिला नेताओं की उपस्थिति नई नहीं है, बल्कि आजादी के बाद से ही यहां महिलाएं राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाती रही हैं। हाल के वर्षों में कई महिला नेताओं ने विधानसभा और संसद में अपनी आवाज बुलंद की है, लेकिन महिलाओं का सम्मान एक महत्वपूर्ण मुद्दा बना हुआ है। इस प्रदर्शन ने फिर एक बार उस सवाल को उठाया है कि क्या महिलाओं के प्रति सम्मान की राजनीति में वास्तव में कोई जगह है?
कांग्रेस नेता इरफान अंसारी के इस बयान ने झारखंड के राजनीतिक माहौल को गर्म कर दिया है। बीजेपी महिला मोर्चा इसे सीधे तौर पर महिलाओं के खिलाफ मान रहा है, जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
रांची में बारिश के बीच उग्र प्रदर्शन
बारिश में भीगते हुए भी बीजेपी महिला मोर्चा की सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने अपने आक्रोश को कम नहीं होने दिया। इस प्रदर्शन में प्रदेश अध्यक्ष आरती सिंह, प्रदेश महामंत्री रेणु तिर्की, कोषाध्यक्ष लवली गुप्ता, मंत्री सुचिता सिंह, मंत्री नीलम चौधरी, प्रदेश कार्य समिति की सदस्य सीमा शर्मा, रांची जिला अध्यक्ष पायल सोनी, ग्रामीण जिला अध्यक्ष नेहा सिंह, और कई अन्य महिला कार्यकर्ता शामिल थीं।
इस प्रदर्शन ने न केवल सत्ताधारी गठबंधन के सामने चुनौती खड़ी कर दी है बल्कि समाज में महिलाओं के प्रति सम्मान का मुद्दा एक बार फिर से ज्वलंत बना दिया है। झारखंड की महिलाएं इस मुद्दे को गंभीरता से ले रही हैं और आने वाले चुनावों में इसका असर दिख सकता है।
क्या कहती है राज्य सरकार?
हालांकि, इस पूरे मामले पर राज्य सरकार और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। झारखंड की महिलाएं इस चुप्पी को सरकार की अनदेखी मान रही हैं। बीजेपी महिला मोर्चा की अध्यक्ष आरती सिंह का कहना है कि अगर सरकार महिला सम्मान के प्रति गंभीर है तो उन्हें इस मुद्दे पर शीघ्र ही कोई ठोस कदम उठाना चाहिए।
क्या आगे बढ़ेगा यह आंदोलन?
बीजेपी महिला मोर्चा का स्पष्ट संदेश है कि यह आंदोलन तब तक नहीं थमेगा जब तक कांग्रेस नेता इरफान अंसारी के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती। इसके साथ ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से महिलाओं के प्रति सम्मान का रुख स्पष्ट करने की मांग भी जोर पकड़ रही है।
इस हंगामेदार प्रदर्शन ने यह तो साबित कर ही दिया है कि झारखंड की महिलाएं अब किसी भी अपमान को बर्दाश्त नहीं करेंगी और इसका राजनीतिक प्रभाव आने वाले समय में देखने को मिल सकता है।
What's Your Reaction?