भिलाई में एक चौंकाने वाली धोखाधड़ी का मामला सामने आया है, जिसमें आरोपियों ने एयरपोर्ट में नौकरी लगाने के नाम पर एक परिवार से 12 लाख रुपये की ठगी कर ली। यह घटना भिलाई के लक्ष्मी नगर क्षेत्र में घटी, जहां एक महिला और उनके परिवार को फर्जी नौकरी के नाम पर लाखों रुपये की चपत लगी। पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है।
कैसे हुआ ठगी का खेल? जानिए पूरी कहानी
रसविंदर कौर, जो भिलाई के लक्ष्मी नगर इलाके में रहती हैं, को एक दिन उनके पड़ोसी डी जी राव ने महेन्द्र पाल से मिलवाया, जो कथित तौर पर नौकरी लगवाने का काम करता था। महेन्द्र पाल ने उन्हें बताया कि उनका दोस्त संतोष करण भी नौकरी दिलवाने का काम करता है। इसके बाद संतोष करण ने रसविंदर और उनके पति अमृत पाल सिंह को दिल्ली एयरपोर्ट में ग्राउंड स्टाफ की नौकरी दिलवाने का झांसा दिया और इसके लिए प्रति व्यक्ति 6 लाख रुपये की मांग की।
12 लाख की धोखाधड़ी: पैसों की मांग और फर्जी ट्रेनिंग
रसविंदर और उनके पति ने संतोष करण की बात मानी और दिल्ली एयरपोर्ट में नौकरी के नाम पर 12 लाख रुपये दे दिए। इस बीच, महेन्द्र पाल और संतोष करण ने उन्हें प्रशिक्षण देने का वादा किया। लेकिन असलियत में उन्हें एयरपोर्ट पर कोई ट्रेनिंग नहीं दी गई, बल्कि दोनों को दिल्ली में एक लॉज में रहने के लिए भेज दिया गया। वहां उन्हें किसी भी प्रकार का प्रशिक्षण नहीं दिया गया और जो नियुक्ति प्रमाण पत्र उन्हें दिए गए, वे पूरी तरह से फर्जी थे।
फर्जी नियुक्ति पत्र देने के बाद संतोष करण ने दावा किया कि उनका बेटा अनुप सिंह भंडाल और भाई हरिन्दर सिंह को नौकरी मिल गई है और उन्हें दिल्ली में ट्रेनिंग के लिए भेज दिया गया है। लेकिन असल में उन दोनों को दूसरी कंपनी में प्रशिक्षण देने का झांसा दिया गया था।
क्या थी धोखाधड़ी का कारण और आरोपी कैसे फंसे?
पंजाब में अपने खेत बेचने के बाद परिवार के सदस्य ने पैसे इकट्ठे किए थे, लेकिन धोखेबाजों ने उनका विश्वास तोड़ा। महेन्द्र पाल और संतोष करण ने पैसे वापस मांगने पर उन्हें गाली-गलौच की और जान से मारने की धमकी दी। इसके बाद पीड़ित ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई और मामला सामने आया। अब पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है।
पुलिस की कार्रवाई और भविष्य में कैसे बचें ऐसे धोखाधड़ी से?
इस धोखाधड़ी को लेकर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और महेन्द्र पाल और संतोष करण के खिलाफ 318(4), 296, 351(3), 3(5) बीएनएस के तहत अपराध पंजीबद्ध कर लिया है। साथ ही, पुलिस ने मामले की जांच में तेजी से काम करना शुरू कर दिया है। अब सवाल यह उठता है कि इस तरह की धोखाधड़ी से बचने के लिए क्या कदम उठाए जाएं?
विशेषज्ञों के मुताबिक, नौकरी दिलवाने के नाम पर पैसे मांगने वाली कंपनियों से बचने की आवश्यकता है। किसी भी जॉइनिंग या नियुक्ति से पहले पूरी जांच पड़ताल कर लें और किसी भी प्रकार के फर्जी दस्तावेजों पर विश्वास न करें।