Jamshedpur Arrest: बच्चों को नशे की लत लगाने की खौफनाक साजिश बेनकाब, दो युवक गिरफ्तार!

जमशेदपुर के बिष्टुपुर में दो युवकों को कफ सिरप और नशीली गोलियों की तस्करी करते रंगे हाथों पकड़ा गया। जानिए कैसे छोटे बच्चों को बनाया जा रहा था नशे का शिकार और पुलिस ने कैसे इस पूरे रैकेट का पर्दाफाश किया।

Apr 12, 2025 - 17:15
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Jamshedpur Arrest: बच्चों को नशे की लत लगाने की खौफनाक साजिश बेनकाब, दो युवक गिरफ्तार!
Jamshedpur Arrest: बच्चों को नशे की लत लगाने की खौफनाक साजिश बेनकाब, दो युवक गिरफ्तार!

जमशेदपुर: क्या आपने कभी सोचा है कि बाजार में बिकने वाला मामूली सा कफ सिरप भी बच्चों और युवाओं के लिए मौत की खुराक बन सकता है? जमशेदपुर के बिष्टुपुर इलाके में पुलिस ने एक ऐसी खौफनाक साजिश का भंडाफोड़ किया है, जिसे सुनकर हर माता-पिता के रोंगटे खड़े हो जाएंगे।

जमशेदपुर के रीगल गोलचक्कर के पास से दो युवकों को नशीली कफ सिरप और टैबलेट बेचते हुए गिरफ्तार किया गया है। पुलिस को सूचना मिली थी कि कुछ संदिग्ध युवक मोटरसाइकिल से अवैध नशीली दवाएं लेकर आ रहे हैं, जिनका उपयोग खासकर छोटे बच्चे नशा करने के लिए करते हैं। यह एक गंभीर चिंता का विषय है, क्योंकि यह जहर बच्चों की जेब तक पहुंच रहा था।

कैसे हुआ रैकेट का पर्दाफाश?

सूचना मिलते ही जमशेदपुर के एसएसपी के निर्देश पर डीएसपी (CCR) की अगुवाई में एक विशेष टीम का गठन किया गया। जैसे ही दोनों युवक रीगल गोलचक्कर के पास पहुंचे, पुलिस ने उन्हें घेरकर दबोच लिया। तलाशी में 475 बोतल ‘विनकेरेक्स’ कफ सिरप चार कार्टन में भरा हुआ मिला, साथ ही ‘निट्रोसन 10’ टैबलेट की एक डब्बी में 90 टैबलेट भी बरामद की गई। इनके पास से एक सुपर स्प्लेंडर मोटरसाइकिल भी जब्त की गई, जो तस्करी में उपयोग हो रही थी।

कौन हैं ये आरोपी?

गिरफ्तार किए गए आरोपियों में पहला नाम है चंदन कुमार पांडेय उर्फ अमित उर्फ नारायण, उम्र 27 वर्ष, जो सरायकेला-खरसावां जिले के आदित्यपुर 2 रोड नंबर 10 पंचायत भवन के पास का रहने वाला है। दूसरा आरोपी है रवि रंजन चौधरी उर्फ विष्णु कुमार, जिसकी उम्र मात्र 20 वर्ष है और वह भी उसी इलाके से है।

नशे का नया रास्ता: कफ सिरप और टैबलेट

विनकेरेक्स कफ सिरप और निट्रोसन टैबलेट कोई आम दवाइयां नहीं हैं। ये वह दवाएं हैं जिनमें कोडीन और अन्य नशे के तत्व मौजूद होते हैं। इनका अधिक मात्रा में सेवन करने से व्यक्ति हल्की बेहोशी, नशा और लत का शिकार हो जाता है। यही कारण है कि इन दवाओं की बिक्री कड़े मेडिकल प्रोटोकॉल के तहत की जाती है।

लेकिन इन तस्करों ने इन नियमों को तोड़कर, मासूमों को इसका शिकार बनाने का काम शुरू कर दिया था। हैरानी की बात यह है कि ये दवाएं स्कूल-कॉलेज के छात्रों के बीच तेजी से फैल रही हैं और एक नई "नशा पीढ़ी" तैयार हो रही है।

क्या कहता है इतिहास?

भारत में कफ सिरप और नशे की दवाओं की तस्करी कोई नई बात नहीं है। 2000 के दशक में पंजाब, हरियाणा और उत्तर भारत के अन्य हिस्सों में कफ सिरप आधारित नशे ने हजारों युवाओं को बर्बाद कर दिया था। सरकार ने इस पर बैन लगाने और रेगुलेशन बढ़ाने के प्रयास किए, लेकिन ड्रग माफिया ने इसका नया रास्ता खोज लिया — छोटे शहरों और स्कूल-कॉलेजों को निशाना बनाना।

अब आगे क्या?

जमशेदपुर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों युवकों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। बरामद कफ सिरप, टैबलेट और बाइक को जब्त कर लिया गया है और पूरे रैकेट की जड़ तक पहुंचने के लिए जांच जारी है। पुलिस का मानना है कि इसके पीछे एक बड़ा नेटवर्क काम कर रहा है, जो बच्चों को नशे का आदी बनाने की सुनियोजित साजिश है।
यह मामला सिर्फ एक गिरफ्तारी नहीं, बल्कि समाज के उस काले सच की परत खोलता है, जहां पैसे के लालच में मासूमों को बर्बाद किया जा रहा है। सवाल यह है कि क्या अब भी हम आंखें मूंदे रहेंगे? या बच्चों को इस नशे की दलदल से बचाने के लिए कोई ठोस कदम उठाएंगे?

आने वाले दिनों में अगर समय रहते कार्रवाई नहीं की गई, तो जमशेदपुर जैसे शहर भी नशे की गिरफ्त में पंजाब जैसे हालात की ओर बढ़ सकते हैं।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।