भारतीय नौसेना के वीर सैनिकों को साहसिक कार्य के लिए सम्मानित किया गया
भारतीय नौसेना की सर्वे और गोताखोर टीम को चांडिल डैम में विमान निकालने के साहसिक कार्य के लिए सम्मानित किया गया। जानें पूरी खबर।
भारतीय मानव अधिकार एसोसिएशन और पूर्व सैनिक सेवा परिषद की पूर्वी सिंहभूम इकाई ने भारतीय नौसेना के सर्वे और गोताखोर टीम को सम्मानित किया। यह कार्यक्रम 27 अगस्त 2024 को वेव इंटरनेशनल होटल के सभागार में शाम 5 बजे आयोजित किया गया। नौसेना की टीम ने चांडिल डैम में दुर्घटनाग्रस्त विमान को निकालने के अपने साहसिक कार्य के लिए यह सम्मान प्राप्त किया।
दुर्घटना और बचाव अभियान
20 अगस्त 2024 को सोनारी एयरपोर्ट से एक ट्रेनिंग विमान ने उड़ान भरी थी। उड़ान के 15 मिनट बाद ही विमान का एटीसी से संपर्क टूट गया और वह दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस दुर्घटना में प्रशिक्षक और प्रशिक्षु पायलट की दुखद मृत्यु हो गई। विमान का पता लगाने के लिए एनडीआरएफ की टीम ने पूरी कोशिश की, लेकिन विमान का पता नहीं चल सका।
इसके बाद, स्थानीय प्रशासन और रक्षा राज्य मंत्री के सहयोग से भारतीय नौसेना की टीम ने ऑपरेशन की जिम्मेदारी ली। नौसेना की टीम ने विषम परिस्थितियों का सामना करते हुए 7 किलोमीटर दूर, 40 फीट गहरे पानी में से विमान को खोज निकाला। विमान को साल्वेज बैग की मदद से डैम के किनारे तक खींचा गया। इसके बाद, विमान को डीजीसीए की टीम को दुर्घटना के कारणों की जांच के लिए सौंप दिया गया।
सम्मान समारोह
इस साहसिक ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम देने के लिए भारतीय मानव अधिकार एसोसिएशन और पूर्व सैनिक सेवा परिषद ने नौसेना की टीम का सम्मान किया। टीम के नेतृत्वकर्ता कमांडर जनमेजय सिंह, कमांडर वरुण गुप्ता, लेफ्टिनेंट आर. पी. पटेल, और मास्टर चीफ पेटीऑफिसर आर. एस. सैनी सहित 20 सदस्यीय टीम को शॉल, प्रतीक चिन्ह, और पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में शामिल अतिथि
इस कार्यक्रम का संचालन पूर्व नौसैनिक सुशील कुमार सिंह ने किया। धन्यवाद ज्ञापन भारतीय मानव अधिकार एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष एस. एन. पाल ने किया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में वेद प्रकाश, मुकेश कुमार, सैयद खान, राजीव रंजन, दिनेश कुमार सिंह, डॉक्टर कमल शुक्ला, और अशोक कुमार श्रीवास्तव का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
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