बहरागोड़ा: चक्रवात के असर से धान की फसल पर आफत, किसानों की चिंता बढ़ी

बहरागोड़ा में चक्रवाती तूफान फेंगल के प्रभाव से हुई बारिश से धान की फसलें भीग रही हैं। जानें किसान कैसे इस प्राकृतिक आपदा से परेशान हैं।

Nov 30, 2024 - 12:11
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बहरागोड़ा: चक्रवात के असर से धान की फसल पर आफत, किसानों की चिंता बढ़ी
बहरागोड़ा: चक्रवात के असर से धान की फसल पर आफत, किसानों की चिंता बढ़ी

झारखंड के बहरागोड़ा विधानसभा क्षेत्र को "धान का कटोरा" कहा जाता है। लेकिन इस बार, चक्रवाती तूफान फेंगल के असर से इस क्षेत्र में किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। पिछले कुछ दिनों से क्षेत्र में लगातार रिमझिम बारिश हो रही है, जिससे खेतों में कटाई के बाद रखी गई धान की फसलें पानी से भीग रही हैं।

चक्रवात का असर और किसानों की स्थिति

विगत रात्रि से ही शुरू हुई इस आफत की बारिश ने किसानों को चिंता में डाल दिया है। शनिवार की सुबह भी आसमान काले बादलों से घिरा हुआ था, और बारिश की रफ्तार में कोई कमी नहीं आई। खेतों में कटाई के बाद रखी गई फसल की बालियों से अंकुर निकलने का खतरा बढ़ गया है। इस स्थिति में अगर अंकुर निकलते हैं, तो फसल की गुणवत्ता प्रभावित होगी, जिससे किसानों को भारी नुकसान होगा।

फसल की स्थिति और नुकसान का आकलन

बहरागोड़ा प्रखंड के अधिकांश किसानों ने मशीन से धान की कटाई कर ली है, लेकिन कई किसान ऐसे भी हैं जिन्होंने हाथ से कटाई की प्रक्रिया अपनाई। इनमें से बहुत से किसानों ने अपनी फसल को खेत में ही रख छोड़ा है और झड़ाई नहीं की है। ऐसे किसानों के लिए यह बारिश परेशानी का कारण बन सकती है।

चाकुलिया प्रखंड में भी यही स्थिति है, जहां के किसान भी अपने खेतों में धान की फसल को काट कर रखे हुए हैं। इस बारिश के कारण उन किसानों की फसलें भी पानी से भीग रही हैं, और अंकुर निकलने की संभावना बढ़ गई है।

किसानों की आवाज

सीपीएम नेता और बहरागोड़ा के किसान स्वपन कुमार महतो और चाकुलिया के फालदोहा गांव के किसान तपन कुमार महतो ने बताया कि बारिश के कारण फसलें भीग रही हैं और यह किसानों के लिए बहुत बड़ी समस्या है। दासो हेंब्रम, कालियाम पंचायत के मुखिया और किसान, ने कहा कि अब खेतों में धान की झड़ाई करना मुश्किल हो गया है।

आगे की आशंका

किसानों का कहना है कि यदि फसलें पानी से पूरी तरह भीग गईं तो यह उनके लिए आर्थिक संकट पैदा कर सकता है। धान की बालियों से अंकुर निकलने की संभावना से उनके मेहनत का पूरा साल बर्बाद हो सकता है।

प्राकृतिक आपदा और कृषि संकट

यह घटना हमें याद दिलाती है कि कैसे प्राकृतिक आपदाएं किसानों की आजीविका को प्रभावित कर सकती हैं। चक्रवाती तूफान से होने वाली बारिश, विशेष रूप से खेतों में पानी भरने और फसल की गुणवत्ता पर असर डालने के कारण किसानों को भारी नुकसान हो सकता है।

उपाय और संभावित समाधान

किसानों के लिए आवश्यक है कि राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन जल्द से जल्द राहत कार्य शुरू करें। साथ ही, किसानों को भविष्य में ऐसी परिस्थितियों से बचने के लिए उचित प्रशिक्षण और जानकारी मुहैया कराई जाए।

सारांश:
बहरागोड़ा और आसपास के क्षेत्रों में चक्रवात फेंगल के असर से बारिश ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। बारिश की वजह से धान की फसलें भीग रही हैं, जिससे अंकुर निकलने का खतरा बढ़ गया है। इस स्थिति में किसानों के लिए राहत के लिए प्रशासनिक पहल की आवश्यकता है।

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