Barkatha Tragedy! घर में अचानक लगी भीषण आग, लाखों की संपत्ति स्वाहा – शॉर्ट सर्किट या कुछ और?
बरकट्ठा में भीषण आगजनी! शॉर्ट सर्किट से घर में लगी आग, लाखों की संपत्ति जलकर राख। प्रशासन से मुआवजे की मांग, लेकिन क्या मिलेगा इंसाफ? पढ़ें पूरी खबर।

बरकट्ठा: झारखंड के बरकट्ठा प्रखंड में एक बड़ा हादसा हुआ, जहां बंडासिंघा रविदास टोला निवासी लोकनाथ रविदास के घर में अचानक आग लगने से लाखों रुपये की संपत्ति जलकर राख हो गई। यह हादसा बुधवार दोपहर हुआ, और स्थानीय लोगों में इस घटना को लेकर भय और चिंता का माहौल है। बताया जा रहा है कि आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट था, लेकिन कई लोग इसे संदिग्ध मान रहे हैं।
लपटों में तब्दील हुआ घर, सब कुछ जलकर राख
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, आग इतनी तेज थी कि कुछ ही मिनटों में पूरा घर लपटों से घिर गया। घर में रखा अनाज, इलेक्ट्रॉनिक सामान, बर्तन, कपड़े और नकदी समेत लगभग एक लाख रुपये की संपत्ति पूरी तरह जलकर नष्ट हो गई। जब तक लोग कुछ समझ पाते, तब तक आग ने पूरे घर को अपनी चपेट में ले लिया था।
स्थानीय ग्रामीणों ने मिलकर आग पर काबू पाने की कोशिश की, लेकिन तब तक काफी नुकसान हो चुका था। घटना की सूचना मिलते ही पूर्व मुखिया प्रतिनिधि अर्जुन राणा मौके पर पहुंचे और गोरहर थाना को इसकी जानकारी दी।
बरकट्ठा में क्यों बढ़ रही आगजनी की घटनाएं?
अर्जुन राणा ने चिंता जताते हुए कहा कि बरकट्ठा प्रखंड में इस तरह की आगजनी की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। हर साल गर्मी के मौसम में कई घर इस तरह की आग की चपेट में आ जाते हैं, लेकिन प्रशासन इस समस्या को लेकर गंभीर नहीं दिख रहा। उन्होंने कहा कि बरकट्ठा प्रखंड मुख्यालय में फायर ब्रिगेड की व्यवस्था बेहद जरूरी है, ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
मुआवजे की मांग, प्रशासन से कार्रवाई की अपील
पीड़ित लोकनाथ रविदास ने प्रशासन से मुआवजे की मांग की है। उनका कहना है कि आग से उनका सब कुछ खत्म हो गया है और अब उनके पास दोबारा घर बसाने के लिए पैसे भी नहीं हैं। उन्होंने सीओ (अंचल अधिकारी) से जल्द से जल्द आर्थिक सहायता देने की गुहार लगाई है।
इतिहास में आगजनी की घटनाएं और बरकट्ठा का दर्द
बरकट्ठा और आसपास के क्षेत्रों में आगजनी की घटनाएं नई नहीं हैं। हर साल गर्मी के मौसम में दर्जनों परिवार इस त्रासदी का शिकार होते हैं। कुछ साल पहले इसी इलाके में आग लगने से कई घर जलकर खाक हो गए थे, लेकिन तब भी प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
आखिर कौन है जिम्मेदार?
अब सवाल यह उठता है कि क्या यह सिर्फ एक शॉर्ट सर्किट का मामला था, या फिर कहीं कोई लापरवाही भी जिम्मेदार है? क्या प्रशासन की सुस्ती इन घटनाओं को बढ़ावा दे रही है? अगर समय रहते बरकट्ठा में फायर ब्रिगेड की व्यवस्था कर दी जाए, तो शायद भविष्य में ऐसे हादसों से बचा जा सके।
अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस घटना पर क्या कार्रवाई करता है और पीड़ित परिवार को कब तक मुआवजा मिलता है। फिलहाल, इस हादसे ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है और लोग डरे हुए हैं कि अगला शिकार कहीं उनका घर न बन जाए।
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