Bareilly Accident: गूगल मैप के चलते तीन लोगों की मौत, जानिए कैसे हुआ ये दर्दनाक हादसा

बरेली में गूगल मैप की लापरवाही से तीन लोगों की जान चली गई। जानिए कैसे एक असुरक्षित पुल पर कार गिरने से हुई ये दर्दनाक घटना।

Nov 25, 2024 - 11:27
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Bareilly Accident: गूगल मैप के चलते तीन लोगों की मौत, जानिए कैसे हुआ ये दर्दनाक हादसा
Bareilly Accident: गूगल मैप के चलते तीन लोगों की मौत, जानिए कैसे हुआ ये दर्दनाक हादसा

बरेली। उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में गूगल मैप और सिस्टम की लापरवाही से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसमें तीन लोगों की जान चली गई। तीनों युवक एक शादी समारोह में शामिल होने के लिए जा रहे थे, लेकिन गूगल मैप की दिशा-निर्देशों के कारण वे एक खतरनाक और असुरक्षित मार्ग पर पहुंच गए, जिसके चलते उनका वाहन पुल से नीचे गिरकर रामगंगा नदी में समा गया।

कैसे हुआ हादसा?

रविवार को बरेली जिले के खालपुर-दातागंज मार्ग पर स्थित एक पुल पर यह दर्दनाक हादसा हुआ।

  • तीनों युवक बरेली से बदायूं जिले के दातागंज जा रहे थे, और गूगल मैप के निर्देशों पर वाहन चला रहे थे।
  • पुलिस ने बताया कि जीपीएस सिस्टम के कारण ड्राइवर को यह अंदाजा नहीं था कि वह असुरक्षित मार्ग पर जा रहे हैं।
  • हादसे के वक्त कार अधूरे पुल पर चढ़ गई और अचानक पुल खत्म हो गया, जिससे कार कई फीट नीचे गिर गई।

क्या था गूगल मैप का दोष?

परिवार के लोग इस हादसे के लिए गूगल मैप को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं, क्योंकि यह सिस्टम एक ऐसे असुरक्षित रास्ते पर ले गया, जहां पुल का एक हिस्सा पहले ही बाढ़ के कारण गिर चुका था।

  • इस पुल की हालत खस्ता थी, लेकिन सिस्टम में इस बदलाव को अपडेट नहीं किया गया था, जिससे ड्राइवर को इसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिली।
  • जीपीएस सिस्टम ने ड्राइवर को सही रास्ते पर नहीं भेजा और न ही इस खतरनाक पुल के बारे में चेतावनी दी।

पुल का इतिहास और सिस्टम की लापरवाही

यह हादसा एक ऐसे पुल पर हुआ था, जिसका एक हिस्सा बाढ़ में गिर चुका था।

  • सीओ आशुतोष शिवम ने बताया कि इस पुल के खराब होने के बाद भी इसे सिस्टम में अपडेट नहीं किया गया, जिससे यह खतरनाक मार्ग बन गया।
  • अगर पुल को मरम्मत के बाद अपडेट किया जाता तो शायद यह हादसा नहीं होता।

मृतकों की पहचान और परिवार का आरोप

  • मृतकों की पहचान मैनपुरी निवासी कौशल कुमार, फर्रुखाबाद निवासी विवेक कुमार, और अमित के रूप में हुई है।
  • परिवार के सदस्य और गांव वाले विभाग और अधिकारियों को दोषी मान रहे हैं, क्योंकि पुल को अधूरा छोड़ दिया गया था और बैरिकेड्स भी नहीं लगाए गए थे।
  • परिवार का आरोप है कि अगर प्रशासन ने सही समय पर पुल की मरम्मत की होती तो यह हादसा टल सकता था।

कैसे बच सकते थे लोग?

यह हादसा एक गंभीर चेतावनी है कि सिस्टम और तकनीकी सुविधाओं का सही इस्तेमाल और अवलोकन कितनी जरूरी है।

  • सड़क सुरक्षा और समय पर मरम्मत का काम प्रशासन की जिम्मेदारी बनता है।
  • जीपीएस सिस्टम को भी बेहतर अपडेट किया जाना चाहिए ताकि ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
  • सार्वजनिक जगहों पर बैरिकेड्स लगाने से ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है।

क्या आप भी जीपीएस पर भरोसा करते हैं?

क्या आपको लगता है कि तकनीकी सुविधाएं हमें सही रास्ते पर ले जाती हैं या कभी-कभी यह हमारी जान के लिए खतरनाक साबित होती हैं? अपनी राय हमें नीचे कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं।

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