Haryana Schools: प्रदूषण के कारण फिर बंद हुए स्कूल, जानें ऑनलाइन क्लास और खुलने की नई तारीख
हरियाणा में वायु प्रदूषण के कारण सभी स्कूल बंद कर दिए गए हैं। जानें झज्जर और बहादुरगढ़ में स्कूल कब खुलेंगे और ऑनलाइन क्लास का शेड्यूल क्या है।
झज्जर। दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण का असर अब बच्चों की पढ़ाई पर पड़ने लगा है। हरियाणा के झज्जर और बहादुरगढ़ में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) खतरनाक स्तर पर पहुंचने के कारण प्री-स्कूल से लेकर 12वीं तक के सभी स्कूल बंद करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। इस दौरान बच्चों की पढ़ाई के लिए ऑनलाइन क्लास का विकल्प दिया गया है।
क्यों लिया गया यह फैसला?
हरियाणा के झज्जर जिले के डीसी प्रदीप दहिया ने वायु प्रदूषण की खतरनाक स्थिति को देखते हुए स्कूल बंद रखने का निर्णय लिया।
- झज्जर और बहादुरगढ़ में AQI 350 से 450 के बीच दर्ज किया गया है, जो बेहद खराब श्रेणी में आता है।
- दिल्ली-एनसीआर पहले से ही कोहरे और प्रदूषण की मोटी चादर से ढका हुआ है, जिससे लोगों को सांस संबंधी और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
- विशेषज्ञों के अनुसार, यह प्रदूषित वातावरण बच्चों के स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है।
ऑनलाइन क्लास की व्यवस्था
प्रदूषण के चलते स्कूल बंद रहने पर, झज्जर और बहादुरगढ़ के जिलाधिकारियों ने स्कूलों को ऑनलाइन क्लास चलाने का निर्देश दिया है।
- इसका उद्देश्य बच्चों के सिलेबस को प्रभावित होने से बचाना है।
- सरकारी और निजी, दोनों प्रकार के स्कूलों पर यह आदेश लागू होगा।
प्रदूषण का बढ़ता असर: स्वास्थ्य और शिक्षा पर प्रभाव
दिल्ली-एनसीआर के लोग इन दिनों गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं।
- ज्यादातर लोग सर्दी, खांसी, जुकाम, सिरदर्द जैसी बीमारियों से पीड़ित हैं।
- बच्चों में भी प्रदूषण के कारण सांस लेने में दिक्कत और थकान जैसी समस्याएं सामने आ रही हैं।
- पिछले हफ्ते भी झज्जर और आसपास के क्षेत्रों में स्कूल बंद रहे थे।
स्कूल कब खुलेंगे?
झज्जर जिले में सोमवार तक स्कूल बंद रखने के आदेश जारी किए गए हैं।
- मंगलवार से प्री-स्कूल से लेकर 12वीं तक के सभी सरकारी और निजी स्कूल खोल दिए जाएंगे।
- डीसी डॉ. वीरेंद्र कुमार दहिया ने जिला शिक्षा अधिकारी को आदेशों का सख्ती से पालन कराने का निर्देश दिया है।
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का इतिहास
दिल्ली-एनसीआर हर साल सर्दियों के मौसम में वायु प्रदूषण से जूझता है।
- यह समस्या खासतौर पर पराली जलाने, निर्माण कार्यों और वाहनों से निकलने वाले धुएं के कारण होती है।
- प्रदूषण के खतरनाक स्तर तक पहुंचने के कारण, हर साल स्कूलों को अस्थायी रूप से बंद करना पड़ता है।
- यह स्थिति न केवल बच्चों की शिक्षा पर असर डालती है, बल्कि उनके स्वास्थ्य को भी प्रभावित करती है।
आप क्या कर सकते हैं?
- बच्चों को बाहर खेलने से रोकें और उन्हें घर के अंदर ही पढ़ाई और खेलने की सलाह दें।
- घर के अंदर वायु को शुद्ध रखने के लिए एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें।
- स्कूलों की ऑनलाइन क्लास के शेड्यूल का पालन करें ताकि पढ़ाई प्रभावित न हो।
आपकी राय क्या है?
क्या ऑनलाइन क्लास प्रदूषण के इस दौर में बच्चों की शिक्षा का सही विकल्प है? अपनी राय नीचे कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं।
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