Baghraoda Pension Crisis: मकर संक्रांति से पहले बहरागोड़ा में पेंशन का इंतजार, क्या होगा समाधान?
बहरागोड़ा में मकर संक्रांति से पहले पेंशन का इंतजार कर रहे 30,000 से ज्यादा लाभुकों की स्थिति दयनीय हो चुकी है। जानिए इस पेंशन संकट पर क्या हो रहा है और सरकार से क्या उम्मीदें हैं।
झारखंड के बहरागोड़ा प्रखंड में मकर संक्रांति का पर्व रंगीन और खुशियों से भरा हुआ होता, लेकिन इस बार ये उत्सव कई वृद्धों और दिव्यांगों के लिए फीका पड़ता दिखाई दे रहा है। पिछले तीन महीनों से 30,000 से अधिक लाभुकों को पेंशन का इंतजार है, जिनमें वृद्ध, विधवा महिलाएं, दिव्यांग जन, और आदिम जनजाति के लोग शामिल हैं। उनका जीवन यापन बेहद कठिन हो गया है क्योंकि इन पेंशन योजनाओं का भुगतान समय पर नहीं हो पाया है। खासकर आदिम जनजाति के सबर समुदाय के वृद्ध और वृद्धाएं इस स्थिति से सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं।
क्या है पेंशन की देरी का कारण?
बहरागोड़ा प्रखंड में कई पेंशन योजनाओं के लाभार्थी हैं, जिनमें इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन, दिव्यांग पेंशन, और आदिम जनजाति पेंशन योजनाएं शामिल हैं। इन योजनाओं के तहत लाभ लेने वाले 30,797 लोगों को पिछले तीन महीनों से कोई पेंशन राशि नहीं मिली है। इसका सबसे बुरा असर उन लोगों पर पड़ा है जो शारीरिक रूप से असमर्थ हैं या जिनके पास आय का कोई दूसरा साधन नहीं है। खासकर वृद्धाएं जैसे सुजी कालिंदी जो खटिया पर पड़ी हैं, बिना पेंशन के दिन बिता रही हैं। उनकी स्थिति दयनीय हो चुकी है।
मकर संक्रांति से पहले पेंशन मिलेगा या नहीं?
यह सवाल सभी लाभार्थियों के मन में गूंज रहा है, खासकर मकर संक्रांति के मौके पर। मकर संक्रांति का त्योहार खासतौर पर पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन बहरागोड़ा के पेंशन लाभार्थी इस बार त्योहार की खुशियां महसूस नहीं कर पा रहे हैं। उनकी उम्मीदें अब तक फीकी पड़ चुकी हैं क्योंकि पेंशन का भुगतान कब होगा, यह अभी भी एक सस्पेंस बना हुआ है। कई लाभार्थी निराश होकर बैंक पहुंचते हैं, लेकिन उन्हें हर बार खाली हाथ लौटना पड़ता है।
क्या कहते हैं राजनीतिक और प्रशासनिक अधिकारी?
इस मुद्दे पर सीपीआई (एम) के राज्य कमेटी के सदस्य स्वपन कुमार महतो ने कहा कि मुख्यमंत्री मंईंया सम्मान योजना के तहत काम करने योग्य महिलाओं को सम्मान राशि मिल रही है, लेकिन जिन असहाय वृद्धों, वृद्धाओं और दिव्यांगों को पेंशन मिलनी चाहिए, उन्हें वह भी नहीं मिल रही। यह सरासर अन्याय है। उन्होंने मांग की है कि सरकार मकर संक्रांति से पहले इन पेंशन योजनाओं का भुगतान कर दे, ताकि गरीब और असहाय भी त्योहार की खुशियां मना सकें।
वहीं, बहरागोड़ा प्रखंड विकास पदाधिकारी केशव भारती ने कहा कि इस संबंध में जिला मुख्यालय से बात की गई है और मकर संक्रांति से पहले पेंशन राशि भेजने की संभावना जताई है। हालांकि, अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है, जिससे लाभार्थियों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
पेंशन संकट के समाधान के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए?
इस संकट से निपटने के लिए प्रशासन को जल्द से जल्द ठोस कदम उठाने की जरूरत है। पेंशन योजनाओं का समय पर भुगतान न होने से लाभार्थियों का जीवन संकट में पड़ जाता है। विशेष रूप से वृद्ध और दिव्यांग जनों को आर्थिक सहायता की अत्यंत आवश्यकता होती है। सरकार और प्रशासन को मिलकर एक ठोस योजना बनानी चाहिए, ताकि किसी भी हालत में पेंशन का भुगतान समय पर हो और किसी को भी आर्थिक रूप से परेशान न होना पड़े।
बहरागोड़ा प्रखंड में मकर संक्रांति से पहले पेंशन का संकट एक गंभीर मामला बन गया है। लाभार्थी उम्मीद और निराशा के बीच झूल रहे हैं। अगर सरकार ने समय रहते इस मुद्दे पर ध्यान नहीं दिया, तो यह स्थिति और भी बिगड़ सकती है। प्रशासन को चाहिए कि वह शीघ्र ही इस मुद्दे का समाधान निकाले ताकि असहाय लोगों को उनका हक मिल सके और वे अपने त्योहारों को खुशी से मना सकें।
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