Jamshedpur Dibba Ke Doodh: विधायक सरयू राय ने तोमर के लोकगीत का विमोचन किया
जमशेदपुर में विधायक सरयू राय ने सत्येंद्र सिंह तोमर के लोकगीत “डिब्बा के दूध” का विमोचन किया। जानिए इस कार्यक्रम की खास बातें और इसके महत्व को।
जमशेदपुर में रविवार को एक खास समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें विधायक सरयू राय ने भोजपुरी लेखक सत्येंद्र सिंह तोमर के लोकगीत “डिब्बा के दूध” का विमोचन किया। यह कार्यक्रम जमशेदपुर पश्चिम के विधायक के द्वारा संपन्न हुआ और इसमें भाजपा नेता अनिल सिंह और फिल्म निर्देशक उदय साहू भी प्रमुख रूप से शामिल हुए।
लोकगीत “डिब्बा के दूध” का महत्व
सत्येंद्र सिंह तोमर द्वारा लिखित यह लोकगीत खास तौर पर भोजपुरी संगीत प्रेमियों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। इस गीत को आजमगढ़ की प्रसिद्ध गायिका सोनी साहनी ने अपनी आवाज दी है, जबकि संगीत संयोजन विराज ने किया है। इस लोकगीत की लोकप्रियता और इसकी स्वीकृति की पुष्टि तब हुई जब विधायक सरयू राय ने इसे विमोचित किया और इसे भोजपुरी संगीत के क्षेत्र में एक नई ऊंचाई देने के लिए अपनी शुभकामनाएं दी।
भोजपुरी संगीत का गौरव और तोमर का योगदान
सत्येंद्र सिंह तोमर ने भोजपुरी लेखन और संगीत की दुनिया में एक महत्वपूर्ण स्थान बनाया है। उनका मानना है कि भोजपुरी संगीत का अपना एक इतिहास और गरिमा है, जो अब भी लोगों के दिलों में बसा हुआ है। उनका उद्देश्य इस सांस्कृतिक धरोहर को पुनर्जीवित करना है ताकि भोजपुरी संगीत को दुनियाभर में वह पहचान मिले, जो पहले कभी थी।
आशीर्वाद और शुभकामनाएं
विधायक सरयू राय ने लोकगीत की सफलता के लिए आशीर्वाद दिया और सत्येंद्र सिंह तोमर को इस प्रयास के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा, "भोजपुरी संगीत हमारे प्रदेश की पहचान है और इसे एक नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए प्रयासरत लेखक और गायक दोनों की सराहना करनी चाहिए।" उनका मानना है कि इस गीत के माध्यम से भोजपुरी संस्कृति की सुंदरता और एकता को बढ़ावा मिलेगा।
वीडियो निर्माण की योजना
यह लोकगीत वर्तमान में टीम फिल्म्स के भोजपुरी चैनल पर रिलीज़ किया गया है, जिसमें सुनील सिंह का महत्वपूर्ण योगदान रहा। इस लोकगीत की सफलता के बाद, इसके वीडियो निर्माण की प्रक्रिया भी जल्द ही शुरू की जाएगी, जिससे यह गीत एक नई धरोहर के रूप में दर्शकों के बीच प्रस्तुत होगा।
समारोह की झलक
समारोह में विधायक सरयू राय ने मंच पर आते ही गीत के महत्व पर प्रकाश डाला और इस अवसर पर आए लोगों को भोजपुरी संगीत के योगदान की याद दिलाई। भाजपा नेता अनिल सिंह और निर्देशक उदय साहू ने भी इस कार्यक्रम की सराहना की और इसे भोजपुरी संगीत की दुनिया में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
भोजपुरी संगीत का भविष्य
भोजपुरी संगीत ने समय के साथ कई उतार-चढ़ाव देखे हैं, लेकिन आज भी इसकी लोकप्रियता और महत्व में कमी नहीं आई है। स्थानीय कलाकारों और लेखकों जैसे सत्येंद्र सिंह तोमर द्वारा किए जा रहे प्रयास इस क्षेत्र को नई दिशा देने में सहायक साबित हो रहे हैं। इन प्रयासों से न केवल पुराने गीतों को सम्मान मिलता है, बल्कि नई पीढ़ी भी इस संगीत से जुड़ती है।
जमशेदपुर में "डिब्बा के दूध" के विमोचन के इस कार्यक्रम ने यह साबित कर दिया कि भोजपुरी संगीत अपनी सांस्कृतिक विरासत के साथ आज भी जीवंत है। विधायक सरयू राय की उपस्थिति और उनके द्वारा दी गई शुभकामनाएं इस लोकगीत के महत्व को और बढ़ाती हैं। जल्द ही, इस गीत का वीडियो निर्माण दर्शकों को एक नई अनुभव यात्रा पर ले जाएगा।
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