Police Court Case : ASI ने किया डीजीपी, डीआईजी और एसपी के खिलाफ कोर्ट केस करने का ऐलान, मांगी तीन दिन की छुट्टी

झारखंड में ASI शुभंकर कुमार ने DGP, DIG और SP के खिलाफ कोर्ट केस करने के लिए छुट्टी मांगी। क्या यह मामला पुलिस विभाग के अंदरूनी तनाव को उजागर करता है?

Jan 8, 2025 - 12:24
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Police Court Case : ASI ने किया डीजीपी, डीआईजी और एसपी के खिलाफ कोर्ट केस करने का ऐलान, मांगी तीन दिन की छुट्टी
Police Court Case : ASI ने किया डीजीपी, डीआईजी और एसपी के खिलाफ कोर्ट केस करने का ऐलान, मांगी तीन दिन की छुट्टी

"जब घर में चिराग जलाने वाला ही शिकायत करे, तो अंधकार का आलम समझा जा सकता है।"

झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने पुलिस विभाग को हिलाकर रख दिया है। आरआईटी थाना में पदस्थ ASI (सहायक पुलिस उपनिरीक्षक) शुभंकर कुमार ने डीजीपी, डीआईजी और एसपी के खिलाफ कोर्ट केस करने की घोषणा की है। इसके लिए उन्होंने तीन दिन की छुट्टी का आवेदन भी किया है। यह मामला पुलिस विभाग के भीतर गहराते तनाव और अधिकारियों के बीच मनमुटाव को उजागर करता है।

क्या है पूरा मामला?

शुभंकर कुमार का आरोप है कि वरिष्ठ अधिकारियों ने उनके साथ शोषण किया और मनमानी रवैया अपनाया। उन्होंने आरोप लगाया कि जब उन्होंने जरूरी काम के लिए छुट्टी मांगी, तो उनके आवेदन को नकार दिया गया। शुभंकर ने दावा किया कि बार-बार छुट्टी के लिए आवेदन करने के बावजूद उनकी फरियाद अनसुनी रही, जिससे उन्हें मानसिक तनाव का सामना करना पड़ा।

ASI ने आरोप लगाते हुए कहा, “जब एक पुलिस अधिकारी को ही न्याय नहीं मिलता, तो आम जनता को क्या उम्मीद रखनी चाहिए?” उन्होंने आगे कहा कि अब उनके पास कानूनी रास्ता अपनाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।

पुलिस महकमे में मचा हड़कंप

जैसे ही यह मामला सामने आया, पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। डीजीपी, डीआईजी और एसपी जैसे उच्च अधिकारियों के खिलाफ कोर्ट केस करने की घोषणा असाधारण और चौंकाने वाली है। आमतौर पर पुलिस विभाग के भीतर की समस्याओं को आंतरिक स्तर पर सुलझाने की कोशिश की जाती है, लेकिन शुभंकर कुमार का यह कदम विभाग की कार्यप्रणाली और प्रशासनिक ढांचे पर सवाल खड़े करता है।

छुट्टी का आवेदन और न्याय की मांग

शुभंकर कुमार ने अपने आवेदन में स्पष्ट रूप से लिखा कि वह कोर्ट केस फाइल करने के लिए छुट्टी चाहते हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि वरिष्ठ अधिकारी अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं और उनके साथ न्याय नहीं हो रहा है। यह मामला न केवल व्यक्तिगत है, बल्कि यह पुलिस प्रशासन के भीतर अनुशासन और कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाता है।

अधिकारियों की प्रतिक्रिया

इस मामले पर संबंधित अधिकारियों ने फिलहाल कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। पुलिस महकमे के कुछ सूत्रों का कहना है कि यह मामला आंतरिक कलह का नतीजा हो सकता है। हालांकि, शुभंकर कुमार द्वारा लगाए गए आरोपों की गंभीरता को देखते हुए इस मामले की गहन जांच की आवश्यकता है।

कानूनी कार्रवाई का असर

अगर शुभंकर कुमार अपने दावे पर कायम रहते हैं और कोर्ट में केस दर्ज करते हैं, तो यह मामला पुलिस विभाग के भीतर बड़े बदलाव का कारण बन सकता है। यह न केवल वरिष्ठ अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर रोशनी डालेगा, बल्कि निचले स्तर के कर्मचारियों के अधिकारों और उनकी आवाज़ को भी नई ताकत देगा।

इतिहास में भी उठे हैं ऐसे सवाल

यह मामला नया नहीं है। भारत में कई बार प्रशासनिक और कानूनी तंत्र के भीतर अधिकारों के दुरुपयोग और अन्याय के मामले सामने आते रहे हैं। "जैसा राजा वैसी प्रजा" – इस मुहावरे के तहत यह कहा जा सकता है कि अगर उच्च पदस्थ अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों का सही तरीके से निर्वहन नहीं करेंगे, तो नीचे के स्तर पर अनुशासन भंग होना स्वाभाविक है।

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Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।