अंशुल शरण बने युगांतर भारती के नए अध्यक्ष, संगठन में बड़ा बदलाव! जानिए, किसे मिली नई जिम्मेदारी
युगांतर भारती की वार्षिक आम सभा में बड़ा बदलाव! अंशुल शरण को सर्वसम्मति से नया अध्यक्ष चुना गया। जानें, क्यों उठाया गया यह कदम और कैसे बदलेगा संगठन का भविष्य।
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अंशुल शरण बने युगांतर भारती के नए अध्यक्ष, संगठन में बड़े बदलाव की शुरुआत!
रांची: स्वयंसेवी संस्था युगांतर भारती की वार्षिक आम सभा आज रांची में सम्पन्न हुई। इस सभा में एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए अंशुल शरण को सर्वसम्मति से संगठन का नया अध्यक्ष चुना गया। यह बदलाव इसलिए खास है क्योंकि इससे पहले इस पद पर श्रीमती मधु थीं, जो लंबे समय से संगठन का नेतृत्व कर रही थीं। युगांतर भारती के सदस्यों के बीच यह निर्णय स्वागत योग्य और भविष्य की नई दिशा की ओर संकेत करता है।
कैसे हुआ बदलाव का फैसला?
आम सभा में अध्यक्ष, सचिव, कोषाध्यक्ष सहित कार्यकारिणी समिति के सभी सदस्यगण उपस्थित थे। कुल आठ प्रस्ताव पारित किए गए, जिनमें सबसे महत्वपूर्ण था श्रीमती मधु के स्थान पर अंशुल शरण को अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपना। इस महत्वपूर्ण बदलाव के पीछे क्या वजहें रहीं, इस पर भी काफी चर्चा हुई। यह फैसला इसलिए लिया गया ताकि संगठन को नई ऊर्जा और दिशा दी जा सके।
अंशुल शरण का युगांतर भारती से पुराना नाता
अंशुल शरण का युगांतर भारती से जुड़ाव कोई नई बात नहीं है। वह लंबे समय से संगठन के साथ सक्रिय रूप से जुड़े रहे हैं और उनके कार्यों ने सदस्यों का ध्यान खींचा है। अंशुल के नेतृत्व में संगठन को नई योजनाओं और अभियानों की उम्मीद है, जो इसे और सशक्त बनाएंगे। अंशुल शरण ने अध्यक्ष पद संभालने के बाद कहा, “यह एक बड़ा दायित्व है और मैं संगठन की परंपराओं को बनाए रखते हुए, इसे नई ऊंचाइयों पर ले जाने का हर संभव प्रयास करूंगा।”
दामोदर बचाओ आंदोलन के अध्यक्ष सरयू राय का संबोधन
कार्यक्रम में दामोदर बचाओ आंदोलन के अध्यक्ष और मुख्य अतिथि श्री सरयू राय ने अपने संबोधन में युगांतर भारती के योगदान को सराहा। उन्होंने कहा कि वे वर्ष 2004 से युगांतर भारती के साथ जुड़े हुए हैं। उन्होंने संगठन की स्थिरता और समर्पण की तारीफ करते हुए कहा कि जब कई अन्य संस्थाएं साथ आईं और चली गईं, तब भी युगांतर भारती उनके आंदोलन के साथ मजबूती से खड़ा रहा। सरयू राय ने कहा, “जिस तरह से हम अपने शरीर की देखभाल करते हैं, उसी तरह से हमें नदियों और पर्यावरण की भी देखभाल करनी चाहिए।”
उन्होंने जोर देकर कहा कि कचरा निष्पादन और जल स्रोतों की देखभाल सबसे अहम मुद्दे हैं जिन पर काम करने की जरूरत है। सरयू राय ने कचरा निष्पादन प्रबंधन पर भी विस्तार से बात की और नगरपालिकाओं के अधिकारियों को प्रशिक्षण देने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अगर टेक्नोलॉजी ने ही समस्या पैदा की है, तो समाधान भी टेक्नोलॉजी से ही होगा।
कौन हैं अंशुल शरण?
अंशुल शरण का युगांतर भारती से संबंध एक सक्रिय सदस्य के रूप में रहा है। वह न केवल पर्यावरणीय मुद्दों के प्रति जागरूक हैं, बल्कि उन्होंने कई अभियानों का नेतृत्व भी किया है। उनके नेतृत्व में दामोदर बचाओ आंदोलन जैसे अभियानों में उन्होंने अहम भूमिका निभाई। अंशुल का मानना है कि पर्यावरण संरक्षण सिर्फ कानूनों और नियमों से नहीं हो सकता, बल्कि इसके लिए लोगों की भागीदारी भी उतनी ही महत्वपूर्ण है।
क्या बदलेगा अंशुल शरण के नेतृत्व में?
अंशुल शरण के अध्यक्ष बनने से संगठन के कामकाज में नए बदलाव की उम्मीद जताई जा रही है। युगांतर भारती को अब पहले से अधिक सक्रिय और व्यापक स्तर पर काम करने की जरूरत है। अंशुल ने अध्यक्ष पद ग्रहण करने के बाद संगठन के सभी सदस्यों से कहा कि उन्हें नदियों, जलाशयों और पर्यावरण की समस्याओं के प्रति अधिक गंभीर होना पड़ेगा।
उन्होंने कहा, “हमें अपने संस्कारों और जिम्मेदारियों को समझना होगा। संगठन को और प्रभावी बनाने के लिए हम नई योजनाएं लाएंगे और सदस्यों की भागीदारी को और बढ़ाएंगे। युगांतर भारती का उद्देश्य न सिर्फ पर्यावरण को बचाना है, बल्कि लोगों को जागरूक करना और उन्हें भी इस मुहिम में शामिल करना है।”
संगठन की आने वाली योजनाएं
अंशुल शरण ने कहा कि युगांतर भारती आने वाले दिनों में कई जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन करेगी। संगठन का लक्ष्य है कि अधिक से अधिक लोग पर्यावरण संरक्षण के लिए आगे आएं। इसके तहत नदियों की सफाई, जल स्रोतों का संरक्षण, और कचरा निष्पादन जैसे मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
अंशुल ने यह भी कहा कि “हम न सिर्फ समस्याओं को पहचानेंगे, बल्कि उनके समाधान की दिशा में ठोस कदम भी उठाएंगे। चाहे वह कचरा प्रबंधन हो, जल संरक्षण हो, या फिर पर्यावरणीय कानूनों के पालन की बात हो, युगांतर भारती हर स्तर पर काम करेगा।”
युगांतर भारती की भविष्य की दिशा
संगठन की आम सभा में कई मुद्दों पर चर्चा की गई, जिनमें पर्यावरणीय संरक्षण से जुड़े कानूनों के पालन, छोटे जल स्रोतों की रक्षा, और आम जनता को जागरूक करने की योजनाएं शामिल थीं। अंशुल शरण ने जोर देकर कहा कि संगठन अब और भी मजबूती से अपनी जड़ों को मजबूत करेगा और नए सदस्यों को जोड़ने के प्रयास करेगा।
युगांतर भारती की इस आम सभा ने यह स्पष्ट कर दिया है कि संगठन अब नए अध्यक्ष के नेतृत्व में और भी सक्रिय और समर्पित होकर काम करेगा। अंशुल शरण के नेतृत्व में युगांतर भारती को न सिर्फ नई दिशा मिलेगी, बल्कि यह एक उदाहरण भी प्रस्तुत करेगा कि कैसे एक स्वयंसेवी संगठन नदियों और पर्यावरण की रक्षा के लिए काम कर सकता है।
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