जादूगोड़ा यूसिल गेट पर मजदूर की मौत के बाद बवाल, ग्रामीणों का धरना, कंपनी का उत्पादन ठप
जादूगोड़ा में यूसिल के ठेका मजदूर की मौत के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने यूसिल गेट पर जाम कर धरना प्रदर्शन किया। स्थाई नौकरी और मुआवजे की मांग को लेकर ग्रामीणों ने कंपनी के खिलाफ आंदोलन छेड़ा, जिससे यूसिल का उत्पादन ठप हो गया है।
जमशेदपुर के जादूगोड़ा स्थित यूरेनियम कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (यूसीआईएल) के गेट पर बुधवार को भारी हंगामा देखने को मिला। ठेका मजदूर श्याम सोरेन (30) की इलाज के दौरान मौत होने से गुस्साए ग्रामीणों ने यूसिल के सभी गेटों को जाम कर दिया, जिससे कंपनी का उत्पादन पूरी तरह से ठप हो गया।
श्याम सोरेन, जो कि बिजली विभाग में ठेका मजदूर के रूप में कार्यरत थे, बीते 19 सितंबर को यूसिल बैरेज में काम कर रहे थे। इस दौरान 440 वोल्ट के तार में बिजली प्रवाहित हो गई, जिससे वे बुरी तरह झुलस गए। उन्हें तुरंत इलाज के लिए टाटा मेन हॉस्पिटल (टीएमएच) में भर्ती कराया गया, लेकिन इलाज के दौरान मंगलवार रात उनकी मौत हो गई।
श्याम सोरेन की मौत की खबर सुनते ही उनके गांव मेचुआ-बागुकासाई के ग्रामीणों का गुस्सा भड़क उठा। ग्राम प्रधान श्याम सोरेन की अगुवाई में ग्रामीण बुधवार सुबह जादूगोड़ा माइंस गेट के सामने जमा हो गए और कंपनी के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन शुरू कर दिया। ग्रामीणों की मांगें थीं कि मृतक के परिवार को कंपनी में स्थाई नौकरी दी जाए, बच्चों को कंपनी संचालित केंद्रीय विद्यालय में निःशुल्क शिक्षा मिले, और डेथ बेनिफिट सहित अन्य सहायता दी जाए।
जादूगोड़ा माइंस गेट पर हुए इस जाम से यूसिल के कर्मियों को भी खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। कर्मी गेट के बाहर फैसले का इंतजार करते नजर आए। वहीं, प्लांट जाने वाली मुख्य सड़क भी जाम हो गई, जिससे कंपनी का उत्पादन बुरी तरह प्रभावित हो गया।
श्याम सोरेन बीते 19 सितंबर को यूसिल के बिजली विभाग में काम कर रहे थे। वे बैरेज क्षेत्र में कार्यरत थे, जब अचानक 440 वोल्ट के तार में बिजली प्रवाहित हो गई और वे गंभीर रूप से झुलस गए। हादसे के बाद उन्हें तुरंत टीएमएच में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान मंगलवार रात उनकी मौत हो गई।
ग्रामीणों की मांगें:
श्याम सोरेन की मौत के बाद से उनके गांव के लोगों में जबरदस्त आक्रोश है। गांव के प्रधान श्याम सोरेन की अगुवाई में ग्रामीणों ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। उनकी मांगें हैं:
- मृतक के परिवार के किसी सदस्य को कंपनी में स्थाई नौकरी दी जाए।
- बच्चों को कंपनी संचालित केंद्रीय विद्यालय में निःशुल्क शिक्षा मिले।
- डेथ बेनिफिट और अन्य मुआवजा दिया जाए।
पीड़ित परिवार की ओर से श्याम की पत्नी राम देव सोरेन, मां मानव सोरेन, धरमू टुडू, करम घुटु टोला के प्रधान मंगल सोरेन, कुशल सोरेन समेत कई ग्रामीण इस धरना प्रदर्शन में शामिल थे। उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक वे आंदोलन जारी रखेंगे।
इस जाम और धरने के कारण यूसिल का कामकाज पूरी तरह से ठप हो गया है। प्रदर्शनकारियों की ओर से दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए यह आंदोलन तेज होता जा रहा है।
सुरक्षा और प्रबंधन की जिम्मेदारी:
इस घटना ने यूसिल में सुरक्षा मानकों को लेकर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। ठेका मजदूरों के साथ ऐसी घटनाओं से प्रबंधन पर भी सवाल उठ रहे हैं कि आखिर क्यों पर्याप्त सुरक्षा के इंतजाम नहीं किए जा रहे। अब देखना होगा कि कंपनी प्रबंधन ग्रामीणों की मांगों पर क्या रुख अपनाता है और इस हंगामे को कैसे शांत करता है।
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