तिरुपति बोर्ड ने नंदिनी घी के ऑर्डर पर लगाई रोक, कर्नाटक मिल्क फेडरेशन ने दी सफाई
तिरुपति लड्डू में पशु वसा के उपयोग के आरोपों के बीच, कर्नाटक मिल्क फेडरेशन ने तिरुपति देवस्थानम को नंदिनी घी की आपूर्ति रोकने पर स्थिति स्पष्ट की। जानें पूरी खबर।
तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसिद्ध तिरुपति लड्डू में पशु वसा के उपयोग के आरोपों ने भक्तों में गुस्सा पैदा कर दिया है। इस विवाद के बीच, कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (KMF), जो नंदिनी घी का निर्माता है, ने स्थिति स्पष्ट करते हुए बताया है कि तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) को नंदिनी घी की आपूर्ति क्यों रोकी गई थी और अब क्या बदला है। 2023 में, KMF ने यह कहते हुए टेंडर प्रक्रिया से बाहर निकलने का निर्णय लिया था कि वे घी की कीमत ₹400 प्रति किलोग्राम पर बेच रहे थे और दूसरी कंपनियां टीटीडी को इससे कम दरों पर घी दे रही थीं। KMF ने यह स्पष्ट किया था कि वे गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं कर सकते, और कम कीमत पर घी बेचने से किसानों के हितों को नुकसान होगा।
KMF ने क्यों रोकी थी आपूर्ति?
2023 में KMF ने यह घोषणा की थी कि वे नंदिनी घी की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए इसे सस्ते दरों पर नहीं बेच सकते। उन्होंने बताया कि घी की कीमत घटाने से फेडरेशन को नुकसान होगा, जो 27 लाख किसानों के हितों की रक्षा करता है। इसी कारण से KMF ने टेंडर प्रक्रिया में भाग नहीं लिया और अन्य निजी कंपनियों ने कम दरों पर TTD को घी की आपूर्ति शुरू कर दी।
हालांकि, अब तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ने KMF को फिर से घी की आपूर्ति करने के लिए आमंत्रित किया है। कर्नाटक मिल्क फेडरेशन के अध्यक्ष, भीम नाइक, ने एक विशेष इंटरव्यू में बताया कि नई सरकार के सत्ता में आने के बाद TTD ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने पूछा कि नंदिनी घी को टेंडर प्रक्रिया से बाहर क्यों रखा गया। इसके बाद KMF ने फिर से नंदिनी घी की आपूर्ति शुरू की।
फिर से शुरू हुई आपूर्ति
भीम नाइक ने कहा, "अब हम फिर से TTD को घी की आपूर्ति कर रहे हैं। हम इस बार 3.5 लाख किलोग्राम घी की आपूर्ति के लिए सबसे कम बोली लगाने वाले बने हैं। हमने कुछ दिनों पहले पहला टैंकर भेजा है।" उन्होंने यह भी कहा कि नंदिनी घी न केवल भारत में, बल्कि दुबई और कतर जैसे देशों में भी निर्यात किया जा रहा है, और वे इस बात से गर्व महसूस कर रहे हैं कि तिरुपति लड्डू में अब फिर से नंदिनी घी का उपयोग किया जाएगा।
KMF ने 2013 से 2018 के बीच TTD को हर साल 3,000 से 4,000 टन घी की आपूर्ति की थी। 2019 में उन्होंने 2,000 टन घी की आपूर्ति की, लेकिन फिर अन्य कंपनियों द्वारा कम कीमतों के कारण वे टेंडर प्रक्रिया से बाहर हो गए। KMF के घी की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठे थे जब निजी कंपनियों ने बहुत कम दरों पर घी की आपूर्ति की, खासकर तब जब एक सरकारी समर्थित प्रतिष्ठित ब्रांड नंदिनी को टेंडर से बाहर कर दिया गया था।
नंदिनी घी की मांग
नंदिनी घी दक्षिण भारत में और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बेहद लोकप्रिय है। भीम नाइक ने कहा, "हमें खुशी है कि हम फिर से तिरुपति को घी की आपूर्ति कर रहे हैं क्योंकि तिरुपति के करोड़ों भक्त हैं। अगर तिरुपति लड्डू में नंदिनी घी का इस्तेमाल होता है, तो हमें गर्व महसूस होता है। नंदिनी हमारे किसानों की मेहनत का प्रतीक है, और न केवल कर्नाटक, बल्कि पूरे देश को हमारे घी पर भरोसा है।"
गुणवत्ता बनाम कीमत
जब निजी कंपनियों ने KMF से कम दरों पर घी की आपूर्ति की, तो लोगों के मन में यह सवाल उठा कि क्या गुणवत्ता से समझौता किया जा रहा है। KMF ने साफ किया कि उनकी प्राथमिकता हमेशा से गुणवत्ता रही है और वे किसानों के हितों के साथ किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करेंगे। यही कारण था कि वे टेंडर प्रक्रिया से बाहर हुए, लेकिन अब वे फिर से TTD को घी की आपूर्ति कर रहे हैं और यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि तिरुपति लड्डू में उच्च गुणवत्ता वाला घी ही उपयोग हो।
What's Your Reaction?