Tatanagar Arrest: हावड़ा-टाटा स्टील एक्सप्रेस पर पथराव के दो आरोपी गिरफ्तार, सुरक्षा के लिए RPF की कड़ी कार्रवाई

हावड़ा-टाटानगर स्टील एक्सप्रेस पर पथराव करने के मामले में आरपीएफ ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया। जानें, कैसे रेलवे सुरक्षा बल यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित कर रहा है और पथराव जैसी घटनाओं पर रोक लगाने के लिए सख्त कदम उठा रहा है।

Jan 23, 2025 - 13:13
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Tatanagar Arrest: हावड़ा-टाटा स्टील एक्सप्रेस पर पथराव के दो आरोपी गिरफ्तार, सुरक्षा के लिए RPF की कड़ी कार्रवाई
Tatanagar Arrest: हावड़ा-टाटा स्टील एक्सप्रेस पर पथराव के दो आरोपी गिरफ्तार, सुरक्षा के लिए RPF की कड़ी कार्रवाई

जमशेदपुर, 20 जनवरी: हावड़ा-टाटानगर स्टील एक्सप्रेस पर हुए पथराव मामले में रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह घटना गालूडीह और राखामाइंस स्टेशन के बीच की है, जहां 20 जनवरी की रात को चलती ट्रेन पर पथराव किया गया। इस कार्रवाई में खड़गपुर सीआईबी आरपीएफ की टीम ने भी सहयोग किया।

गिरफ्तार आरोपी और उनका अपराध

गिरफ्तार किए गए आरोपियों में जादूगोड़ा के निवासी राहुल भक्त (24 वर्ष) और सजल नाथ (19 वर्ष) शामिल हैं। दोनों के खिलाफ रेलवे अधिनियम 1989 की धारा 153 के तहत मामला दर्ज किया गया है। इसके अलावा, छापेमारी के दौरान दो अन्य युवकों, रोहित सिंह (24 वर्ष) और आकाश कुट्टी (24 वर्ष), को भी हिरासत में लिया गया है। ये दोनों नवरंग बाजार, जादूगोड़ा के निवासी हैं और इनके खिलाफ रेलवे अधिनियम की धारा 147 और 145(बी) के तहत कार्रवाई की गई है।

पथराव की घटनाएं: रेलवे संपत्ति और यात्रियों के लिए खतरा

रेलवे सुरक्षा बल के अधिकारियों ने बताया कि चलती ट्रेनों पर पथराव करना यात्रियों की सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा है। साथ ही, यह रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का भी कारण बनता है। रेलवे अधिनियम की धारा 153 के तहत इस तरह की घटनाओं के लिए अधिकतम पांच साल की सजा का प्रावधान है।

पथराव की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

रेलवे पर पथराव की घटनाएं कोई नई बात नहीं हैं। यह समस्या दशकों से देखी जा रही है और इसे रोकने के लिए समय-समय पर रेलवे द्वारा अभियान चलाए जाते रहे हैं। पथराव न केवल यात्रियों को घायल कर सकता है, बल्कि ट्रेनों को भी गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकता है। इसी कारण रेलवे ने इस समस्या पर सख्ती से कार्रवाई करने का निर्णय लिया है।

RPF की सक्रियता और अपील

रेलवे सुरक्षा बल ने इस घटना के बाद आम जनता से अपील की है कि वे इस तरह की गतिविधियों की सूचना तुरंत संबंधित अधिकारियों को दें। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए आरपीएफ लगातार जागरूकता अभियान चला रहा है। रेलवे सुरक्षा बल के अनुसार, अगर जनता का सहयोग मिलता है, तो इस तरह की घटनाओं को रोका जा सकता है और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।

क्या कहता है रेलवे अधिनियम?

रेलवे अधिनियम 1989 के तहत चलती ट्रेनों पर पथराव करने वालों के लिए कड़े प्रावधान किए गए हैं। धारा 153 के तहत अधिकतम पांच साल की सजा का प्रावधान है। साथ ही, रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर अन्य धाराओं के तहत भी कार्रवाई की जा सकती है।

सुरक्षा को प्राथमिकता

इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि रेलवे यात्रियों की सुरक्षा को लेकर कोई भी समझौता करने के मूड में नहीं है। पथराव जैसी घटनाओं को रोकने के लिए आरपीएफ की ओर से कठोर कार्रवाई की जा रही है। इसके अलावा, रेलवे प्रशासन ने यात्रियों को आश्वासन दिया है कि उनकी यात्रा सुरक्षित और सुगम बनाने के लिए हरसंभव कदम उठाए जाएंगे।

जनता की भूमिका

ऐसे मामलों में जनता की जागरूकता और सहयोग बेहद महत्वपूर्ण है। अगर लोग तुरंत इस तरह की घटनाओं की जानकारी देंगे, तो आरपीएफ समय पर कार्रवाई कर सकेगी।

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