Tata Steel ने की नई घोषणा: हाई स्पीड इंटरनेट प्रतिपूर्ति होगी बंद, ऑफिस से काम करने वालों पर असर
टाटा स्टील ने अधिकारियों की सुविधाओं में कटौती करते हुए हाई स्पीड इंटरनेट और ब्रॉडबैंड प्रतिपूर्ति को 1 जनवरी 2025 से बंद करने का फैसला लिया है। जानिए, कैसे यह बदलाव फ्लेक्सी वर्क फ्रॉम होम और वर्कप्लेस संस्कृति को प्रभावित करेगा।
टाटा स्टील, जो अपनी उन्नत टेक्नोलॉजी और कर्मचारी नीतियों के लिए जानी जाती है, अब अपनी कॉर्पोरेट सुविधाओं में बड़े बदलाव कर रही है। कंपनी ने 1 जनवरी 2025 से हाई स्पीड इंटरनेट और ब्रॉडबैंड के प्रतिपूर्ति (रिइंबर्समेंट) को बंद करने का ऐलान किया है। यह फैसला कोरोना महामारी के दौरान शुरू की गई सुविधा को समाप्त करने की दिशा में उठाया गया है।
कोविड-19 से शुरू हुई थी इंटरनेट प्रतिपूर्ति सुविधा
कोरोना महामारी के दौरान, जब अधिकांश अधिकारी घर से काम कर रहे थे, टाटा स्टील ने हाई स्पीड इंटरनेट और ब्रॉडबैंड के खर्च को कवर करने के लिए यह सुविधा शुरू की थी। यह कदम कंपनी की प्रगतिशील सोच का एक उदाहरण था, जिससे वर्क फ्रॉम होम के दौरान कर्मचारियों को तकनीकी समस्याओं का सामना न करना पड़े।
क्यों लिया गया यह फैसला?
टाटा स्टील के वीपी एचआरएम अतरई सान्याल द्वारा जारी किए गए सर्कुलर के अनुसार, अब अधिकांश अधिकारी ऑफिस से काम कर रहे हैं। कंपनी का मानना है कि ऑफिस में असीमित वाईफाई की उपलब्धता के चलते इस सुविधा की अब आवश्यकता नहीं है। हालांकि, यह सुविधा उन अधिकारियों के लिए जारी रहेगी जो पूर्ण रूप से घर से काम कर रहे हैं और कार्यालय वाईफाई तक उनकी पहुंच नहीं है।
फ्लेक्सी वर्क फ्रॉम होम के लिए विशेष सुविधा
फ्लेक्सी वर्क फ्रॉम होम करने वाले अधिकारी 25 फरवरी 2025 तक अपने इंटरनेट या ब्रॉडबैंड के खर्च का दावा कर सकते हैं, लेकिन यह केवल 31 दिसंबर 2024 तक के खर्च पर लागू होगा। इसके बाद, कंपनी द्वारा यह सुविधा पूरी तरह से बंद कर दी जाएगी।
पहले भी हुई हैं कई कटौतियां
यह पहला मौका नहीं है जब टाटा स्टील ने अधिकारियों की सुविधाओं में कटौती की हो। इससे पहले कंपनी ने मोबाइल सेवा के खर्च और कर्मचारियों के टूर से संबंधित प्रतिपूर्ति को भी समाप्त कर दिया था। यह बदलाव कई अधिकारियों के लिए असुविधाजनक साबित हो सकता है, लेकिन कंपनी इसे अपने कॉर्पोरेट खर्चों को प्रबंधित करने की रणनीति के रूप में देख रही है।
इतिहास में टाटा स्टील की प्रगतिशील नीतियां
टाटा स्टील हमेशा से अपनी कर्मचारी-अनुकूल नीतियों के लिए जानी जाती रही है। कंपनी ने 20वीं सदी में भारत में 8 घंटे की कार्यदिवस नीति लागू की थी, जो उस समय एक क्रांतिकारी कदम था। इसके अलावा, कर्मचारी कल्याण और सुरक्षा के लिए भी कंपनी ने कई कदम उठाए हैं। हालांकि, मौजूदा बदलावों ने कर्मचारियों के बीच एक नई बहस छेड़ दी है।
क्या है कर्मचारियों की प्रतिक्रिया?
कई कर्मचारियों का मानना है कि यह कटौती उनके वर्क फ्रॉम होम व्यवस्था को प्रभावित करेगी। "यह बदलाव हमें अपनी कार्यशैली में बदलाव लाने पर मजबूर करेगा," एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा। वहीं, कुछ कर्मचारी इसे कंपनी के खर्चों को प्रबंधित करने की तार्किक पहल मानते हैं।
टाटा स्टील का यह कदम उसकी नई रणनीतिक योजनाओं का हिस्सा है। हालांकि, यह कर्मचारियों के लिए थोड़ी असुविधा जरूर पैदा कर सकता है, लेकिन यह कंपनी के दीर्घकालिक लक्ष्यों को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
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