सरायकेला, 14 दिसंबर 2024: धान अधिप्राप्ति योजना के तहत सरायकेला जिले में आज से किसानों से धान की खरीद का कार्य शुरू हो गया है। किसानों को 2400 रुपये प्रति क्विंटल के समर्थन मूल्य पर अपनी उपज बेचने का सुनहरा अवसर मिल रहा है। योजना के तहत जिले के 18 अधिप्राप्ति केंद्रों को सक्रिय किया गया है, और इस बार कुल 3 लाख क्विंटल धान की खरीद का लक्ष्य रखा गया है।
धान अधिप्राप्ति की पृष्ठभूमि और महत्व
धान अधिप्राप्ति योजना का उद्देश्य किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) प्रदान कर बिचौलियों और औने-पौने दामों पर धान बेचने से रोकना है। ऐतिहासिक रूप से, किसान अपनी उपज के लिए बाजार पर निर्भर रहते थे, जहां उन्हें MSP से कम मूल्य मिलता था। लेकिन सरकार की इस पहल ने कृषि उत्पादों के मूल्य निर्धारण में पारदर्शिता और किसानों के सशक्तिकरण को बढ़ावा दिया है।
समीक्षात्मक बैठक में तैयारियों की समीक्षा
शनिवार को समाहरणालय सभागार में उप विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक समीक्षात्मक बैठक आयोजित की गई। बैठक में धान अधिप्राप्ति केंद्रों पर सभी जरूरी व्यवस्थाओं की समीक्षा की गई। अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि:
- किसानों को योजना के प्रति जागरूक किया जाए।
- केंद्रों पर नमी मापक और भार मापक यंत्र उपलब्ध कराए जाएं।
- किसानों का दस्तावेजीकरण समय पर पूरा किया जाए ताकि उन्हें भुगतान में कोई कठिनाई न हो।
- किसानों को उनके भुगतान की पुष्टि के लिए SMS संदेश भेजे जाएं।
धान अधिप्राप्ति केंद्र और राइस मिलों का चयन
जिले में 18 लैंप्स (LAMPS) को धान अधिप्राप्ति केंद्र के रूप में चुना गया है। इसके अतिरिक्त, 6 राइस मिलों को भी इस प्रक्रिया का हिस्सा बनाया गया है। इनमें से प्रमुख केंद्र खरसावां, नारायणपुर, और रूगड़ी लैंप्स हैं, जहां रविवार से खरीद कार्य की शुरुआत हो चुकी है। शेष केंद्रों पर भी जल्द ही काम शुरू हो जाएगा।
किसानों को क्या फायदे?
इस योजना के तहत किसान अपनी उपज को 2400 रुपये प्रति क्विंटल के समर्थन मूल्य पर बेच सकते हैं, जिसमें बोनस भी शामिल है। यह दर बाजार मूल्य से काफी बेहतर है, जिससे किसानों को उनकी मेहनत का वाजिब मूल्य मिल सकेगा।
उप विकास आयुक्त ने यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि सभी केंद्रों पर किसानों से बिना किसी बाधा के धान खरीदा जाए और उनका भुगतान समय पर किया जाए।
धान खरीद की प्रक्रिया में पारदर्शिता
प्रत्येक केंद्र पर पंजी संधारण का कार्य किया जाएगा, और जिला मुख्यालय को दैनिक प्रतिवेदन भेजा जाएगा। इससे जिला स्तर पर प्रक्रिया की नियमित समीक्षा हो सकेगी।
धान अधिप्राप्ति की प्रक्रिया में डिजिटल दस्तावेजीकरण का उपयोग किया जाएगा ताकि किसान को समय पर भुगतान मिल सके। यह प्रक्रिया न केवल किसानों को राहत देगी बल्कि जिले में कृषि गतिविधियों को और अधिक संगठित बनाएगी।
सरायकेला का कृषि योगदान
सरायकेला जिले का कृषि क्षेत्र झारखंड की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। खरीफ विपणन मौसम के दौरान धान की फसल जिले की प्रमुख आय का स्रोत है। इस बार धान अधिप्राप्ति के लक्ष्य ने जिले में कृषि उत्पादन और आर्थिक गतिविधियों को गति दी है।
बिचौलियों से सावधान रहने की अपील
ग्रामीण क्षेत्रों में बिचौलियों का प्रभाव हमेशा से एक समस्या रहा है। उप विकास आयुक्त ने किसानों से अपील की है कि वे बिचौलियों के चक्कर में न पड़ें और सीधे अधिप्राप्ति केंद्रों पर अपनी फसल बेचें।
सरायकेला में शुरू हुई धान अधिप्राप्ति योजना ने किसानों के लिए नई उम्मीदें जगाई हैं। यह योजना न केवल किसानों को उनकी मेहनत का सही दाम दिलाने में मदद करेगी, बल्कि जिले के कृषि क्षेत्र को भी मजबूती प्रदान करेगी।
क्या यह पहल किसानों की आय में बढ़ोतरी कर पाएगी, या फिर कुछ चुनौतियां सामने आएंगी? इस पर नजर रखना दिलचस्प होगा।