Saraikela Crackdown: Illegal Farming के खिलाफ पुलिस का बड़ा अभियान, 21.5 एकड़ में फैली अफीम की खेती नष्ट

सरायकेला पुलिस का अफीम उन्मूलन अभियान जारी! 110.53 एकड़ में अफीम की अवैध खेती नष्ट, एसपी ने किसानों को दी चेतावनी, जानिए पूरी खबर।

Jan 7, 2025 - 20:55
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Saraikela Crackdown: Illegal Farming के खिलाफ पुलिस का बड़ा अभियान, 21.5 एकड़ में फैली अफीम की खेती नष्ट
Saraikela Crackdown: Illegal Farming के खिलाफ पुलिस का बड़ा अभियान, 21.5 एकड़ में फैली अफीम की खेती नष्ट

सरायकेला-खरसावां पुलिस ने मंगलवार को अफीम की अवैध खेती के खिलाफ एक बड़ा अभियान चलाते हुए 21.5 एकड़ में फैली अफीम की फसल को नष्ट कर दिया। यह कार्रवाई पुलिस अधीक्षक (एसपी) मुकेश कुमार लुणायत के निर्देश पर जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में की गई।

विशेष जानकारी के अनुसार, जिले में फसली वर्ष 2024-25 के दौरान अब तक कुल 110.53 एकड़ जमीन पर हो रही अफीम की अवैध खेती को नष्ट किया जा चुका है। यह एक रिकॉर्ड है, क्योंकि इससे पहले इतनी बड़ी मात्रा में एक ही फसली वर्ष में कभी कार्रवाई नहीं की गई थी।

तीन थाना क्षेत्रों में हुई कार्रवाई

  1. चौका थाना क्षेत्र: हेसाकोचा गांव के धातकीडीह टोला में 6.5 एकड़ में अवैध अफीम की खेती को नष्ट किया गया।

  2. खरसावां थाना क्षेत्र: आमदा ओपी के रीडिंग पंचायत अंतर्गत टोरोडीह टोला में 8 एकड़ में अवैध खेती को खत्म किया गया।

  3. ईचागढ़ थाना क्षेत्र: सालुकडीह गांव में 7 एकड़ जमीन पर फैली अफीम की खेती को समाप्त किया गया।

एसपी ने दी सख्त चेतावनी एसपी लुणायत ने स्पष्ट किया कि यह अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक किसान जागरूक नहीं हो जाते। उन्होंने ग्रामीणों से अपील करते हुए कहा कि वे पारंपरिक खेती को अपनाएं और सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाएं। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि यदि कोई जमीन मालिक अफीम माफियाओं के प्रभाव में आकर अवैध खेती करता पाया गया, तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

इतिहास और जागरूकता अभियान का महत्व अफीम की अवैध खेती का इतिहास भारत में गहरा जुड़ा हुआ है। ब्रिटिश काल के दौरान इसे बड़े पैमाने पर उगाया और निर्यात किया जाता था। आज, हालांकि, यह अवैध और हानिकारक मानी जाती है, जिससे सरकारें इसे रोकने के लिए सख्त कदम उठा रही हैं।

सरायकेला-खरसावां पुलिस का यह अभियान एक महत्वपूर्ण कदम है। ग्रामीणों को चाहिए कि वे पारंपरिक खेती अपनाकर समाज और कानून दोनों के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाएं।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।