चांडिल डैम के विस्थापितों के मुद्दे पर संजय सेठ का बड़ा कदम, मुख्य सचिव को लिखा पत्र

रांची सांसद और रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ ने चांडिल डैम के विस्थापित गांवों की समस्याओं पर झारखंड सरकार के मुख्य सचिव को पत्र लिखा है। जानिए इस गंभीर मुद्दे पर उन्होंने क्या कदम उठाए।

Sep 22, 2024 - 16:27
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चांडिल डैम के विस्थापितों के मुद्दे पर संजय सेठ का बड़ा कदम, मुख्य सचिव को लिखा पत्र
चांडिल डैम के विस्थापितों के मुद्दे पर संजय सेठ का बड़ा कदम, मुख्य सचिव को लिखा पत्र

संजय सेठ ने चांडिल डैम के विस्थापितों के मुद्दे पर झारखंड सरकार को लिखा पत्र

रांची के सांसद और भारत सरकार के रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ ने चांडिल डैम के विस्थापितों की समस्याओं को लेकर झारखंड सरकार के मुख्य सचिव को पत्र लिखा है। यह घटना 22 सितंबर 2024 की है। उन्होंने पत्र में डैम का जलस्तर बढ़ने और सैकड़ों विस्थापित गांवों के जलमग्न होने पर गहरी चिंता जताई है।

संजय सेठ ने पत्र में कहा कि चांडिल डैम अब इस क्षेत्र के लोगों के लिए अभिशाप बन गया है। डैम के कारण हर साल भारी बारिश में कई गांव पानी में डूब जाते हैं। सैकड़ों लोगों के घरों में पानी घुस जाता है, जिससे उनका जीवन बुरी तरह प्रभावित होता है। सबसे बड़ी समस्या यह है कि इस समस्या का समाधान करने के लिए प्रशासनिक स्तर पर कोई तैयारी नहीं होती।

बीते हफ्ते भी भारी बारिश के पूर्वानुमान के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। जलस्तर 183 मीटर से अधिक हो जाने पर डैम के फाटक धीरे-धीरे खोले गए, जिससे ईचागढ़, नीमडीह और कुकडू प्रखंड के कई गांवों में पानी घुस गया। इससे करीब दो दर्जन गांव पूरी तरह जलमग्न हो गए। एक साथ 12 फाटक खोलने से कपाली और जमशेदपुर में भी बाढ़ की स्थिति बन गई।

संजय सेठ ने इस गंभीर समस्या पर झारखंड सरकार और परियोजना अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि यदि पहले से तैयारी की गई होती, तो शायद यह स्थिति टाली जा सकती थी। वर्तमान में तीन दर्जन से अधिक गांव कई दिनों से पानी में डूबे हुए हैं। हजारों विस्थापित परिवार बुरी तरह से प्रभावित हो गए हैं।

100 से अधिक कच्चे मकान ढह चुके हैं। लोग सूखे राशन पर निर्भर हैं, बच्चों की पढ़ाई भी ठप हो गई है। ग्रामीण अपनी रोजमर्रा की जिंदगी जीने में असमर्थ हैं। घरों में चूल्हे तक नहीं जल रहे हैं।

संजय सेठ ने इस पूरे मामले की जांच के लिए एक स्वतंत्र कमेटी बनाने की मांग की है। उन्होंने विस्थापितों, जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को शामिल कर एक निष्पक्ष जांच की बात कही है। साथ ही, भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए पूर्व तैयारी सुनिश्चित करने की बात भी कही है।

उन्होंने इस मुद्दे को लेकर जल्द से जल्द कार्रवाई की मांग की है, ताकि क्षेत्र के लोग इस संकट से बाहर आ सकें

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।