Ranchi Sad News: मंत्री रामदास सोरेन के छोटे भाई राम सोरेन का हुआ निधन, राजनीतिक गलियारों में शोक!
झारखंड सरकार के मंत्री रामदास सोरेन के छोटे भाई राम सोरेन का आज सुबह रांची के रिम्स अस्पताल में निधन हो गया। इस खबर से पूरे राजनीतिक गलियारे में शोक की लहर दौड़ गई।

रांची: झारखंड सरकार के जल संसाधन मंत्री और उच्च शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के प्रमुख रामदास सोरेन के परिवार में आज शोक की लहर दौड़ गई। उनके छोटे भाई राम सोरेन का आज सुबह रिम्स हॉस्पिटल, रांची में निधन हो गया। वह काफी समय से अस्वस्थ थे और इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली।
कौन हैं रामदास सोरेन?
झारखंड के कद्दावर नेताओं में गिने जाने वाले रामदास सोरेन न सिर्फ झारखंड सरकार में मंत्री हैं, बल्कि पूर्वी सिंहभूम जिले के जिला अध्यक्ष भी हैं। वे झारखंड की राजनीति में एक मजबूत आदिवासी नेता के रूप में जाने जाते हैं। उनकी कुल संपत्ति 10.45 करोड़ रुपये से अधिक है, और वे कई वर्षों से राजनीति में सक्रिय हैं।
राम सोरेन के निधन से समर्थकों में शोक
राम सोरेन का स्वास्थ्य काफी दिनों से खराब चल रहा था, जिसके चलते उन्हें रांची के रिम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनके निधन की खबर से न सिर्फ परिवार बल्कि पूरे राजनीतिक गलियारे में शोक की लहर दौड़ गई है। झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) और अन्य दलों के नेताओं ने भी अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं।
झारखंड की राजनीति में सोरेन परिवार की अहम भूमिका
झारखंड की राजनीति में सोरेन परिवार का बड़ा योगदान रहा है। झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) की स्थापना से लेकर आज तक इस परिवार ने आदिवासी समाज के उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। शिबू सोरेन, हेमंत सोरेन और रामदास सोरेन जैसे नेताओं ने झारखंड में सामाजिक और राजनीतिक आंदोलनों को नई दिशा दी है।
राजनीतिक गलियारों से श्रद्धांजलि
राम सोरेन के निधन पर कई बड़े नेताओं ने शोक व्यक्त किया। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता और कई अन्य राजनीतिक हस्तियों ने गहरा दुःख जताया। सोशल मीडिया पर भी लोग उनके परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त कर रहे हैं।
आखिरी विदाई की तैयारी
सूत्रों के मुताबिक, राम सोरेन का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव में किया जाएगा। पारिवारिक सूत्रों के अनुसार, अंतिम संस्कार में झारखंड की कई राजनीतिक हस्तियां शामिल हो सकती हैं।
झारखंड की राजनीति में असर
रामदास सोरेन पहले से ही कई अहम पदों पर हैं और उनकी छवि एक मजबूत नेता की रही है। हालांकि, उनके छोटे भाई के निधन से उनकी निजी जिंदगी में यह एक बड़ा आघात है। झारखंड के लोगों को उम्मीद है कि वे इस कठिन समय को सहन कर अपनी राजनीतिक जिम्मेदारियों को मजबूती से निभाते रहेंगे।
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