Murli Holi Milan: मुरली पारामेडिकल कॉलेज में धूमधाम से मना होली मिलन समारोह, रंगों की बरसात में झूमे छात्र और स्टाफ!
मुरली पारामेडिकल कॉलेज में होली मिलन समारोह का भव्य आयोजन हुआ। छात्रों और स्टाफ ने मिलकर इस पावन पर्व को पारंपरिक उल्लास के साथ मनाया। जानें होली से जुड़ी पौराणिक कथाएं और वैज्ञानिक महत्व।

13 मार्च 2025: फागुन की मस्ती, गुलाल की खुशबू और गीतों की गूंज के बीच मुरली पारामेडिकल कॉलेज में भव्य होली मिलन समारोह का आयोजन किया गया। पारंपरिक उत्साह के साथ मनाए गए इस आयोजन में डॉक्टर, लैब टेक्नीशियन, फार्मासिस्ट, स्टाफ नर्स, असिस्टेंट सर्जन और कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने मिलकर होली का आनंद लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. नूतन रानी ने की, जिन्होंने सभी को इस पर्व की शुभकामनाएं दीं।
होली का ऐतिहासिक महत्व – क्यों मनाते हैं यह पर्व?
होली सिर्फ रंगों का त्योहार नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और धर्म से गहराई से जुड़ा हुआ पर्व है। यह त्योहार कई पौराणिक घटनाओं को याद दिलाता है—
भगवान शिव और कामदेव की कथा – माना जाता है कि जब कामदेव ने भगवान शिव की तपस्या भंग करने की कोशिश की, तो शिव ने उन्हें अपने तीसरे नेत्र से भस्म कर दिया। बाद में, देवी पार्वती के साथ शिव के विवाह के लिए देवताओं ने उन्हें मनाया, और इसी उपलक्ष्य में होली मनाई जाने लगी।
भक्त प्रह्लाद और होलिका दहन – जब राजा हिरण्यकश्यप ने अपने भक्त पुत्र प्रह्लाद को मारने के लिए अपनी बहन होलिका की मदद ली, तो होलिका जल गई और प्रह्लाद विष्णु कृपा से बच गए। तभी से असत्य पर सत्य की जीत के प्रतीक के रूप में होली का पर्व मनाया जाता है।
ऋतु परिवर्तन का संकेत – होली न केवल धार्मिक, बल्कि प्राकृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। यह सर्दी से बसंत ऋतु में परिवर्तन का सूचक है, जिससे नई फसल का आगमन होता है और वातावरण में नई ऊर्जा का संचार होता है।
होली मिलन समारोह में उमड़ा उत्साह
मुरली पारामेडिकल कॉलेज में आयोजित होली मिलन समारोह में रंगों की धूम मची रही। कॉलेज परिसर को गुलाल और फूलों से सजाया गया था, और पूरे वातावरण में होली के गीतों की मिठास घुली हुई थी। छात्र-छात्राओं ने नाच-गाने के साथ उत्सव का आनंद लिया।
भव्य आयोजन और पारंपरिक व्यंजन
इस अवसर पर विभिन्न पारंपरिक व्यंजन जैसे गुझिया, ठंडाई, मालपुआ और अन्य मिठाइयों का विशेष इंतजाम किया गया था। उत्सव के दौरान सभी ने एक-दूसरे को रंग लगाकर आपसी प्रेम और भाईचारे का संदेश दिया।
होली का धार्मिक और वैज्ञानिक पक्ष
होलिका दहन केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि वैज्ञानिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। इस दौरान जलती अग्नि के चारों ओर घूमने से वातावरण में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया नष्ट होते हैं, जिससे स्वास्थ्य लाभ भी होता है।
समापन और धन्यवाद ज्ञापन
कार्यक्रम के अंत में डॉ. नूतन रानी ने सभी को होली की शुभकामनाएं दीं और इस आयोजन को सफल बनाने के लिए सभी का आभार व्यक्त किया।
होली – रंगों, उल्लास और भाईचारे का पर्व
होली केवल एक रंगों का त्योहार नहीं, बल्कि यह प्रेम, एकता और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है। इस दिन हर कोई आपसी मतभेद भुलाकर एक-दूसरे के गले मिलता है और खुशियों को साझा करता है।
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