Jamshedpur Celebration: इंटरनेशनल महिला दिवस पर बॉक्सिंग चैंपियन संग हुई खास पहल!
जमशेदपुर में इंटरनेशनल महिला दिवस पर मेराकी ट्रस्ट द्वारा भव्य कार्यक्रम आयोजित हुआ। वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियन अरुणा मिश्रा और तरुणा मिश्रा की मौजूदगी से यह आयोजन और खास बना। पढ़ें पूरी खबर!

जमशेदपुर में इंटरनेशनल महिला दिवस बेहद खास अंदाज में मनाया गया। इस भव्य आयोजन का नेतृत्व मेराकी ट्रस्ट की सेक्रेटरी श्रीमती रीता पात्रा जी ने किया। इंपीरियल रिसेट हाता में आयोजित इस कार्यक्रम में समाज के कई प्रतिष्ठित व्यक्तित्व मौजूद रहे, लेकिन सबसे अधिक ध्यान खींचा बॉक्सिंग की वर्ल्ड चैंपियन और पुलिस डिपार्टमेंट की मजबूत शख्सियत श्रीमती अरुणा मिश्रा और तरुणा मिश्रा की मौजूदगी ने।
फूलों की वर्षा के साथ हुआ भव्य स्वागत
कार्यक्रम की शुरुआत बेहद अनोखे अंदाज में हुई। जब मेराकी ट्रस्ट की डोरी खींची गई तो फूलों की वर्षा से पूरा मंच गुलजार हो गया। यह दृश्य न सिर्फ देखने में अद्भुत था, बल्कि महिला सशक्तिकरण का प्रतीक भी बना।
प्रतिष्ठित अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति
इस आयोजन में पोटका क्षेत्र के विधायक श्री संजीव सरदार जी की पत्नी मीता सरदार, अखिल भारतीय गोंड आदिवासी संघ के अध्यक्ष श्री दिनेश साह गोंड, और समाज के अन्य प्रमुख पदाधिकारी भी उपस्थित रहे। मदन साह, मनोज प्रसाद, उमेश साह, सोहन साह गोंड जैसे गणमान्य लोगों ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।
इतिहास की झलक: इंटरनेशनल महिला दिवस क्यों है खास?
इंटरनेशनल महिला दिवस की शुरुआत 1908 में हुई जब न्यूयॉर्क की हजारों महिलाओं ने अपने अधिकारों के लिए प्रदर्शन किया। इसके बाद 1911 में इसे आधिकारिक रूप से कई देशों में मनाया जाने लगा। भारत में भी यह दिन महिलाओं की शक्ति और समानता के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है।
सम्मान और पुरस्कारों की रही खास धूम
सभी विशिष्ट अतिथियों को अंग वस्त्र और मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया। इसके साथ ही, बच्चों ने भी अपनी कला और प्रतिभा का प्रदर्शन किया, जिसे सराहा गया। बच्चों को उनकी उत्कृष्ट प्रस्तुति के लिए पुरस्कार भी दिए गए, जिससे उनका हौसला और बढ़ा।
संपन्न हुआ शानदार आयोजन
कार्यक्रम में सिदगोड़ा थाना प्रभारी और रांची से आए कई गणमान्य अतिथि भी शामिल हुए। आयोजन के अंत में रीता पात्रा जी ने धन्यवाद ज्ञापन दिया और सभी का आभार व्यक्त किया। इसके बाद सभी के लिए स्वादिष्ट भोजन की व्यवस्था की गई, जिससे यह आयोजन और भी यादगार बन गया।
महिला सशक्तिकरण की नई मिसाल
इस भव्य आयोजन ने यह साबित कर दिया कि महिलाएं सिर्फ अपने अधिकारों के लिए जागरूक ही नहीं हैं, बल्कि वे समाज के हर क्षेत्र में अपनी अमिट छाप भी छोड़ रही हैं।
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