रंभा कॉलेज ऑफ एजुकेशन में राष्ट्रीय कार्यशाला संपन्न: 'भारतीय ज्ञान पद्धति और नैक बायनरी सिस्टम' पर गहन चर्चा

रंभा कॉलेज ऑफ एजुकेशन के छठे स्थापना दिवस के अवसर पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में भारतीय ज्ञान पद्धति और नैक बायनरी सिस्टम पर गहन चर्चा की गई। विशेषज्ञों ने शिक्षा में मानवीय मूल्यों की आवश्यकता पर बल दिया।

Aug 31, 2024 - 17:14
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रंभा कॉलेज ऑफ एजुकेशन में राष्ट्रीय कार्यशाला संपन्न: 'भारतीय ज्ञान पद्धति और नैक बायनरी सिस्टम' पर गहन चर्चा
रंभा कॉलेज ऑफ एजुकेशन में राष्ट्रीय कार्यशाला संपन्न: 'भारतीय ज्ञान पद्धति और नैक बायनरी सिस्टम' पर गहन चर्चा

जमशेदपुर, 31 अगस्त: रंभा कॉलेज ऑफ एजुकेशन ने अपने छठे स्थापना दिवस के अवसर पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला का विषय "इंडियन नॉलेज सिस्टम और नैक बायनरी सिस्टम" था, जिसमें देश के प्रमुख शिक्षाविद और विशेषज्ञों ने भाग लिया। कार्यशाला का समापन समारोह आज सम्पन्न हुआ, जिसमें कोल्हान विश्वविद्यालय के वित्त पदाधिकारी डॉ बी.के. सिंह मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे।

समारोह की शुरुआत दीप प्रज्वलित करके और स्वागत गीत के साथ की गई। कॉलेज के सचिव गौरव बचन ने स्वागत भाषण दिया और सभी अतिथियों का परिचय कराया। उन्होंने कहा कि यह कार्यशाला केवल शैक्षणिक विकास नहीं, बल्कि मानवीय मूल्यों को पुनर्जीवित करने का भी प्रयास है। सभी मंचासीन अतिथियों का स्वागत पौधे, उत्तरीय और प्रतीक चिन्ह देकर किया गया।

कार्यशाला में नैक बायनरी सिस्टम पर विस्तृत चर्चा की गई, जिसे उड़ीसा के शिक्षाविद डॉ दिलीप मंगराज ने गहराई से समझाया। मुख्य अतिथि डॉ बी.के. सिंह ने अपने वक्तव्य में भारतीय ज्ञान पद्धति पर जोर दिया और कहा कि आज की शिक्षा केवल किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा, "मानवीय मूल्यों को अपनाने की आवश्यकता है ताकि समाज में संवेदना जीवित रह सके।"

कार्यशाला के प्रथम सत्र का संचालन डॉ गंगा भोल और डॉ सुमन लता ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन प्रिंसिपल डॉ कल्याणी कबीर ने दिया। द्वितीय सत्र का संचालन असिस्टेंट प्रोफेसर शीतल कुमारी ने किया। इस अवसर पर डीबीएमएस कॉलेज, श्रीनाथ बी.एड कॉलेज और करीम कॉलेज के प्रोफेसर भी उपस्थित थे।

आज किताबी ज्ञान नहीं बल्कि मानवीय मूल्यों को अपनाने की आवश्यकता है तभी समाज में मानवीय संवेदना जीवित रह पायेगी।-- डाॅ बी के सिंह, वित्त पदाधिकारी, कोल्हान विश्वविद्यालय। ___________



रंभा कॉलेज ऑफ एजुकेशन के छठे स्थापना दिवस के अवसर पर "इंडियन नॉलेज सिस्टम और नैक बायनरी सिस्टम" पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आज समापन समारोह।


अध्यक्ष राम बचन ने अपने वक्तव्य में शिक्षकों को सतत सीखने और विकास के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि शिक्षकों का निरंतर सीखना और समर्पण ही शिक्षा को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकता है।

कार्यशाला में विभिन्न कॉलेजों से आए प्रतिभागियों ने भाग लिया और सभी अतिथियों को उत्तरीय और प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इस दो दिवसीय कार्यशाला ने शिक्षा के क्षेत्र में भारतीय ज्ञान पद्धति और नैक बायनरी सिस्टम की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया।

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Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।