Raghubar Das BJP Membership: रघुवर दास ने ली भाजपा की सदस्यता, कहा- "संगठन का दास होना गर्व की बात"
रघुवर दास ने भाजपा की सदस्यता ली और कहा- संगठन का दास होना गर्व की बात। जानें, उन्होंने क्या कहा और 2025 के नए उत्साह के साथ किस प्रकार पार्टी की सेवा में आए।
10 जनवरी 2025: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यालय में दोबारा भाजपा की सदस्यता ग्रहण की, और इस अवसर पर हजारों भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। यह पल रघुवर दास के लिए एक ऐतिहासिक क्षण था, जब उन्होंने पार्टी के सदस्य के रूप में वापसी की। उनके संबोधन में जो भावनाएं व्यक्त हुईं, वे न केवल झारखंड की राजनीति बल्कि भारतीय राजनीति की दिशा को भी एक नई ऊर्जा दे रही हैं।
"संगठन का दास होना गर्व की बात":
रघुवर दास ने कहा, "भगवान बिरसा मुंडा और वीरों की पावन भूमि, और श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा स्थापित झारखंड राज्य की भूमि पर अपनी पुरानी भूमिका में लौटकर ऐसा लग रहा है कि जैसे मैं मां के आंचल में वापस आ गया हूं। राज्यपाल बनना एक गरिमा की बात है, लेकिन संगठन का दास बनना गर्व की बात है।"
उनकी बातों में संगठन की शक्ति और सेवा भाव की भावना गहराई से झलकती है। रघुवर दास ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मिसाल दी और कहा, "प्रधानमंत्री मोदी भी 'प्रधान सेवक' हैं, और मैं भी एक सेवक बनकर आप सबकी सेवा में हाजिर हूं।"
2025 का वर्ष और झारखंड की नई ऊर्जा:
रघुवर दास ने 2025 के वर्ष को एक नई ऊर्जा और उमंग का प्रतीक बताया और कहा, "सूर्य उत्तरायण की ओर बढ़ेगा, और इस बार 2025 का सूर्य महाकुंभ के साथ झारखंड में अमृत पान करेगा। हमें अब 2024 के अनुभव से सीखकर 2025 में नई ऊर्जा और जोश के साथ झारखंड के हित में काम करना है। हमें झारखंड की जनता के लिए संघर्ष करना होगा, ताकि हम विजयी हो सकें।"
भविष्य की दिशा:
रघुवर दास ने इस अवसर पर भाजपा के कार्यकर्ताओं और राष्ट्रीय नेतृत्व का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, "मैं प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, और झारखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी का आभार व्यक्त करता हूं, जिनकी प्रेरणा और नेतृत्व में पार्टी लगातार आगे बढ़ रही है।"
उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी के लिए यह कोई पहली बार की बात नहीं है कि उसे चुनौतियों का सामना करना पड़ा हो। "1984 में भाजपा के पास केवल दो सांसद थे, लेकिन हमने कभी हार मानने का नाम नहीं लिया। भाजपा का जन्म राष्ट्र को सर्वोच्च स्थान पर पहुंचाने के लिए हुआ था, न कि सत्ता सुख के लिए।"
विधानसभा चुनाव और जनादेश का सम्मान:
रघुवर दास ने विधानसभा चुनाव में भाजपा के प्रदर्शन पर भी बात की। "हमने 2024 में बाबूलाल मरांडी जी के नेतृत्व में एकजुट होकर चुनाव लड़ा, लेकिन परिणाम हमारे पक्ष में नहीं रहे। राजनीति में हार-जीत होती रहती है। यह हमारा संघर्ष का हिस्सा है। लेकिन हम जनता के हर जनादेश का सम्मान करते हैं, चाहे वह सरकार बनाने का हो या विपक्ष को मजबूत करने का।"
जनहित के मुद्दे पर विपक्ष का रुख:
रघुवर दास ने सरकार से अपील की कि वह जनता से किए गए अपने वादों को पूरा करें। उन्होंने कहा, "भा.ज.पा. सरकार से यह अपील करती है कि वह जनता से किए वादों को जल्द से जल्द पूरा करें, अन्यथा हम सड़कों से लेकर सदन तक जनता के मुद्दे पर सरकार को जवाबदेह बनाएंगे।"
आखिर में प्रेरणादायक शब्द:
कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए रघुवर दास ने एक प्रेरणादायक कविता के जरिए अपनी भावनाएं व्यक्त की:
"जिस पल की मुझे महीनों से थी आस, आज उसे आपकी उपस्थिति बनाती है खास, खत्म करके अपनी जिम्मेवारी का प्रवास, घर आया है आपका अपना झारखंड का दास।"
रघुवर दास का यह बयान झारखंड के राजनीतिक माहौल में एक नई दिशा और ऊर्जा का संचार करता है। उनकी वापसी भाजपा के लिए एक मजबूत राजनीतिक कदम साबित हो सकती है, जो आगामी चुनावों और राज्य की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
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