Potka Accusation: विधायक पर झूठे आरोप, जानें उनके जवाब का प्लान

पोटका विधायक संजीव सरदार ने सोशल मीडिया पर छवि धूमिल करने की साजिश का किया खुलासा। जानें उनकी रणनीति और मानहानि केस की योजना।

Nov 26, 2024 - 10:33
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Potka Accusation: विधायक पर झूठे आरोप, जानें उनके जवाब का प्लान

पोटका (Potka): हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव 2024 के बाद पोटका के विधायक संजीव सरदार ने एक सनसनीखेज खुलासा किया। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर उनकी छवि धूमिल करने के लिए फर्जी अखबार कटिंग और झूठे आरोपों का सहारा लिया।

विधायक ने साफ तौर पर कहा कि इस तरह के बेबुनियाद आरोपों का उन्हें कोई असर नहीं हुआ, लेकिन अब वह ऐसे षड्यंत्रकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे।

फर्जी पोस्ट का मामला क्या है?

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सऐप पर कुछ लोगों ने फर्जी अखबार कटिंग शेयर की, जिसमें विधायक पर झूठे आरोप लगाए गए थे।

  • विधायक सरदार का दावा है कि यह सुनियोजित साजिश थी।
  • उन्होंने आरोप लगाने वालों के खिलाफ पहले कानूनी नोटिस देने और जवाब न मिलने पर मानहानि का मुकदमा दर्ज कराने की बात कही।

विधायक का बयान:
"मेरे खिलाफ फैलाए गए झूठे आरोपों का न तो कोई आधार है और न ही सच्चाई। पोटका की जनता ने मुझ पर जो भरोसा जताया है, मैं उसे ठेस नहीं पहुंचने दूंगा।"

चुनाव और साजिश: जीत के पीछे की कहानी

2024 के विधानसभा चुनाव में पोटका सीट पर मुकाबला बेहद रोचक रहा।

  • संजीव सरदार के सामने भाजपा की मीरा मुंडा थीं, जो पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा की पत्नी हैं।
  • लेकिन पोटका की जनता ने भाजपा उम्मीदवार को नकारते हुए सरदार को लगातार दूसरी बार चुना।

विधायक का कहना:
"यह चुनाव मान, सम्मान और स्वाभिमान की लड़ाई थी। पोटका की देवतुल्य जनता ने षड्यंत्रकारियों को करारा जवाब दिया है।"

पोटका में सरदार की लोकप्रियता का इतिहास

संजीत सरदार 2019 में पहली बार विधायक बने थे।

  • उनके कार्यकाल में पोटका में कई विकास योजनाएं शुरू की गईं, जैसे सड़क निर्माण और बिजली आपूर्ति सुधार।
  • यह सीट पहले से ही राजनीतिक रूप से संवेदनशील रही है।

सरदार की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जनता ने बड़े नामों को छोड़कर उन्हें चुना।

सोशल मीडिया और राजनीति का बढ़ता दखल

पोटका के विधायक का यह मामला दिखाता है कि सोशल मीडिया राजनीति में कैसे प्रचार और प्रपंच का माध्यम बन गया है।

  • चुनाव के दौरान फर्जी खबरें और असत्य आरोप आज एक आम बात हो चुकी है।
  • ऐसे मामलों में जनता को सच्चाई तक पहुंचाने के लिए कानून का सहारा लेना आवश्यक हो गया है।

आगे की कार्रवाई: विधायक का कड़ा रुख

विधायक ने साफ कर दिया है कि इस बार साजिश करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।

  • पहले कानूनी नोटिस देकर सबूत मांगे जाएंगे।
  • अगर सबूत पेश नहीं किए गए, तो सीधे मानहानि का मुकदमा दायर किया जाएगा।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम सरदार के लिए छवि बचाने का जरूरी कदम है।

चुनाव के बाद जनता के लिए वादे

विधायक सरदार ने अपनी जीत को जनता की जीत बताते हुए कहा कि वह जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरेंगे।

  • उन्होंने कहा, "जनहित में काम करना और पोटका का विकास मेरी प्राथमिकता है।"

पत्रकार वार्ता में कौन थे मौजूद?

विधायक के साथ कई प्रमुख स्थानीय नेता और कार्यकर्ता भी प्रेस वार्ता में शामिल हुए, जिनमें सुधीर सोरेन, भुवनेश्वर सरदार और ओम प्रकाश गुप्ता जैसे प्रमुख नाम शामिल थे।

क्या जनता इस फैसले का समर्थन करेगी?

सवाल उठता है कि क्या जनता इस कदम का समर्थन करेगी?

  • सोशल मीडिया के इस दौर में जहां खबरें तेजी से फैलती हैं, वहां सच और झूठ के बीच फर्क करना मुश्किल हो जाता है।
  • लेकिन पोटका की जनता ने सरदार पर एक बार फिर भरोसा जताया है।

क्या विधायक की यह रणनीति सोशल मीडिया पर साजिश करने वालों को रोक पाएगी? आप क्या सोचते हैं? अपनी राय नीचे कमेंट में दें।

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