Railway Problem: लाइन ब्लॉक से परेशान यात्री, बिहार-बंगाल तक फैला असर
रेलवे के लाइन ब्लॉक के कारण बिहार, झारखंड और बंगाल के यात्री हो रहे हैं परेशान। जानें किन ट्रेनों पर इसका असर पड़ा है और यात्री क्या कर सकते हैं।
जमशेदपुर (Jamshedpur): रेलवे के लाइन ब्लॉक ने पिछले डेढ़ महीने से बिहार, झारखंड और बंगाल के यात्रियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। ट्रेनों के रद्द होने और समय सारिणी में बदलाव से यात्रियों को न केवल यात्रा योजनाएं बदलनी पड़ रही हैं, बल्कि टिकट रद्द कराने की परेशानी भी झेलनी पड़ रही है।
क्यों लिया जा रहा है लाइन ब्लॉक?
दक्षिण पूर्व रेलवे के चक्रधरपुर मंडल में लाइन मरम्मत कार्य के कारण यह ब्लॉक लिया गया है। रेलवे का कहना है कि इस कार्य से ट्रेनों की सुरक्षा और सुविधा में सुधार होगा।
- इस दौरान टाटानगर-इतवारी एक्सप्रेस को 26, 28 और 30 नवंबर को रद्द किया गया है।
- टाटानगर-हटिया, टाटानगर-आसनसोल और झाड़ग्राम-पुरुलिया जैसी महत्वपूर्ण ट्रेनों पर भी असर पड़ा है।
कौन-कौन सी ट्रेनें हो रहीं रद्द?
27 और 28 नवंबर को निम्नलिखित ट्रेनें रद्द रहेंगी:
- टाटानगर-हटिया एक्सप्रेस
- टाटानगर-आसनसोल एक्सप्रेस
- झाड़ग्राम-पुरुलिया मेमू ट्रेन
- टाटानगर-बरकाकाना मेमू ट्रेन
इसके पहले 24 और 25 नवंबर को भी कई ट्रेनें रद्द की गई थीं, जिनमें टाटानगर-बक्सर एक्सप्रेस और झाड़ग्राम-धनबाद ट्रेन शामिल थीं।
चार राज्यों के यात्री प्रभावित
इस लाइन ब्लॉक का असर झारखंड, बिहार, बंगाल और ओडिशा जैसे राज्यों पर पड़ा है।
- बिहार के यात्री: बक्सर और पटना की ओर जाने वाली ट्रेनों के रद्द होने से यात्री परेशान हैं।
- बंगाल के यात्री: आसनसोल और पुरुलिया जाने वाली ट्रेनों के रद्द होने से यातायात बाधित है।
- झारखंड के यात्री: हटिया, बरकाकाना और धनबाद जाने वाली ट्रेनों की रद्दीकरण से दिक्कतें बढ़ी हैं।
यात्रियों की परेशानी: टिकट रद्द और नई योजना की चुनौती
लाइन ब्लॉक से ट्रेनों के रद्द होने के कारण यात्रियों को यात्रा योजनाएं बदलनी पड़ रही हैं।
- टिकट रद्द कराने की लंबी कतारें देखी जा रही हैं।
- ऑनलाइन टिकट रद्द कराने वालों को रिफंड प्रक्रिया में देरी का सामना करना पड़ रहा है।
धनबाद से पटना जाने वाले यात्री सुमन कुमार ने कहा, "ट्रेन रद्द होने के कारण हमें बस से यात्रा करनी पड़ी, जिससे खर्च और समय दोनों बढ़ गए।"
इतिहास: रेलवे में लाइन ब्लॉक की परंपरा
भारत में रेलवे के लाइन ब्लॉक का इतिहास दशकों पुराना है।
- 1990 के दशक में भी कई बार ट्रेनों को रद्द कर रेलवे पटरियों का मरम्मत कार्य किया गया।
- हालांकि, तब यात्रियों को सूचना देने के साधन सीमित थे, जिससे उनकी परेशानी और बढ़ जाती थी।
- आज, डिजिटल युग में भी यात्री सूचना की कमी से परेशान हैं।
क्या कहता है रेलवे प्रशासन?
रेलवे प्रशासन का कहना है कि यह ब्लॉक ट्रेनों की सुरक्षा और समयपालन में सुधार के लिए आवश्यक है।
- चक्रधरपुर मंडल के एक अधिकारी ने बताया, "लाइन की स्थिति सुधारने से भविष्य में ट्रेनों की गति और सुरक्षा दोनों बढ़ेगी।"
- हालांकि, अधिकारियों ने स्वीकार किया कि यात्री सुविधाओं में सुधार की अभी भी आवश्यकता है।
यात्रियों के लिए विकल्प और सुझाव
- यात्रा से पहले ट्रेन की स्थिति की जांच करें। रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट और ऐप्स का इस्तेमाल करें।
- वैकल्पिक परिवहन साधन: अगर ट्रेन रद्द है, तो बस या टैक्सी का विकल्प देखें।
- टिकट रद्द प्रक्रिया: यदि यात्रा संभव नहीं है, तो टिकट रद्द कर रिफंड प्रक्रिया शुरू करें।
पुनर्विचार की जरूरत: यात्री सुविधा पर ध्यान दें
रेलवे के लाइन ब्लॉक जैसे निर्णय लंबे समय में फायदे के लिए हो सकते हैं, लेकिन इसके तत्काल प्रभावों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
- यात्रियों को समय पर जानकारी और वैकल्पिक साधन उपलब्ध कराना जरूरी है।
- रेलवे को ऐसी योजनाएं बनानी चाहिए, जो यात्रियों की परेशानी को कम कर सकें।
क्या रेलवे यात्रियों की सुविधाओं पर ध्यान देगा? इस सवाल का जवाब वक्त देगा। लेकिन फिलहाल, चार राज्यों के हजारों यात्री परेशान हैं। आपका अनुभव कैसा रहा? नीचे कमेंट करके जरूर बताएं।
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