दीपावली का उल्लास संत नन्दलाल स्मृति विद्या मंदिर में! रामायण की झलकियों और मनमोहक नृत्यों से सजी खास प्रस्तुति
घाटशिला के संत नन्दलाल स्मृति विद्या मंदिर में दीपावली का जश्न अनोखे अंदाज में मनाया गया। छात्रों ने रामायण के पात्रों की भूमिका निभाई, और नृत्य व गीतों के जरिए दीपावली के असली अर्थ को जीवंत किया। जानिए, कैसे विद्यालय ने इस पर्व को रोशनी और प्रेम से भरपूर बनाया।
घाटशिला के संत नन्दलाल स्मृति विद्या मंदिर में इस बार दीपावली का पर्व विशेष उत्साह और भावनाओं के साथ मनाया गया, जहाँ छात्रों ने परंपरा और आधुनिकता का संगम दिखाते हुए दीयों और रंगों के त्योहार को अद्भुत तरीके से प्रस्तुत किया। विद्यालय ने छात्रों को इस पर्व के माध्यम से असत्य पर सत्य की जीत और अज्ञानता से ज्ञान की ओर बढ़ने का संदेश देने का प्रयास किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ छात्रों द्वारा दीपावली से जुड़े प्रेरणादायक विचारों के आदान-प्रदान से हुआ। इसके बाद, कक्षा आठवीं की छात्राओं ने दीपावली के महत्व पर आधारित एक गीत पर मंत्रमुग्ध कर देने वाला नृत्य प्रस्तुत किया, जो उनके प्रयास और लगन को दर्शाता था। इस प्रस्तुति में दीपों की रोशनी और रंग-बिरंगे परिधान ने सभी का मन मोह लिया और सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।
रामायण की झलकियां: नर्सरी के बच्चों का विशेष आकर्षण
कार्यक्रम में नर्सरी के बच्चों द्वारा रामायण के प्रसिद्ध पात्रों जैसे राम, सीता, हनुमान और रावण का रूप धारण करना इस पूरे आयोजन का मुख्य आकर्षण रहा। बच्चों ने अपने मासूम अभिनय से रामायण के चरित्रों को जीवंत कर दिया। इन छोटे बच्चों को इन रूपों में देखकर दर्शकों में भावनात्मक जुड़ाव पैदा हुआ, जिसने सभी को रामायण की महिमा और दीपावली के मूल संदेश की याद दिलाई।
दीपावली का इतिहास और पर्व का महत्व
दीपावली का त्योहार, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है, सदियों से भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा रहा है। भगवान राम के चौदह वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या वापसी का जश्न मनाने के प्रतीक के रूप में यह त्योहार मनाया जाता है। इस दिन अयोध्या के लोगों ने दीप जलाकर राम का स्वागत किया, जिससे "दीपावली" या "रोशनी का त्योहार" अस्तित्व में आया। विद्यालय के इस आयोजन ने इन ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहलुओं को भी संजोए रखा।
विद्यालय की प्राचार्या, श्रीमती नीलकमल सिन्हा ने छात्रों को इस अवसर पर संबोधित करते हुए कहा कि दीपावली का पर्व हमें समाज में व्याप्त कुरीतियों को समाप्त कर, ज्ञान के प्रकाश से अपना जीवन और अपने आस-पास के वातावरण को रोशन करने की प्रेरणा देता है। उनके इस संदेश ने सभी छात्रों के मन में नई सोच और ऊर्जा का संचार किया।
शिक्षकों और प्रबंधन की विशेष भागीदारी
इस अवसर पर विद्यालय के प्रबंधक श्री प्रसनजीत कर्मकार, शिक्षक प्रभारी श्री अनूप कुमार पटनायक, एकादमिक इंचार्ज श्री एस आर दत्ता, और प्राइमरी प्रभारी सुजाता वर्मा सहित अन्य शिक्षकगण भी मौजूद रहे, जिन्होंने कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना योगदान दिया।
कार्यक्रम के सफल आयोजन में शिक्षिका श्रीमती नेहा मजूमदार, नीलिमा सरकार, और सोमनाथ दे ने विशेष भूमिका निभाई। इन सभी ने बच्चों के प्रदर्शन को दिशा देने और आयोजन को सफल बनाने में अहम योगदान दिया। कक्षा ग्यारहवीं की अंकिता पॉल और अंकिता शील ने मंच संचालन करते हुए कार्यक्रम को ऊर्जावान बनाए रखा, जिससे पूरे आयोजन में एक नया उत्साह बना रहा।
अंतिम प्रस्तुति और दीपावली संदेश
कार्यक्रम का समापन विद्यालय की शैक्षिक प्रभारी श्रीमती साश्वती राय पटनायक द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। उन्होंने सभी छात्रों और शिक्षकों का इस भव्य आयोजन को सफल बनाने के लिए धन्यवाद किया और सभी को दीपावली की शुभकामनाएँ दीं। उनके शब्दों ने इस पर्व की गहराई और इसके महत्व को और भी मजबूत बना दिया।
संत नन्दलाल स्मृति विद्या मंदिर का यह आयोजन एक उत्कृष्ट उदाहरण है कि कैसे शिक्षा संस्थान न केवल पढ़ाई के क्षेत्र में बल्कि सांस्कृतिक और नैतिक विकास में भी छात्रों का मार्गदर्शन कर सकते हैं। इस आयोजन से छात्रों ने दीपावली के असली संदेश को समझा और इसे अपने जीवन में लागू करने का संकल्प लिया।
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