पाकुड़ में आदिवासियों से मारपीट को लेकर पोटका माझी परगना महाल की टीम रवाना, राज्यपाल से न्याय की गुहार

पाकुड़ में आदिवासियों से मारपीट और जमीन से बेदखल किये जाने की घटना को लेकर पोटका माझी परगना महाल की टीम पीड़ितों से मिलने और राज्यपाल से न्याय की गुहार लगाने रवाना हुई।

Aug 3, 2024 - 17:41
Aug 3, 2024 - 17:58
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पाकुड़ में आदिवासियों से मारपीट को लेकर पोटका माझी परगना महाल की टीम रवाना, राज्यपाल से न्याय की गुहार
पाकुड़ में आदिवासियों से मारपीट को लेकर पोटका माझी परगना महाल की टीम रवाना, राज्यपाल से न्याय की गुहार

पाकुड़ (झारखंड) में आदिवासियों के साथ हुई मारपीट और उन्हें जमीन से बेदखल किये जाने की घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। इस घटना को गंभीरता से लेते हुए पोटका माझी परगना महाल और आदिवासी पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था का एक प्रतिनिधिमंडल शनिवार को पाकुड़ के लिए रवाना हुआ। इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व माझी बाबा दुर्गा चरण मुर्मू और वीरेन टुडू कर रहे हैं।

प्रतिनिधिमंडल का उद्देश्य पाकुड़ में पीड़ित परिवारों से मिलकर उनकी समस्याओं को समझना और राज्यपाल को ज्ञापन सौंप कर न्याय की गुहार लगाना है। घटना का प्रमुख कारण जमीन विवाद बताया जा रहा है, जिसमें आदिवासी परिवारों के साथ मारपीट और महिलाओं के साथ अभद्रता की गई।

गौरतलब है कि 27 जुलाई को पाकुड़ थाना क्षेत्र के गायबथान गांव में जमीन विवाद को लेकर आदिवासी परिवारों के साथ हुई मारपीट और केकेएम आदिवासी छात्रावास पाकुड़ के छात्रों पर स्थानीय पुलिस द्वारा सुनियोजित तरीके से जानलेवा हमला किए जाने की घटना की जमीनी हकीकत जानने के लिए प्रतिनिधिमंडल पाकुड़ पहुंचा है।

प्रतिनिधिमंडल ने पीड़ित आदिवासी परिवारों और पुलिस द्वारा मारपीट कर घायल किए गए छात्रों से मिलकर उनकी समस्याओं को सुना और उन्हें न्याय दिलाने का आश्वासन दिया। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि वे राज्यपाल से मिलकर घटना की निष्पक्ष जांच की मांग करेंगे और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने का अभियान चलाएंगे।

आज पाकुड़ के लिए रवाना हुए प्रतिनिधिमंडल में परगना बाबा लखन मार्डी, देश जायरेत बीरेन टुडू, जोगो परानिक दीपक मुर्मू, बिन्दु सोरेन, हिरनपुर परगना मसीह मरांडी, शिबू टुडू आदि शामिल हैं।

इस घटना ने झारखंड में आदिवासी समुदाय की सुरक्षा और न्याय प्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह की घटनाओं से आदिवासी समुदाय में असुरक्षा की भावना बढ़ती जा रही है। प्रशासन से मांग की जा रही है कि वे जल्द से जल्द दोषियों को सजा दिलाएं और पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाएं।

प्रतिनिधिमंडल के इस कदम से यह साफ है कि आदिवासी समुदाय अपने अधिकारों और सुरक्षा के लिए एकजुट हो रहा है और वे न्याय पाने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं।

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Chandna Keshri चंदना केशरी, जो गणित-विज्ञान में इंटरमीडिएट हैं, स्थानीय खबरों और सामाजिक गतिविधियों में निपुण हैं।