Netaji Subhas University : वाणिज्य विभाग के विद्यार्थियों ने एआई-संचालित टैक्स सी ऐप विकसित किया, क्या यह भविष्य का समाधान होगा?
नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय के वाणिज्य विभाग के छात्रों ने एआई-संचालित 'टैक्स सी' ऐप विकसित किया है, जो कर गणना को सरल बनाने का वादा करता है। जानें इस पहल के बारे में।
नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय के वाणिज्य विभाग के कुछ होशियार विद्यार्थियों ने अपनी प्रतिभा और उभरती तकनीकों का उपयोग करते हुए एक एआई-संचालित एंड्रॉइड एप्लिकेशन 'टैक्स सी' विकसित किया है। इस एप्लिकेशन का उद्देश्य उपयोगकर्ताओं को उनकी कर देयता की सटीक और सरल गणना करने में मदद करना है। इस पहल से न केवल वाणिज्य शिक्षा में तकनीकी उत्कृष्टता का मार्ग प्रशस्त हुआ है, बल्कि यह कर गणना को भी स्मार्ट और अधिक कुशल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। आइए जानते हैं इस एप्लिकेशन की विशेषताएँ और इसके पीछे की प्रेरणा।
क्या है 'टैक्स सी' ऐप?
'टैक्स सी' एक मोबाइल एप्लिकेशन है जिसे वाणिज्य विभाग के विद्यार्थियों मिताली लो, नेहा प्रधान, नगमा बानो और मुअज्जम ने विकसित किया है। इस ऐप को खासतौर पर कर गणना के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिसमें एआई और प्रॉम्प्ट इंजीनियरिंग का उपयोग किया गया है। यह एप्लिकेशन उपयोगकर्ताओं को उनकी कर देयता को तेजी से और सही तरीके से समझने में मदद करता है। 'टैक्स सी' ऐप एआई-संचालित विश्लेषण प्रदान करता है, जिससे कराधान प्रणाली को सरल और पारदर्शी बनाया जा सकता है।
सहायक आचार्य विवेक सिंह का मार्गदर्शन
इस परियोजना के मुख्य मार्गदर्शक सहायक आचार्य विवेक सिंह थे, जिनके कुशल नेतृत्व में छात्रों ने इस ऐप को विकसित किया। विवेक सिंह का कहना है कि यह परियोजना यह दर्शाती है कि किस प्रकार उभरती प्रौद्योगिकियाँ, जैसे एआई, वाणिज्य शिक्षा के साथ मिलकर नवाचार कर सकती हैं। इसके माध्यम से छात्रों ने एक वास्तविक दुनिया के एप्लिकेशन के निर्माण के लिए उन्नत तकनीकी ज्ञान का उपयोग किया, जो न केवल शिक्षा के क्षेत्र में, बल्कि वित्तीय और कर क्षेत्रों में भी बड़ा बदलाव ला सकता है।
विश्वविद्यालय के कुलपति की सराहना
नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. प्रभात कुमार पाणि ने इस उपलब्धि पर छात्रों और उनके मार्गदर्शक सहायक आचार्य विवेक सिंह की सराहना की। उन्होंने कहा, "नवाचार प्रगति की कुंजी है और मुझे गर्व है कि हमारे वाणिज्य विभाग के छात्र एआई और प्रॉम्प्ट इंजीनियरिंग जैसे उन्नत तकनीकों का उपयोग कर रहे हैं। यह विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को दर्शाता है कि हम वाणिज्य शिक्षा में तकनीकी उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहे हैं।"
आगे क्या?
'टैक्स सी' ऐप का आधिकारिक शुभारंभ 30 जनवरी, 2025 को हुआ है, हालांकि यह अभी गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध नहीं है। विश्वविद्यालय के छात्र और संकाय इसके भविष्य में अपडेट और सुधार के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। ऐप को लेकर अब और अधिक व्यावहारिक एप्लिकेशन और सुधार की योजना बनाई जा रही है, ताकि यह और भी उपयोगी हो सके। इसके अलावा, यह एआई-संचालित समाधान वित्तीय शिक्षा को और अधिक सुलभ और प्रभावी बना सकता है।
वाणिज्य शिक्षा में तकनीकी बदलाव
इस ऐप ने यह साबित कर दिया है कि कैसे छात्र तकनीकी नवाचार के माध्यम से पारंपरिक शिक्षा के तरीकों को चुनौती दे सकते हैं। एआई जैसे जटिल तकनीकी क्षेत्रों में गहरी रुचि रखने वाले विद्यार्थियों ने इसे शिक्षा के एक नए मोड़ के रूप में प्रस्तुत किया है। इस पहल से यह भी स्पष्ट होता है कि भारत जैसे विकासशील देश में तकनीकी शिक्षा को समाहित करने की आवश्यकता कितनी महत्वपूर्ण है।
नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा विकसित 'टैक्स सी' ऐप ने न केवल तकनीकी नवाचार की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है, बल्कि यह वाणिज्य शिक्षा के क्षेत्र में भी एक नई क्रांति की शुरुआत हो सकती है। एआई के माध्यम से कर गणना को सरल और सटीक बनाने का यह प्रयास निश्चित रूप से शिक्षा और वित्तीय क्षेत्र में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। यह ऐप भविष्य में और भी अधिक कार्यात्मक बन सकता है और छात्रों को कराधान प्रणाली को बेहतर तरीके से समझने में मदद करेगा।
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